जबलपुर में शनिवार, 20 जनवरी को एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और बीजेपी विधायक भूपेंद्र सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है. कोर्ट का ये आदेश कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के परिवाद पर दिया गया. एमपी एमएलए कोर्ट की विशेष न्यायाधीश विश्वेवरी मिश्रा की कोर्ट ने 10 करोड़ रुपए की मानहानि के परिवाद पर सुनवाई करते हुए सभी के बयान दर्ज करने के बाद मुकदमा दर्ज करने का फैसला सुनाया है.
दरअसल, पूरा मामला पंचायत चुनाव से जुड़ा हुआ है. मध्य प्रदेश की 23000 ग्राम पंचायत में संपन्न हुई त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान बीजेपी नेताओं ने वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ गलत बयानबाजी की थी. बीजेपी नेताओं के बयानों से आहत होने के बाद विवेक तन्खा ने परिवाद दाखिल किया था.
क्या था पूरा मामला?
बता दें, साल 2021 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी थी. तब रोटेशन और परिसीमन को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी की थी. पैरवी के दौरान मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने विवेक तन्खा के खिलाफ बयान जारी करते हुए उन्हें ओबीसी विरोधी करार दिया था.
उसी से आहत होकर विवेक तन्खा ने तीनों नेताओं से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की थी, लेकिन जब माफी नहीं मांगी गई तो जबलपुर कोर्ट में 10 करोड़ रुपए का मानहानि केस दायर कर दिया था, जिसकी पैरवी करने खुद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल 29 अप्रैल 2023 को जबलपुर की विशेष अदालत आए थे.
अधिवक्ता विवेक तन्खा ने बीजेपी की ओर से उन्हें लेकर की गई टिप्पणियों से संबंधित वीडियो और सोशल मीडिया में किए गए कमेंट्स का ब्यौरा भी अदालत को दिया था, जिसके बाद जबलपुर की एमपी एमएलए विशेष अदालत ने बयान दर्ज करने के साथ ही धारा 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं.
(इनपुट- मोहम्मद ताहिर खान)
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