नागालैंड (Nagaland) में सुरक्षाबलों की एक चूक से 13 आम नागरिकों की जान चली गई, इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए जा चुके हैं. लेकिन हालात लगातार तनावपूर्ण बने हैं. जिसके बाद पूरे मोन जिले में कर्फ्यू जैसी पाबंदी लगा दी गई है. सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के दौरान हुई इस बड़ी घटना के बाद गृहमंत्रालय भी विपक्ष के निशाने पर है. जानिए नागालैंड में हुई इस घटना से जुड़ी 10 बड़ी बातें -
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक नागालैंड में एक और नागरिक की मौत हुई है. हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है. लोगों के गुस्से को शांत करने की कोशिश हो रही है.
नागालैंड के मोन जिले में पूरी तरह कर्फ्यू लगा दिया गया है. आवश्यक सेवा के अलावा यहां किसी भी वाहन की आवाजाही को इजाजत नहीं दी गई है. पूरे जिले में धारा-144 लागू है.
सैन्य ऑपरेशन में 13 आम नागरिकों के मारे जाने की खबर के बाद पूरे जिले में तनाव फैल गया. इस घटना को लेकर वहां तरह-तरह की जानकारियां फैलने लगीं, जिसे देखते हुए प्रशासन ने तुरंत इंटरनेट और एसएमएस सर्विस को बंद कर दिया है.
हालात को देखते हुए म्यांमार बॉर्डर पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है. उग्रवादियों के मूवमेंट पर कड़ी नजर रखी जा रही है. क्योंकि इस घटना के बाद उग्रवादी माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं.
एक उग्रवादी संगठन की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने की थी ऑपरेशन की तैयारी. अलग-अलग ग्रुप बनाकर घेरने का था प्लान. लोगों से भरे एक मिनी ट्रक ने जैसे ही सुरक्षाबलों की एक टुकड़ी को पार किया, आगे मौजूद दूसरी टुकड़ी ने उस पर फायरिंग कर दी.
सुरक्षाबलों की इस फायरिंग में 6 स्थानीय लोगों की मौत हो गई. इसके बाद आसपास के इलाके के तमाम लोग वहां जुटना शुरू हो गए. करीब 200 लोगों ने 14 जवानों की टुकड़ी को घेर लिया. भीड़ को अपनी तरफ बढ़ता देख आत्मरक्षा में जवानों ने गोलियां चलाईं और इसमें 7 और लोगों की मौत हो गई. साथ ही एक जवान की भी मौत हुई.
इसके बाद ये भी जानकारी सामने आई कि गुस्साए लोगों ने नागालैंड में स्थित असम राइफल्स के कैंप पर भी हमला किया. इस दौरान एक हिस्से पर आग भी लगा दी गई. बताया गया कि इसी दौरान एक और शख्स की मौत हुई. जिसे देखते हुए पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया.
इस बड़े मामले को लेकर विपक्ष ने भी गंभीर सवाल उठाए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूछा कि आखिर देश का गृहमंत्रालय क्या कर रहा है, देश में नागरिक और सुरक्षाबल ही सेफ नहीं हैं. असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना के बाद गृहमंत्री अमित शाह को हटाने की मांग की.
इस घटना को लेकर आलोचना का सामना कर रहे गृहमंत्री अमित शाह ने घटना पर दुख जताया. साथ ही उच्च स्तरीय एसआईटी की जांच की बात कही. इससे पहले नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने भी एसआईटी जांच की बात कही थी. साथ ही बताया था कि कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी. सेना की तरफ से भी खेद प्रकट किया गया था.
नागालैंड में मशहूर हॉर्नबिल फेस्टिवल के तहत सुरक्षाबल लगातार एक्टिव थे. NSCN (KY) और ULFA जैसे उग्रवादी संगठनों के हमले की आशंका जताई जा रही थी, ऐसे में कथित तौर पर एक गलत सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने ये ऑपरेशन प्लान किया.
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