राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गुरुवार, 27 जनवरी को कर्नाटक (Karnataka) सरकार को उडुपी (Udupi) के एक सरकारी कॉलेज में हिजाब पहनने पर आठ छात्राओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में नोटिस जारी कर दिया है.
नोटिस में लिखा गया कि, मामले के तथ्य विचलित करने वाले हैं. शिकायत में लगाए गए आरोप 'शिक्षा के अधिकार' से संबंधित गंभीर हैं. इसलिए इस मामले में पीड़ित छात्रों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.
यह नोटिस उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और उडुपी के जिलाधिकारी को भेजा गया है और चार हफ्तों में रिपोर्ट मांगी गई है.
दरअसल कर्नाटक के उडुपी में सरकारी महिला पीयू कॉलेज ने हिजाब पहनने वाली आठ छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दी है और लगभग एक महीने बाद भी छात्राएं अपनी कक्षाओं में प्रवेश करने के लिए लड़ रही हैं.
सभी लड़कियों की उम्र 16 से 19 साल के बीच है और 31 दिसंबर से उनकी अटेंडेंस मार्क नहीं हो रही. कॉलेज ने कहा है, "कैंपस में किसी भी धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी".
द क्विंट से बात करते हुए, दो छात्राओं- 18 साल की एएच अल्मास और 17 साल की आलिया असदी ने बताया कि उन पर लगी रोक की वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
आलिया कहती हैं कि, "हम मुसलमान हैं और हिजाब हमारी आस्था का हिस्सा है. इसके साथ ही हम करियर और अच्छे जीवन की आकांक्षा रखने वाले छात्र भी हैं. हमसे अचानक अपनी पहचान और अपनी शिक्षा के बीच चयन करने की अपेक्षा क्यों की जाती है? यह बिल्कुल भी उचित नहीं है."
वहीं अल्मास ने कहा कि कुछ महीनों में परीक्षाएं आने वाली हैं, इसलिए कक्षा में रोक से प्रभाव पड़ सकता है. अल्मास ने कहा, "हमारी अटेंडेंस कम हो रही है... हम महत्वपूर्ण लेसन छोड़ रहे हैं. कुछ महीनों में हमारी परीक्षाएं हैं. हम बहुत घबराए हुए हैं कि फिर क्या होगा."
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