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Qपटना: बिहार में कोरोना से पहली मौत, जनता कर्फ्यू से पसरा सन्नाटा

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बिहार में कोरोना से पहली मौत, एक और मरीज संक्रमित

विश्व में कहर बरपा चुका कोरोनावायरस बिहार में भी एक व्यक्ति की मौत का कारण बन चुका है. बिहार में कोरोनावायरस से दो लोगों को संक्रमित पाया गया है, जिसमें से एक मरीज की मौत हो गई है, जबकि दूसरे को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. बिहार के स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार ने रविवार को बताया, "बिहार में कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि दूसरा मरीज पटना का ही रहने वाला है, जिसे एक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है." यह कोरोनावायरस संक्रमित किसी मरीज की बिहार में पहली मौत है.

एक अधिकारी ने बताया कि मुंगेर के रहने वाले सैफ अली (38) को किडनी की गंभीर बीमारी के कारण पटना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 20 मार्च को भर्ती कराया गया था. बाद में इनकी पहचान संदिग्ध कोरोना मरीज के रूप में की गई थी और उनका नमूना पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरएमआरआई) में भेजा गया था.

पटना एम्स के सुपरिटेंडेंट सी. एम. सिंह ने बताया, "सैफ अली कतर से लौटा था और उसे 20 मार्च को एम्स में भर्ती कराया गया था. इसके बाद उसे कोविड-19 संदिग्ध मानकर उसके नमूने जांच के लिए पटना के आरएमआरआई में भेजे गए थे. " उन्होंने बताया कि 21 मार्च को सैफ अली की मौत हो गई, जबकि इसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की रिपोर्ट एम्स प्रशासन को रविवार को मिली.
इधर, स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार ने बताया कि अभी तक मिले दोनों मरीजों की 'ट्रैवल हिस्ट्री' रही है. इस कारण प्रोटोकॉल के तहत दोनों मरीजों को संपर्क में आने वाले लोगों का भी पता लगाया जा रहा है.

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बिहार में 'जनता कर्फ्यू' से पसरा सन्नाटा, पटना की सड़कें सुनसान

दुनिया के लिए संकट बन चुके कोरोनावायरस संक्रमण की महामारी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर बिहार के लोगों ने 'जनता कर्फ्यू' में शामिल होकर कोरोना को हराने का संकल्प दिखाया. कोरोनावायरस के खिलाफ जंग ('जनता-कर्फ्यू') के दौरान रविवार को राजधानी पटना सहित राज्य के करीब सभी क्षेत्रों में सड़कें सुनसान रहीं और अधिकांश रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्म भी सूने रहे. 'जनता कर्फ्यू' के शुरू होने के बाद से पटना की करीब सभी दुकानें बंद दिखी. दवा की दुकानें जरूर खुली हुई थी. पटना की सड़कों पर भी वाहन नहीं के बराबर चले. पटना के विभिन्न इलाकों में जहां लोग अपने घरों में ही बंद दिखे, वहीं सड़क पर भी कर्फ्यू का नजारा दिख रहा था.

‘जनता कर्फ्यू’ का असर बिहार के लगभग हर जिले में दिखा. जहानाबाद, सीवान, आरा, गोपालगंज समेत लगभग हर जिलों की दुकानें बंद नजर आई. रेलवे स्टेशनों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ था. हाजीपुर रेलवे स्टेशन भी सुनसान दिखा. कटिहार में भी सड़कें सुनसान रही.

आरा में भी लोग सुबह टहलने के लिए नहीं निकले. पूर्णिया में 'जनता कर्फ्यू' का व्यापक समर्थन देखने को मिला. सुपौल के व्यस्ततम चौराहों पर भी पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ था. कहीं-कहीं एक दो लोग ही नजर आए. बिहार सरकार कोरोनावायरस को लेकर कई तरह के एहतियाती कदम उठाए हैं. इसके तहत स्कूल, कॉलेजों, छात्रावास, मंदिरों, पार्को को बंद कर दिया गया है.

बिहार के शहरी इलाकों में 31 मार्च तक 'लॉकडाउन'

दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोनावायरस के रविवार को बिहार में दस्तक के साथ ही बिहार के शहरी इलाकों को 31 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया गया. इस दौरान हालांकि आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है. इधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से इसमें सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि कोरोनावायरस से मानव जाति संकट में है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार की शाम राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और उसके बाद जिला मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालय और प्रखंड मुख्यालय को लॉकडाउन करने की घोषणा कर दी गई. राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को इससे अलग रखा गया है.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, “सभी जिला, अनुमंडल, प्रखंड मुख्यालयों और सभी नगर निकायों पर यह आदेश लागू रहेगा.” आवश्यक सामग्रियों की दुकनों, बैंक, पोस्टऑफिस सहित अन्य अनिवार्य सेवाओं को इस बंद से मुक्त रखा गया है. इस आदेश के तहत सभी सभी निजी प्रतिष्ठानों, निजी कार्यालयों एवं सार्वजनिक परिवहन को पूर्णत: बंद करने का निर्देश दिया गया है.

फिहलाल यह आदेश 31 मार्च तक लागू रहेगा, उसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा. बैठक के बाद बिहारवासियों के नाम संदेश जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "कोरोना वायरस से पूरी मानव जाति संकट में है. हम सब इस महामारी का डट कर मुकाबला कर रहे हैं. आवश्यक सावधनियां भी बरती जा रही हैं, लेकिन इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुये प्रत्येक व्यक्ति का सचेत रहना आवश्यक है. इसका सबसे अच्छा उपाय 'सोशल डिस्टेंसिंग' है."

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नीतीश कुमार की केंद्र से अपील- बिहार आने वाली सभी फ्लाइट की जाएं बंद

देश में कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बात की है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से बिहार आने वाली सभी फ्लाइट को बंद करने की अपील की है.

बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश सरकार लगातार जरूरी कदम उठा रही है. बिहार सरकार ने 31 मार्च तक सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल-कॉलेज बंद किए जा चुके हैं. इसके अलावा सरकारी पार्क और चिड़ियाघर भी बंद हैं. बावजूद इसके प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में सूबे के सीएम नीतीश कुमार ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बिहार सभी उड़ाने बंद करने का सुझाव दिया है.

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बिहार में आपातकालीन सेवा कर्मियों का ताली, थाली, घंटी बजाकर आभार

बिहार के राज्यपाल फागू चौहान सहित प्रदेश वासियों ने कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए रविवार की शाम स्वास्थ्य सहित विभिन्न आवश्यक एवं आपातकालीन सेवा कर्मियों का ताली, थाली, घंटी बजाकर आभार व्यक्त किया. पटना शहर स्थित राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान ने चिकित्सकों और सभी सेवाकर्मियों को शाम पांच बजे राजभवन कर्मियों के साथ ताली बजाकर प्रोत्साहित किया . राज्यपाल ने कहा कि आज राज्य वासियों ने जनता कर्फ्यू का पालन जितनी सजगता, तत्परता, स्वतः स्फूर्ति और आत्मसंयमपूर्वक किया, वह काबिले तारीफ है तथा इससे कोरोना वायरस के प्रतिकार में हमें काफी मदद मिलेगी. राज्यपाल ने कोरोना वायरस से राज्य में एक व्यक्ति की मृत्यु होने पर गहरा शोक तथा उसके परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर की.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास एक अणे मार्ग पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने चिकित्सकों सहित अन्य आपात सेवा कर्मियों का ताली बजाकर अभिनंदन किया . बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने स्वास्थ्य सहित विभिन्न आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाकर्मियों का अभिनंदन थाली बजाकर किया .

उन्होंने आशा जताई कि कोरोना प्रभावित रोगियों की राज्य में पूरी मुस्तैदी से चिकित्सा होगी. राज्यपाल ने अपील की है कि सामाजिक दूरी का पालन किया जाये तथा बहुत आवश्यक नहीं होने पर लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकलें. राज्यपाल ने कहा है कि 60-65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को तो बिल्कुल ही घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.

उन्होंने अनुरोध किया है कि किसी भी व्यक्ति को अपनी बीमारी के लक्षणों को नहीं छिपाना चाहिए और इलाज के क्रम में डॉक्टरों को सही जानकारी देनी चाहिए. राज्यपाल ने कहा है कि कोरोनावायरस की महामारी से निपटने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जन-सहभागिता को भी आवश्यक बताया है. राज्यपाल ने अपील की है कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के मार्ग-निर्देशों का पूरी तरह अनुपालन किया जाना चाहिए तथा कोरोना वायरस की महामारी से निबटने में सबको पूरी सजगता, संयम और सहयोग का परिचय देना चाहिए.

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