JDU को 2020 में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए: प्रशांत किशोर
जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने रविवार को कहा कि बिहार में एनडीए की वरिष्ठ साझेदार होने के नाते उनकी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तुलना में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. दोनों दलों ने इस साल लोकसभा चुनाव में समान संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ा था. किशोर ने पटना में मीडिया से कहा, ‘‘मेरे अनुसार लोकसभा चुनाव का फार्मूला विधानसभा चुनाव में दोहराया नहीं जा सकता.’’
‘‘अगर हम 2010 के विधानसभा चुनाव को देखें जिसमें जेडीयू और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था तो यह अनुपात 1:1.4 था. अगर इसमें इस बार मामूली बदलाव भी हो, तो भी यह नहीं हो सकता कि दोनों दल समान सीटों पर चुनाव लड़ें.’’-प्रशांत किशोर, उपाध्यक्ष, जेडीयू
किशोर ने कहा, ‘‘जेडीयू अपेक्षाकृत बड़ी पार्टी है जिसके करीब 70 विधायक हैं जबकि बेजीपी के पास करीब 50 विधायक हैं. इसके अलावा, विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार को एनडीए का चेहरा बनाकर लड़ा जाना है.’’
बता दें कि किशोर हाल में सीएए और एनसीआर को लेकर बीजेपी को लगातार निशाना बनाते आए हैं.
सुशील मोदी ने UPA शासन में NPR का विरोध नहीं करने के लिए विपक्ष पर मढ़ा दोष
एनपीआर को लेकर जानबूझकर विवाद पैदा करने के लिए कांग्रेस, आरजेडी और अन्य विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रविवार को हैरानी जतायी कि कांग्रेस नीत यूपीए शासन के दौरान जब इसकी शुरूआत की गयी तो आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने इसका विरोध क्यों नहीं किया था. उपमुख्यमंत्री पटना में बेजीपी के पूर्व विधानपार्षद सूरज नंदन कुशवाहा की पहली पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में राष्ट्रवादी कुशवाहा परिषद् द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे .
‘‘एनपीआर तैयार करने की प्रक्रिया 2010 में यूपीए के शासन काल में शुरू हुई थी ...अब इसे (एनपीआर) 2021 की जनगणना के पहले अपडेट किया जाना है. कांग्रेस, आरजेडी और अन्य विपक्षी दल जानबूझकर एनपीआर पर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जब सभी राज्य सरकारों ने गजट अधिसूचना जारी कर दी है.’’-सुशील मोदी, उपमुख्यमंत्री, बिहार
उन्होंने जोर दिया कि एनपीआर को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से नहीं जोड़ना चाहिए. सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह स्पष्ट कर चुके हैं कि एनपीआर का एनआरसी से कोई संबंध नहीं है, फिर कांग्रेस नेता, प्रसाद और अन्य विपक्षी दलों के नेता एक खास समुदाय को गुमराह करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं.
किशनगंज में ओवैसी ने की 'संविधान बचाओ, देश बचाओ' रैली
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को किशनगंज में एक रैली की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिक संशोधन कानून (सीएए) लागू कर सरकार देश के अंदर फूट डालना चाहती है. उन्होंने कहा कि इस कानून का जबर्दस्त विरोध किया जाएगा. किशनगंज के रुईदासा मैदान में 'संविधान बचाओ, देश बचाओ' रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशना साधा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इन कानूनों के जरिए बाबा साहेब और डॉ. राजेंद्र प्रसाद के सपनों को तोड़ रही है.
उन्होंने कहा, "ये मसला केवल मुसलमानों के लिए नहीं है, बल्कि यह सभी 130 करोड़ लोगों का मसला है. इस पर हम लोगों को गंभीरता से विचार करना चाहिए. इसका विरोध लगातार किया जाएगा."
ओवैसी ने मोदी पर मुसलमानों से नफरत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के मुसलमानों ने भी आजादी की लड़ाई में कुर्बानियां दी थीं. उन्होंने किसी से नहीं डरने की बात करते हुए कहा कि बाबा साहेब ने संविधान लागू करते समय इस बात का जिक्र किया था कि यह देश किसी एक खास मजहब के लोगों का नहीं, बल्कि सभी मजहब को मानने वालों का होगा.
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "आखिर पीएम मोदी को देश के मुसलमानों से इतनी नफरत क्यूं है? क्या वे देश की तरक्की में बराबर के हिस्सेदार नहीं हैं?" ओवैसी ने दावा करते हुए कहा कि असम में इस कानून के तहत बांग्ला भाषा बोलने वाले पांच लाख लोगों को डिटेंशन कैंपों में रखा गया है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सियासी हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा, "सुशासन बाबू, भारत के संविधान को खराब करने के लिए देश आपको कभी माफ नहीं करेगा. संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और नीतीश कुमार आंखें बंद किए बैठे हैं."
नीतीश राजगीर पहुंचे, शीतल कुंड गुरुद्वारे में मत्था टेका
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी महाराज के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर राजगीर के शीतल कुंड गुरुद्वारा पहुंचे. उन्होंने मत्था टेका और अरदास में भी शिरकत की. इस मौके पर अलग-अलग हिस्सों से आए जत्थेदारों ने मुख्यमंत्री को सरोपा और प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को लंगर परोसने के बाद खुद भी लंगर छका. मुख्यमंत्री ने लंगर में सेवा भी की. उन्होंने चल रहे लंगर की तारीफ करते हुए कहा कि यहां लंगर चल रही है, जिसमें लाखों लोग खा रहे हैं.
‘वाहे गुरुजी की खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह’ जैसे नारों के बीच अपने संबोधन में नीतीश ने राजगीर को सभी धर्मो की आस्था का केंद्र बताते हुए कहा, “राजगीर से गुरुनानक देव जी महाराज का जो संबंध रहा है, इसे मीडिया को प्रमुखता से दिखाना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक जानकारी पहुंच सके.”
उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव जी का मानना था कि समाज में एकता, भाईचारा, प्रेम, समानता और आध्यात्मिक ज्योति का संदेश देना चाहिए. मान्यता है कि मलमास मास में हिंदू धर्म के देवी-देवता राजगीर में ही निवास करते हैं. यहां के पंच पहाड़ी पर अनेक जैन मंदिर भी हैं. ज्ञान प्राप्ति से पहले और ज्ञान प्राप्ति के बाद महात्मा बुद्ध भी यहां आए थे. मकदूम साहब भी राजगीर आए थे, इसलिए राजगीर सभी धर्मो की धरती है.
उन्होंने कहा, "यह प्राकृतिक जगह है और हमलोग इको टूरिज्म पर भी काम कर रहे हैं. राजगीर में हर समय का इतिहास मिलेगा."
बिहार में 'संकल्प 95' की प्रधानमंत्री ने की तारीफ
अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की साल 2019 की अंतिम कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र निर्माण में बेतिया के अलुमनी एसोसिएशंस की भूमिका की तारीफ की. उदाहरण के तौर पर 'संकल्प 95' का जिक्र करते हुए बिहार के पश्चिम चंपारण में अपने क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता पैदा करने का संकल्प लेने के लिए प्रधानमंत्री ने केआर हाईस्कूल के 1995 बैच के पुराने छात्रों के ग्रुप की तारीफ की.
बेतिया मेडिकल कॉलेज और अन्य ने इस पहल का स्वागत किया है, जिससे जिले के आम लोगों के स्वास्थ में सुधार हो सके. प्रधानमंत्री ने कहा कि 'संकल्प 95' एक ऐसा उदाहरण है, जिसका प्रत्येक व्यक्ति को अनुसरण करना चाहिए.
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