पटना पुलिस ने बुधवार, 14 जुलाई को फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया. हालांकि अब पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने इस आतंकी मॉड्यूल की तुलना आरएसएस से करके एक नया विवाद शुरू कर दिया है. उनके इस बयान से जहां एक तरफ बीजेपी भड़क गई है और उन्हें पद से हटाने की मांग कर रही है, वहीं आरजेडी और HAM उनके समर्थन में उतर गई हैं.
एसएसपी मानवजीत सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जिस तरह आरएसएस की शाखा में स्वयं सेवकों को शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है, उसी तरह पकड़े गये लोगों को भी मस्जिद में प्रशिक्षण दिया जा रहा था.
"आरोपी कट्टर बनाने के लिए कार्यशील थे. जैसे आरएसएस में शाखा लगाकर लाठी की ट्रेनिंग देती है उसी तरह ये शारीरिक ट्रेनिंग दे रहे थे. इसी के साथ वे युवाओं को अपने एजेंडे के मुताबिक ब्रेनवॉश कर रहे थे"एसएसपी मानवजीत सिंह
मानवजीत सिंह के विवादस्पद बयान के बाद बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और MLA हरीश भूषण ठाकुर ने PFI की RSS से तुलना करने पर पटना एसएसपी को मानसिक रूप से दिवालिया बता दिया है. उन्होंने कहा कि "एसएसपी ने राष्ट्रवादी संगठन की तुलना एक आतंकवादी संगठन से की है, माफी मांगे नहीं तो सरकार बिना विलंब किये उनके खिलाफ एक्शन ले या हम मानहानि का केस करेंगे".
दूसरी तरफ हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा SSP के पक्ष में उतरा है. पार्टी प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने कहा है कि अगर इस्लामिक स्टेट की बात करना अपराध है तो फिर हिन्दू राष्ट्र की वकालत करना कहां से ठीक? यदि इस्लामिक राष्ट्र की कल्पना करने वालों को जेल तो फिर हिन्दू राष्ट्र की बात करने वालों को छूट क्यों?
"SSP ने सिर्फ ये कहा है कि जैस आरएसएस सुबह शाखा लगाती है वैसे ही ये लोग शाखा लगाते हैं. इसका मतलब ये नहीं कि इन्होंने आरएसएस की तुलना आतंकवादी संगठन से की है".
पटना के एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी
एसएसपी के बयान पर शुरू बवाल के बीच नोटिस के माध्यम से बिहार के ADG पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और पूछा है कि उन्होंने आखिरी ऐसा बयान क्यों दिया. जवाब देने के लिए SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो को 48 घंटे का समय दिया गया है.
इधर पटना के फुलवारीशरीफ विधानसभा क्षेत्र के माले विधायक गोपाल रविदास ने आरोपियों का बचाव किया है. गोपाल रविदास ने बातचीत में कहा है कि “युवकों को साजिश के तहत फंसाया गया है. क्षेत्र का स्थानीय विधायक होने नाते मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि उनका सिमी और पीएफआई से कोई संबंध नहीं है और वे राष्ट्रविरोधी नहीं वरन राष्ट्रनिर्माण का काम कर रहे थे.”
इनपुट- तनवीर आलम, नीरज प्रियदर्शी
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