महाराष्ट्र पुलिस ने पुणे के सोशल वेलफेयर ऑफिस में प्रोटेस्ट कर रहे दिव्यांगों पर लाठी चार्ज किया. राज्यभर से 1500 से 2000 की तादाद में आए दिव्यांग अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर पुणे के सोशल वेलफेयर ऑफिस में प्रोटेस्ट कर रहे थे कि अचानक पुलिस बल ने आकर लाठियां बरसानी शुरू कर दी. पुलिस ने इस मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
हजारों की तादाद में राज्यभर से आए दिव्यांगों ने अपने क्षेत्रों में मूक-बधिरों के लिए सरकारी स्कूल और कॉलेज की मांग कर रहे थे. इसके अलावा वो अपने लिए रोजगार की मांग कर रहे थे.
लाठीचार्ज में कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं. इस मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है. पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने सरकार को इस मामले में जवाबदेही तय करने को कहा है.
विपक्ष ने साधा निशाना, कहा सरकार असंवेदनशील
चुनावों के दौरान बेजीपी के नेतृत्व वाली सरकार को दरवाजा दिखाने का समय आ गया है. हम घटना की गहन जांच की मांग करते हैं. राज्य सरकार को मूक-बधिर युवाओं की सभी मांगों को मानना चाहिए.राधाकृष्ण विखे पाटिल, नेता, कांग्रेस
विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने भी इस घटना की निंदा की. दिव्यांगों पर हुए इस लाठी चार्ज को उन्होंने अमानवीय कहा है. साथ ही उन्होंने राज्य सरकार असंवेदनशील रवैये को देखते हुए कहा कि पुलिस के इस अमानवीय कृत्य से सरकार का असली चेहरा सामने आया है.
देर शाम मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के इस मामले में किसी भी प्रदर्शनकारी के ऊपर FIR दर्ज नहीं किया है.
वहीं राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस लाठीचार्ज पर विस्तृत जांच रिपोर्ट की मांग की है. उन्होंने पुणे कमिश्नर को इस कथित लाठीचार्ज पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.
मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने मंत्री दिलीप कांबले को इस मामले के जांच की जिम्मेदारी सौंपी है.
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