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Punjab: अब डिजिटली होगा पारिवारिक विभाजन दर्ज, मुख्यमंत्री ने की वेबसाइट लॉन्च

Punjab: राजस्व विभाग के कामकाज को डिजिटल कराने और राज्य के नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए लिया गया फ़ैसला

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राजस्व विभाग के कामकाज को डिजिटल कराने और राज्य के नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया. पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय में पारिवारिक विभाजन (जमीन जायदाद की बंटवारा) को दर्ज करने की प्रक्रिया को और अधिक सुचारू बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा वेबसाइट लॉन्च की गई.

वेबसाइट https://eservices.punjab.gov.in को लॉन्च करते हुए मुख्यमंत्री ने इसको राज्य के निवासियों की सुविधा के लिए एक क्रांतिकारी फैसला बताया, जिससे पारिवारिक विभाजन को दर्ज करने की प्रक्रिया को और अधिक सुचारू बनाया जाएगा.

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दर्ज करने का क्या है प्रक्रिया ?

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वेबसाइट के द्वारा पारिवारिक विभाजन के लिए लोगों की अर्जियां एक क्लिक के द्वारा आसानी से जमा हो सकेंगी. भगवंत मान ने बताया कि नागरिक इस वेबसाइट पर अपना नाम, पिता/पति का नाम, गांव का नाम, सब-तहसील/तहसील, जिला, खाता और खेवट नंबर के विवरणों समेत अर्जी देकर अप्लाई कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि आवेदनकर्ता को जमीन के सभी हिस्सेदारों द्वारा दस्तखत किया गया प्रस्तावित बांट का एक मैमोरंडम और जमीन की बांट को दिखाता फील्ड मैप भी सौंपना होगा. भगवंत मान ने बताया कि संबंधित सर्कल राजस्व अधिकारी द्वारा कार्यवाही करने के उपरांत ऑनलाइन अर्जियां कानूनगो इंचार्ज और फिर सम्बन्धित पटवारी को भेजी जाएंगी. उन्होंने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड के साथ मैमोरंडम के सभी तथ्यों को सत्यापित करने के बाद पटवारी सम्बन्धित पक्ष को कार्यवाही के लिए निजी तौर पर उपस्थित होने और इंतकाल दर्ज करने के लिए बुलाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंतकाल दर्ज करने के बाद सम्बन्धित पटवारी इसको सत्यापित करने के लिए कानूनगो के समक्ष पेश करेंगे और फिर अंतिम आदेशों के लिए सम्बन्धित सीआरओ (सहायक क्लैकटर ग्रेड-2) के समक्ष पेश करेंगे. भगवंत मान ने कहा कि इंतकाल को सत्यापित करने के बाद हरेक अर्जी के लिए पोर्टल पर संक्षिप्त ऑर्डर दर्ज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह नागरिक केंद्रित पहल हदबंदी की प्रक्रिया को सरल बनाने में अहम साबित होगी और इससे विवादों का निपटारा आपसी सहमति से किया जा सकेगा. भगवंत मान ने आगे कहा कि यह प्रक्रिया आसान ढंग से ज़मीन की खरीद-बिक्री के अलावा फसलों के नुकसान का मुआवज़ा प्राप्त करने और जमाबन्दी की नकल आसानी से प्राप्त करने के लिए सहायक सिद्ध होगी.

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