उत्तर प्रदेश में 277 नए मरीजों के साथ संक्रमितों की संख्या पहुंची 11610
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस लगातार बढ़ता जा रहा है. आज 277 नए मरीजों के साथ संक्रमितों की संख्या 11610 पहुंच गई. अभी तक इस संक्रमण 321 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि अभी तक इस वायरस 6971 ठीक होकर घर जा चुके हैं.
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डा. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के आगरा 994, मेरठ 567, गौतमबुद्घ नगर 746, लखनऊ 482, कानुपर नगर 560, गजियाबाद 538, सहारनपुर 273, फिरोजाबाद 324, मुरादाबाद 275, वाराणसी 248, रामपुर 225, जौनपुर 301, बस्ती 244, बाराबंकी 187, अलीगढ़ 226, हापुड़ 198, बुलंदशहर 249, सिद्घार्थ नगर 164, अयोध्या 150, गाजीपुर 167, अमेठी 214, आजमगढ़ 161, बिजनौर 168, प्रयागराज 133, संभल 153, बहराइच 106, संत कबीर नगर 155, प्रतापगढ़ 91, मथुरा 113, सुल्तानपुर 105, गोरखपुर 148, मुजफ्फरनगर 137, देवरिया 138, रायबरेली 100, लखीमपुर खीरी 82, गोंडा 108, अमरोहा 75, अम्बेडकर नगर 94, बरेली 75, इटावा 96, हरदोई 126, महराजगंज 89, फतेहपुर 89, कौषाम्बी 50, कन्नौज 112, पीलीभीत 66, शामली 51, बलिया 60, जालौन 72, सीतापुर 44, बदायूं 48, बलरामपुर 47, भदोही 76, झांसी 64, चित्रकूट 65, मैनपुरी 95, मिर्जापुर 42, फरूखाबाद 60, उन्नाव 61, बागपत 119, औरैया 52, श्रावस्ती 47, एटा 53, बांदा 31, हाथरस 47, मऊ 62, चंदौली 39, कानपुर देहात 40, शाहजहांपुर 53, कासगंज 26, कुषीनगर 57, महोबा 24, सोनभद्र 15, हमीरपुर 15, ललितपुर में 3 पॉजटिव मरीज पाए गये हैं.
10 लाख से अधिक श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करें : योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि 10 लाख से अधिक कामगारों एवं श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करें. यह जानकारी बुधवार को एक अपर मुख्य सचिव ने दी. अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने लोकभवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि मुख्यमंत्री ने टीम-11 की बैठक में कहा कि 10 लाख से अधिक श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करें. इस दिशा में आगामी 6 माह की अवधि में प्रथम चरण की कार्य योजना बनाएं.
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्यु की दर को कम करें. इस दिशा में जिस भी मरीज में हल्का सा भी लक्षण मिले, उसका तुरंत उपचार किया जाए. हालांकि यूपी की मृत्युदर देश के अन्य राज्यों से जनसंख्या और संख्या की दृष्टि से काफी कम है.
बतौर मुख्य सचिव (गृह), मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री और चिकित्सा मंत्री नॉन कोविड अस्पतालों एवं चिकित्सा संस्थानों की व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सभी अस्पतालों से संवाद बनाएं. संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा है कि अस्पतालों में इमरजेंसी सुविधाओं की व्यवस्थित करें, जिससे किसी मरीज को अपातकालीन स्थिति में इंतजार न करना पड़े.
अवनीश अवस्थी ने बताया, "मुख्यमंत्री ने कहा है कि मंडियों को एक्सपोर्ट के हब के रूप में विकसित किया जाए, जिससे पैरेशिबल आइटम्स को विदेशों में भेजा जा सके. मुख्यमंत्री ने पब्लिक एड्रेस सिस्टम को प्रदेश में और मजबूत करने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि कंटेनमेंट जोन को लेकर जो नियम बनाए गए हैं, उनका कड़ाई से पालन कराया जाए."
श्रमिकों को इलाज देने के नाम पर केजरीवाल मुंह चुरा रहे : स्वतंत्रदेव
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में श्रमिकों को इलाज देने की बारी आती है तो केजरीवाल अपनी जिम्मेदारी से मुंह चुराने लगते हैं. बुधवार को यहां जारी बयान में स्वतंत्रदेव ने कहा,
“आम आदमी पार्टी को जब चुनाव में वोट की जरूरत पड़ती है तो उसे उत्तर प्रदेश, बिहार सहित अन्य राज्यों के मजदूर, श्रमिक, कामगार समेत सभी लोग अपने लगने लगते हैं. लेकिन जब कोरोना संकट में उन्हें इलाज देने की बारी आती है तो केजरीवाल अपनी जिम्मेदारी से मुंह चुराने लगते है.”
उन्होंने कहा कि देश ने उनके गैर जिम्मेदराना और संवेदनहीन हरकतों को कुछ समय पहले भी अच्छे से देखा था, जब दिल्ली में रह रहे उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के कामगारों और श्रमिकों को दिल्ली की सीमा पर छोड़कर केजरीवाल सरकार ने अपना अमानवीय चेहरा दिखाया था. ऐसे संकट के समय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रातभर मॉनीटरिंग कर प्रवासियों को बसों के माध्यम से सभी को उनके घरों तक सकुशल पहुंचाते हुए तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने का काम भी किया था.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को कम से कम इस संकट काल में ही यूपी के मुख्यमंत्री से सीख लेकर दिल्ली की जनता की बगैर पक्षपात किए सेवा करनी चाहिए.
उत्तर प्रदेश में गोहत्या पर 10 वर्ष की कैद
उत्तर प्रदेश सरकार ने गोहत्या कानून को और सख्त कर दिया है. इसमें सजा बढ़ाने के साथ गोवंश को नुकसान पहुंचाने पर भी सजा का प्रावधान कर दिया गया है. गोहत्या पर अब 3 से 10 साल की सजा और गोवंश को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने पर 1. 7 साल की सजा हो सकती है. इसके अलावा गोकशी और गोतस्करी से जुड़े अपराधियों के फोटो भी सार्वजनिक रूप से चस्पा किए जाएंगे. योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की ऑनलाइन बैठक में उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को भी स्वीकृति दे दी गई.
अभी तक अधिनियम में गोकशी की घटनाओं के लिए सात वर्ष की अधिकतम सजा का प्राविधान है. इससे ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों की जमानत हो जाने के मामले बढ़ रहे हैं. जमानत के बाद उनके फिर ऐसी घटनाओं में संलिप्त होने के मामले सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए ही अधिनियम की विभिन्न धाराओं में संशोधन करते हुए अधिकतम सजा दस वर्ष और जुर्माना अधिकतम पांच लाख रुपये किया जा रहा है.
इसके साथ ही अब गो तस्करी में शामिल वाहनों के चालक, ऑपरेटर और स्वामी भी तब तक इस इसी अधिनियम के तहत आरोपित किए जाएंगे, जब तक यह साबित न हो जाए कि उनकी जानकारी के बिना वाहन का इस्तेमाल ऐसी घटना में किया गया है. कब्जे में ली गईं गायों और उसके गोवंशों के भरण-पोषण का एक वर्ष तक का खर्च भी अभियुक्त से ही लिया जाएगा.
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