उत्तर प्रदेश के उन्नाव में जिस पत्रकार शुभम मणि त्रिपाठी की हत्या हुई है, उन्होंने हत्या से कुछ दिन पहले ही एक फेसबुक पोस्ट में ‘भू माफिया’ का जिक्र किया था. बताया जा रहा है कि ‘भू माफिया’ के साथ उनका कुछ विवाद हुआ था.
पुलिस के मुताबिक, 19 जून को त्रिपाठी को उन्नाव की दूध मंडी के पास उस वक्त गोली मार दी गई थी, जब वह मोटरसाइकिल पर अपने दोस्त के साथ घर लौट रहे थे. इसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां उनकी मौत हो गई थी. भारतीय प्रेस परिषद (PCI) ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
इस मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किए हैं. आयोग ने एक बयान जारी कर कहा है, ‘‘सरकार की लोकतांत्रिक प्रणाली में, मीडिया को चौथा स्तंभ माना जाता है, जिसे इस तरह से निर्मम तरीके से असमाजिक तत्वों का शिकार नहीं बनने दिया जा सकता. ’’ बयान में कहा गया है, ‘‘राज्य सरकार को इस विषय की एक स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराने को भी कहा गया है.’’
‘त्रिपाठी ने हाल ही में जताई थी अपनी हत्या की आशंका’
शुभम त्रिपाठी कानपुर से प्रकाशित होने वाले हिंदी दैनिक कंपू मेल के लिए काम करते थे. त्रिपाठी सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहते थे. उन्होंने 14 जून को अपनी एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था, ''चर्चित भू माफिया की जमीन का अभी कुछ दिनों पहले कवरेज करने मैं गया था. प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण ध्वस्त किया जा रहा था. क्रोधित होकर भू माफिया ने किसी व्यक्ति द्वारा मेरे खिलाफ एक फर्जी एप्लीकेशन जिलाधिकारी को दिलवाई है, बहुत-बहुत धन्यवाद भूमाफिया का.''
हाल ही में पुलिस ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. न्यूज पोर्टल द वायर के मुताबिक, गिरफ्तार लोगों में से एक ने पुलिस को बताया कि ‘’एक स्थानीय रियल एस्टेट कारोबारी दिव्या अवस्थी ने त्रिपाठी की रिपोर्ट और फेसबुक पोस्ट के जवाब में उनकी हत्या की साजिश रची.’’
कंपू मेल के ब्यूरो चीफ रितेश शुक्ला ने न्यूजक्लिक को बताया, ''हाल ही में उनका (शुभम) भू माफियाओं के साथ कुछ विवाद हो गया था, उन्होंने आशंका जताई थी कि उनकी हत्या की जा सकती है. दिव्या अवस्थी, एक महिला जो लैंड बिजनेस से जुड़ी हुई हैं और राजनीतिक तौर पर सक्रिय हैं, कहा जा रहा है कि वह इस हत्या में संलिप्त हैं.''
द वायर के मुताबिक, उन्नाव के एक पत्रकार विशाल मौर्या ने कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) को बताया कि त्रिपाठी ने पुलिस को अपनी जान को खतरे की बात बताई थी. उन्होंने बताया कि त्रिपाठी ने 15 जून को अथॉरिटीज को लेटर लिखकर धमकी दिए जाने की जानकारी दी थी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि पुलिस से की गई शिकायत में त्रिपाठी के भाई ने जिन 10 संदिग्धों के नाम का जिक्र किया है, उनका जिक्र त्रिपाठी ने भी किया था.
शुभम के एक परिजन ने इस मामले पर आरोप लगाते हुए न्यूज क्लिक से कहा, ‘’कुछ सरकारी जमीन पर दिव्या अवस्थी कब्जा करना चाहती थीं. उसने (शुभम) मामले का खुलासा कर दिया और वह ऐसा नहीं कर पाईं.’’
उन्होंने आरोप लगाया कि ''इसी वजह से अवस्थी के गुंडों ने शुभम की हत्या कर दी.''
इस मामले पर एनएचआरसी ने कहा है, ‘‘जांच के दौरान जुटाए गए कॉल रिकॉर्ड के ब्योरे और अन्य फोरेंसिक साक्ष्य को सुरक्षित रखा जाए क्योंकि आयोग मामले पर विचार के दौरान उन्हें मंगा सकता है. इस मामले में चार हफ्तों के अंदर जवाब की अपेक्षा की जाती है.’’
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