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पश्चिम बंगाल: सुवेंदु अधिकारी समेत 12 BJP MLA पर FIR, TMC का क्या आरोप?

यह मामला पश्चिम बंगाल विधानसभा सचिव सुकुमार रे की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था.

Published
राज्य
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बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी और 11 अन्य बीजेपी विधायकों पर मामला दर्ज किया गया है. पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधानसभा के बाहर TMC के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर "राष्ट्रगान का अपमान करने" और "शांति भंग करने के लिए उकसाने" के आरोप में बीजेपी नेताओं पर FIR दर्ज की गई.

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यह मामला 30 नवंबर को कोलकाता के हेयर पुलिस स्टेशन में पश्चिम बंगाल विधानसभा सचिव सुकुमार रे की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था.

बीजेपी नेताओं पर धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान)/ 34 (सामान्य इरादों को आगे बढ़ाने के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया.

बीजेपी विधायकों पर क्या मामला?

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा, "आरोप है कि बीजेपी विधायकों ने राष्ट्रगान के दौरान शांति भंग करने के लिए उकसाया."

शिकायत के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी विधायक राष्ट्रगान गा रहे थे, लेकिन बीजेपी विधायक टीएमसी के खिलाफ नारे लगाते रहे. हालांकि, BJP ने इस आरोप से इनकार किया है."

एक बीजेपी नेता ने कहा, "हममें से कोई भी यह नहीं सुन सका कि वह क्या गा रही थी, तो राष्ट्रगान के अपमान का सवाल ही कहां उठता है?"

TMC ने दावा किया कि यह घटना बंगाल का वाजिब बकाया रोकने के केंद्र के फैसले के विरोध में पार्टी द्वारा आयोजित प्रदर्शन के दौरान हुई.

"BJP विधायकों ने लगाए नारे"

TMC नेताओं ने कहा कि पार्टी ने स्पीकर को पत्र लिखकर 28, 29 और 30 नवंबर को राज्य विधानसभा के बाहर प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी. सत्तारूढ़ दल ने आरोप लगाया कि जब बनर्जी ने सभी विधायकों को राष्ट्रगान के लिए खड़े होने के लिए कहा, तो बीजेपी विधायकों ने दूसरों के साथ शामिल होने के बजाय नारे लगाना शुरू कर दिया.

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गुरुवार को कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन में, टीएमसी नेता तापस रॉय ने कहा, “हमारे विरोध के दौरान, जब सीएम ने सभी विधायकों से राष्ट्रगान के लिए खड़े होने की अपील की, तो हमने देखा कि बीजेपी नेताओं ने कैसे व्यवहार किया और राष्ट्रगान का अपमान किया.

राष्ट्रगान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 के तहत, राष्ट्रगान का अपमान करने वाले व्यक्तियों को या तो तीन साल की जेल, जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है.

"शाह की रैली से ध्यान भटकाने की कोशिश"

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने "आपत्तिजनक व्यवहार" में शामिल होने के लिए बीजेपी विधायकों की आलोचना की. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वे बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे थे जो एक "फ्लॉप शो" साबित हुई.

चूंकि अमित शाह की रैली पूरी तरह से फ्लॉप शो थी, इसलिए बंगाल बीजेपी नौटंकी में लग गई। अमित शाह ने 20 मिनट का भाषण दिया और बंगाल से चले गए. इसके बाद बीजेपी नेताओं ने न सिर्फ असभ्य व्यवहार किया बल्कि राष्ट्रगान का भी अपमान किया.
कुणाल घोष, प्रवक्ता, TMC

TMC ने सुवेंदु को बताया "भ्रष्ट व्यक्ति"

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को “भ्रष्ट व्यक्ति” कहते हुए घोष ने कहा, “सुवेंदु अधिकारी दूसरों पर उंगली उठा रहे थे और उन्मादी रूप से चिल्ला रहे थे लेकिन वास्तव में वह एक चोर और भ्रष्ट हैं. नारद मामले में सीबीआई की FIR में उनका नाम शामिल था और वह सारदा चिटफंड मामले के मुख्य आरोपियों में से एक हैं. सुवेंदु अधिकारी दूसरों के बारे में कैसे बात कर रहे हैं जबकि बीजेपी ने ही उन्हें 'चोर' कहा था.

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पार्टी ने कहा कि उसके नेताओं ने बुधवार के सत्र के दौरान "अस्थिर स्थिति को संभालने में अनुकरणीय धैर्य" दिखाया.

TMC ने कहा, "BJP के उकसावे से गंभीर स्थिति पैदा हो सकती थी. विधानसभा में ऐसी स्थिति हमने पहले कभी नहीं देखी. बीजेपी द्वारा राज्य में लाई जा रही संस्कृति बंगाल के सामाजिक-राजनीतिक ढांचे के खिलाफ है."

विपक्ष की आवाज का गला घोंट रही TMC: BJP

अपनी पार्टी के विधायकों के खिलाफ टीएमसी द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, बीजेपी विधायक शंकर घोष ने कहा, “TMC विधायिका में उनकी जगह छीनकर और विपक्ष के नेता पर व्यक्तिगत हमले करके विपक्ष की आवाज का गला घोंट रही है.”

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