देश के कई राज्यों में लाउडस्पीकर विवाद के बीच, उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस ने 19 अप्रैल को करीब 900 मंदिर-मस्जिदों और डीजे ऑपरेटरों को इसे लेकर नोटिस भेजा. गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने 883 मंदिर-मस्जिदों, और 392 बारातघरों और डीजे ऑपरेटरों को नोटिस दिया है. पुलिस ने कहा है कि वो डीजे, लाउडस्पीकर या कोई भी ध्वनि यंत्र बजाने में हाईकोर्ट के आदेश का पालन करें, नहीं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गौतमबुद्ध नगर पुलिस के एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया, "19 अप्रैल को 602 मंदिरों, 265 मस्जिदों, 16 अन्य धार्मिक स्थलों, 217 बारातघरों और 175 डीजे ऑपरेटरों को हाईकोर्ट द्वारा दिए गए ध्वनि संबंधी निर्देशों का पालन करने हेतु नोटिस दिए गए हैं. अगर ये हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी."
क्या हैं नियम?
10 डेसिबिल से ज्यादा आवाज के साथ कोई भी व्यक्ति या संस्था बगैर अनुमति के लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण नहीं कर सकती.
रात 10 बजे के बाद से लेकर सुबह 6 बजे तक कोई भी ध्वनि प्रदूषण नहीं करेगा.
विशेष परिस्थितियों में सेक्शन 5 के तहत जिम्मेदार अधिकारी से अनुमति लेने के बाद ही रात 10 बजे से रात को 12 बजे तक एक तय डेसिबिल की अनुमति दी जा सकती है.
लाउडस्पीकर की आवाज को हाईकोर्ट ने बताया था दखल
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 मई 2020 को अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि मंदिर और मस्जिद में लाउडस्पीकर से होने वाली आवाज दूसरे लोगों के अधिकारों में दखल है. हाईकोर्ट ने कहा था कि अजान इस्लाम का हिस्सा है, लेकिन लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा बिल्कुल नहीं हैय इससे पहले भी हाईकोर्ट ने कई बार लाउडस्पीकर को लेकर सख्ती दिखाई है.
(इनपुट- सचिन गुप्ता)
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