उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने सोशल मीडिया पॉलिसी के लिए बुधवार 08 फरवरी को नए दिशा निर्देश जारी किए. उत्तर प्रदेश पुलिस के मुख्यालय से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि विगत कई दिनों से ऐसे मामले सामने आये हैं. जहां वर्दी में वीडियो बनाकर और विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड कर सोशल मीडिया पॉलिसी का उल्लंघन किया गया है. जिससे पुलिस विभाग की छवि धूमिल हुई है.
उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने 41 पॉइंट्स की सूची में पुलिस विभाग को यह साफ दिशा निर्देश दिए है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल किस तरह से किया जाना चाहिए.
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग निश्चित रूप से पुलिसकर्मियों का बहुमूल्य समय को नष्ट करता है इसलिए इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित किया जाता है.
इसके साथ ही कार्यालय और कार्यस्थल पर वर्दी में किसी भी तरह के वीडियो और रील्स बनाने या लाइव टेलीकास्ट को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
जरुरी दिशानिर्देशों में यह निर्देश शामिल-
थाना / पुलिस लाईन / कार्यालय इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल / फायरिंग में भाग लेने का लाईव टेलीकास्ट एवं कार्रवाई से सम्बन्धित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना गोपनीयता का उल्लंघन है. कार्य सरकार की गोपनीयता बनाये रखने के दृष्टिगत सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबंधित किया जाता है.
अपने कार्यस्थल से सम्बन्धित किसी वीडियो / रील्स इत्यादि के जरिये शिकायतकर्ता के संवाद का लाईव टेलीकास्ट / वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करना उसकी निजता का उल्लंघन हो सकता है. अतः सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबंधित किया जाता है.
पुलिसकर्मियों द्वारा कार्य सरकार के दौरान सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चैट, वेबीनार इत्यादि में आमंत्रित किये जाने पर उसमें भाग लेने से पूर्व अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा.
सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से पुलिस कार्मिक किसी भी प्रकार का धनार्जन / आय प्राप्त नहीं करेंगे, जब तक कि इस सम्बन्ध में उनके द्वारा सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त न कर ली जाये. (उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 के नियम - 15 में उल्लिखित है कि कोई सरकारी कर्मचारी, सिवाय उस दशा में जबकि उसने सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली हो, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः किसी व्यापार या कारोबार में नहीं लगेगा और न ही कोई नौकरी करेगा.)
सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यवसायिक कम्पनी अथवा उत्पाद / सेवा का प्रचार- प्रसार किया जाना प्रतिबंधित किया जाता है.
राजनेताओं के साथ डीपी नहीं, किसी की ट्रोलिंग नहीं- निर्देश
पुलिस कार्मिक द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट की डीपी / प्रोफाइल पिक्चर पर किसी भी संगठन या राजनीतिक दल आदि से सम्बन्धित प्रतीक नहीं लगाया जायेगा.
पुलिस कार्मिक, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से ऐसे किसी भी वाट्सएप ग्रुप, पेज इत्यादि को ज्वाइन नहीं करेंगे, जो पुलिस विभाग या सरकार के विरोध में हो एवं जाति, सम्प्रदाय, क्षेत्रवाद आदि के नाम पर बनाया गया हो और न ही स्वयं ऐसा कोई ग्रुप बनायेंगे.
पुलिस कार्मिक सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट को अपने व्यक्तिगत मोबाइल पर लॉगिन नहीं करेंगे. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर व्यक्तिगत अकाउंट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि सरकारी मोबाइल नंबर, इण्टरनेट, वाईफाई, आईपी एड्रेस, ई-मेल आईडी का प्रयोग नहीं किया जायेगा.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्राप्त होने वाली पोस्ट, फोटो / वीडियो को सत्यापन किये बिना अग्रसारित नहीं किया जायेगा एवं किसी भी अफवाह अथवा भ्रामक खबर की पुष्टि हेतु फैक्ट चेक के लिये ट्विटर हैण्डिल @UPPViralCheck फेसबुक पेज @UPPFactCheck एवं इन्स्टाग्राम एकाउंट @UPPFactCheck पर जानकारी किये जाने के साथ-साथ मुख्यालय के सोशल मीडिया सेन्टर से भी इसकी पुष्टि की जा सकती है.
पुलिस कार्मिक द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सेवा सम्बन्धी प्रकरणों का निराकरण करने हेतु वीडियो अथवा पोस्ट अपलोड / साझा नहीं किया जायेगा. कार्मिकों द्वारा अपने सेवा सम्बन्धी प्रकरणों के निस्तारण हेतु विभागीय प्रक्रिया का पालन किया जाएगा.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचलित ऑनलाइन पोल / वोटिंग पर किसी भी सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट से बिना अनुमति के प्रतिभाग नहीं किया जाएगा न ही उक्त संबंध में कोई टिप्पणी की जाएगी.
पुलिस कार्मिकों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी व्यक्ति को ट्रोल अथवा बुली (Bullying ) नहीं किया जायेगा.
आपको बता दें कि यह दिशा निर्देश इसलिए जारी किए गए है. क्योंकि बीते कुछ दिनों से पुलिस विभाग के वर्दी में कई वीडियो वायरल हुए है जिसमें पुलिसवालों को वर्दी में नाचते-गाते मस्ती करते हुए देखा गया है. इनमें से कुछ मामलों में कार्रवाई भी की गई थी.
उत्तर प्रदेश पुलिस की महिलाकर्मियों की भी वर्दी में डांस करते हुए रील खूब वायरल हुई थी जिसके बाद यह मामला पुलिस महकमे के प्रकाश में आया था. कांस्टेबल से लेकर आईपीएस अधिकारी तक इंस्टाग्राम और फेसबुक पर वर्दी में शेयर करते रहे है. इन दिशा निर्देशों के बाद अब इसकी अनुमति नहीं होगी.
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