पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) में आज 28 मार्च को उस वक्त अराजक दृश्य देखा गया जब सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी पार्टी बीजेपी (BJP) के विधायक आपस में भीड़ गए. यह तब हुआ जब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति पर सदन में बोलने की मांग उठाई.
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय और प्रवक्ता शहजाद सहित बीजेपी नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में, कई विधायक सदन में हाथापाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं इसी बीच मार्शल और पुलिस अधिकारी लड़ाई को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
हंगामे के बाद सुवेंदु अधिकारी और चार अन्य बीजेपी विधायकों को इस पूरे साल के लिए निलंबित कर दिया गया है. सुवेंदु अधिकारी ने मीडिया से कहा,
विपक्ष ने कानून-व्यवस्था पर चर्चा की मांग की थी और सरकार ने मना कर दिया. वे हमारे विधायकों के साथ मारपीट करने के लिए कोलकाता पुलिस कर्मियों को सिविल ड्रेस में लाए थेसुवेंदु अधिकारी
उन्होंने कहा, "विधानसभा के अंदर भी विधायक सुरक्षित नहीं हैं. मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा सहित हमारे कम से कम 8-10 विधायकों को तृणमूल कांग्रेस के कुछ विधायकों ने पीटा."
तृणमूल नेता और राज्य मंत्री फिरहाद हकीम ने हालांकि इसका दोष बीजेपी पर मढ़ा. उन्होंने कहा, "हमारे कुछ विधायक सदन के अंदर घायल हो गए. हम बीजेपी के इस आचरण की निंदा करते हैं.
बंगाल विधानसभा में यह हंगामा बीरभूम जिले के रामपुरहाट में भीषण हत्याओं के बाद हुआ है, जहां पांच महिलाओं और दो बच्चों सहित एक परिवार के आठ सदस्यों पर हमला किया गया था और फिर उन्हें जला दिया गया था. यह घटना तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता भादू शेख के एक देसी बम हमले में मारे जाने के बाद की गई प्रतिशोध की घटना बताई जा रही है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद सीबीआई इस मामले में हत्याओं की जांच कर रही है। और विपक्ष लगातार लॉ एंड आर्डर को लेकर ममता बनर्जी पर हमलावर है.
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