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बुंदेलखंड:पानी की किल्लत पर योगी सख्त, अधिकारियों को दिए निर्देश

बुंदेलखंड में किसी भी हाल में पेयजल की कमी न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुंदेलखंड में किसी भी हाल में पेयजल की कमी न हो, इसके लिए समय रहते सारी तैयारियां योजनाबद्ध तरीके से करने का निर्देश दिया है. उन्होंने साफ कहा कि जल निगम और अन्य सबंधित विभागों के अधिकारी बुंदेलखंड क्षेत्र का दौरा करें और वहां कैंप कर पेयजल समस्या का समाधान सुनिश्चित करें. अगर ऐसा नहीं होता है तो लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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खुद जाएंगे बुंदेलखंड

मुख्यमंत्री ने सोमवार देर रात लखनऊ के शास्त्री भवन में बुंदेलखंड में पेयजल की समस्या के बारे में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए यह दिशा निर्देश जारी किया. इस अवसर पर उन्होंने झांसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट में पेयजल समस्या के समाधान के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाए जाने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि झूठी सूचनाएं और आंकड़ों की बाजीगरी अब नहीं चलेगी. योजनाओं पर कितना काम हुआ, इसका सत्यापन किया जाएगा. वे स्वयं भी बुंदेलखंड के दौरे पर जाएंगे. बुंदेलखंड में पेयजल समस्या पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

अधिकारियों को निर्देश देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर पेयजल समस्या के समाधान के लिए टीम बनाई जाए और सभी जिलों में कंट्रोल रूम बनाए जाएं, जहां पर जिम्मेदार कर्मचारियों की उपस्थिति हो. साथ ही टैंकरों और पाइप से पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

इस मौके पर नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेंद्र सिंह, मुख्य सचिव राजीव कुमार, उत्तर प्रदेश जल निगम के अध्यक्ष जी.बी. पटनायक, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल, प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

गंभीर संकट से जूझ रहा है बुंदेलखंड

लगातार गिर रहे भूगर्भ जल स्तर की वजह से बुंदेलखंड के ग्रामीण इलाकों में पेयजल की समस्या दिनों-दिन बढ़ रही है. ऐसे हालातों से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से बुंदेलखंड पैकेज के तहत ग्रामीण पेयजल योजना चलाई जा रही है. इसी के तहत साल 2016 से अब तक कुल 2 अरब 48 करोड़ रुपए लागत की छह पेयजल योजनाओं को केंद्र की ओर से वित्तीय मंजूरी मिल चुकी है.

(इनपुट: IANS)

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