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"शायद डरते होंगे"- जन आशीर्वाद यात्रा में ना बुलाए जाने पर क्या बोलीं उमा भारती?

रविवार को भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान उनका यात्रा में न बुलाएं जाने को लेकर दर्द भी छलका.

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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी जन आशीर्वाद यात्रा (Jan Ashirwaad Yatra) निकाल रही है. इस यात्रा में शामिल होने के लिए बीजेपी ने राज्य की पूर्व सीएम उमा भारती (Uma Bharti) को निमंत्रण तक नहीं दिया है. अब इस पूरे मामले पर उमा भारती का बयान सामने आया है.

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उमा भारती ने 'X' बताई 'मन की बात'

  • कल दिनांक 3 सितंबर 2023 की तीन बाते बहुत चर्चा में आ गई थी. उम्मीदवारों की सूची, जिसपर मैंने कल रात को ही ट्वीट कर वस्तुस्थिति बता दी.

  • मुझे जन आशीर्वाद यात्रा के प्रारंभ में निमंत्रण नहीं मिला यह सच्चाई है कि ऐसा मैंने कहा है लेकिन निमंत्रण मिलने या ना मिलने से मैं कम ज्यादा नहीं हो जाती. हां अब यदि मुझे निमंत्रण दिया गया तो मैं कही नहीं जाऊंगी. ना प्रारंभ में ना 25 सितंबर के समापन समारोह में.

  • मेरे मन में शिवराज जी के प्रति सम्मान एवं उनके मन में मेरे प्रति स्नेह की डोर अटूट और मज़बूत है.

  • शिवराज जी जब और जहां मुझे चुनाव प्रचार करने के लिए कहेंगे, मैं उनका मान रखते हुए उनकी बात मानकर चुनाव प्रचार कर सकती हूं.

  • जिनके खून पसीने से यह भाजपा बनी है मैं उन लोगों में से हूं. पार्टी का कभी नुकसान नहीं करूंगी.

  • मेरी वह तीसरी बात जो मैंने कल कही यह किसी ठेस या आक्रोश से नहीं निकली.

  • जब भोपाल के बंसल अस्पताल में मेरे चेकअप हुए और तब मैंने सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में जमीन-आसमान का अंतर पाया तथा सरकारी एवं निजी शिक्षा में भी यही अंतर है और तभी से मैंने कहना शुरू किया.

  • हम सब नेताओं को, विधायकों, सांसदों, मंत्रियों ,मुख्यमंत्रीओं एवं सभी अधिकारियों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराना चाहिये एवं सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ने को भेजना चाहिये. तभी इन व्यवस्थाओं में सुधार हो पायेगा. यह एक अभियान का स्वरूप ले लेगा.

  • शादियों की फिजूल खर्ची और हमारे नेताओं का 5 स्टार होटलों में रुकना इसको मैं शुरू से ही गलत मानती हूं. मोदी जी भी इस तरह की जीवनशैली को सख्त नापसंद करते हैं. मैं आगे भी यह बातें कहती रहूंगी. हम गांधी जी, दीनदयाल जी एवं मोदी जी की सीखों की अनदेखी नहीं कर सकते.

"डर है सरकार बनने के बाद पूछेंगे भी या नहीं"

इससे पहले रविवार (3 सितंबर) को भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान यात्रा में न बुलाएं जाने को लेकर उमा भारती का दर्द भी छलका. उन्होंने कहा कि पार्टी को कम से कम निमंत्रण की औपचारिकता करनी चाहिए थी.

जन आशीर्वाद यात्रा निकल रही है, मगर मुझे कहीं भी आमंत्रित नहीं किया गया. मुझे इन यात्राओं में नहीं जाना था, उन लोगों को यह डर लगता है कि अगर मैं वहां पहुंच जाऊंगी तो लोगों का सारा ध्यान मेरी तरफ होगा. मैं इस योग्य थी कि उन्‍हें कम से कम निमंत्रण की औपचारिकता तो पूरी करनी चाहिए थी.
उमा भारती, बीजेपी नेता

उन्होंने आगे कहा कि "उन्हें डर है कि दोबारा सरकार बनने पर उन्हें पूछा भी जाएगा या नहीं."

"अगर सिंधिया ने सरकार बनवाई तो मैंने भी बनवाई"

उमा भारती ने कहा कि वो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भतीजे की तरह मानती हैं और प्यार करतीं हैं. उन्होंने कहा कि,"अगर सिंधिया ने उन्हें 2020 में सरकार बनाने में मदद की तो मैंने भी उन्हें 2003 में बड़ी बहुमत वाली सरकार बनाने में मदद की थी".

उमा भारती ने कहा कि...

"2020 में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में उन्होंने प्रचार और मेहनत करके सरकार बनवाई थी लेकिन अब मुझे नहीं पूछ रहें हैं."
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उमा के बयान पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा

उमा भारती के बयान के बाद राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस ने बीजेपी पर बड़ों का सम्मान न करने को लेकर हमला बोला है. कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी अपने नेताओं का अपमान करती है.

"पार्टी में वरिष्ठ और पुराने नेताओं के दरकिनार किया गया. पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी ने साइडलाइन कर दिया. मनोहर जोशी को रिटायर कर दिया. हमारी संस्कृति में जो बुर्जुगों का सम्मान नहीं करता उसको भगवान भी माफ नहीं करते हैं".

बीजेपी ने उमा भारती को किया साइड लाइन

एक समय था जब उमा भारती की गिनती बीजेपी के फायर ब्रांड नेताओं में होती थी. उमा भारती राम आंदोलन की अग्रणी नेताओं में शामिल हैं. वो उमा भारती ही थीं जिन्होंने 10 साल बाद 2003 में मध्यप्रदेश में बीजेपी का सूखा खत्म कर सत्ता में वापसी दिलवाई थी.

2003 में उमा मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं, हालांकि उन्हें बाद में इस्तीफा देना पड़ गया. 2005 में उन्हें अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से निकाल दिया गया और 2011 में उनकी पार्टी में वापसी हुई. 2014 में उमा भारती झांसी से सांसदी जीतकर केंद्र सरकार में मंत्री बनीं थीं. 2019 के बाद से उमा भारती राजनैतिक हाशिए पर हैं.

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