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Magh Mela: प्रयागराज में सोमवार से माघ मेला, इस साल हाईटेक हुआ 'खोया-पाया शिविर'

Prayagraj Magh Mela: खोया-पाया शिविर की शुरुआत 1946 में राजा राम तिवारी ने की थी.

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) में सोमवार, 15 जनवरी से माघ मेले (Magh Mela) का आयोजन होने जा रहा है. श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए इस साल खास इंतजाम किए गए हैं. मेले के दौरान कई लोग अपने परिवारों से बिछड़ जाते हैं या खो जाते हैं. ऐसे लोगों की सहायता के लिए खोया-पाया शिविर (Khoya-Paya Shivir) बनाया गया है. इस साल खोया-पाया शिविर को हाईटेक बनाया गया है.

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1946 से लग रहा है शिविर

शिविर के आयोजक उमेश तिवारी ने कहा, ''पहली बार, खोया-पाया शिविर में स्वयंसेवकों के लिए वेब-कैमरा और इंटरनेट सेवाओं के साथ कंप्यूटर सेट होंगे ताकि वो पुलिस अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में रह सकें और लापता व्यक्तियों को उनके परिजनों से मिलवाने में मदद कर सकें."

शिविर की शुरुआत 1946 में राजा राम तिवारी ने की थी. तब से खोया-पाया शिविर मेले का एक अभिन्न अंग बन गया है. इस शिविर के जरिए महाकुंभ, अर्ध कुंभ और 55 से अधिक माघ मेलों के दौरान 21,853 बच्चों सहित 15.32 लाख लोगों को उनके परिवारों से मिला गया है.

उमेश तिवारी ने कहा, ''हम खोए हुए लोगों की मदद के लिए मेला परिसर में 50 सक्रिय स्वयंसेवकों को कंप्यूटर सेट देने की योजना बना रहे हैं. शिविर त्रिवेणी रोड पर लगेगा और खोए हुए लोगों को उनके परिवारों से मिलाने के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा.''

इसके साथ ही वो कहते हैं कि अब मोबाइल फोन की मदद से बिछड़े लोग अपने परिवारों तक पहुंच जाते हैं, लेकिन अभी भी हजारों लोग ऐसे हैं जो हम पर निर्भर हैं.

लापता लोगों का डेटा कलेक्ट किया जाएगा

उमेश तिवारी ने बताया कि इस साल स्वयंसेवक लापता व्यक्तियों के नाम, पते और तस्वीरों सहित डेटा भी संकलित करेंगे. लापता व्यक्तियों के स्थानों का पता लगाने के लिए अन्य जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ डेटा/विवरण भी साझा किया जाएगा.

"पहले काम मैन्युअल रूप से किया जाता था और डेटा संकलित करना कठिन था. एक बार जब स्वयंसेवक लापता व्यक्तियों की तस्वीरें और अन्य विवरण लेने में सक्षम हो जाएंगे, तो वो परिवारों का पता लगाने के लिए शहर और पड़ोसी जिलों की पुलिस से भी मदद ले सकेंगे."

मेला अधिकारियों ने मेला परिसर में दो स्थानों पर शिविर लगाने और स्वयंसेवकों को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने की भी योजना बनाई है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार सहित कई राज्यों के स्वयंसेवक लोगों की मदद के लिए इस शिविर से जुड़ते हैं.

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