बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर निराधार रिपोर्ट शेयर की, जिसमें दावा किया गया है कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 100 चीनी सैनिक मारे गए. हालांकि, हमें पता चला कि रिपोर्ट जो कि एक ब्लॉग पर पोस्ट की गई थी, वो Jianli Yang को गलत हवाला देकर पब्लिश की गई है.
क्विंट से बात करते हुए, Jianli Yang ने ऐसे किसी बयान से इनकार किया है.
ये रिपोर्ट गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद आई है, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. जहां अलग-अलग रिपोर्ट्स में दोनों तरफ कैजुअल्टी बताई गई, वहीं चीनी पक्ष ने मारे गए सैनिकों की कोई आधिकारिक संख्या जारी नहीं की है.
दावा
रिपोर्ट: ‘More Than 100 Chinese Soldiers Killed In Galwan Valley : Chinese Military Official Accepted’ को कई ट्विटर अकाउंट्स से शेयर किया गया.
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि "पूर्व चीनी सैन्य अधिकारी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में एक नेता के बेटे, Jianli Yang ने स्वीकार किया कि 'भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष में 100 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे.'"
रिपब्लिक टीवी ने भी इस स्टोरी को 'China Lost 100 Soldiers In Galwan Clash,' Says Former Chinese Military Official; Slams Xi' टाइटल से रिपोर्ट किया.
इस रिपोर्ट को फेसबुक और ट्विटर पर इस दावे के साथ काफी शेयर किया गया.
हमें जांच में क्या मिला?
1. बिना किसी वेरिफाइड सूत्र के ब्लॉग पर छपी खबर
हमने नोटिस किया कि स्टोरी 'Kreately' पर पब्लिश हुई थी, जो कि एक ब्लॉग है जहां कोई भी कुछ भी पब्लिश कर सकता है. दूसरी बात, स्टोरी में कोई भी आधिकारिक सूत्र या ऑथेंटिक जानकारी नहीं थी. इसके अलावा, स्टोरी में कई तरह की ग्रामर और स्पैलिंग की गलतियां भी हैं.
उदाहरण के लिए, स्टोरी ये कहती है कि ये खुलासा 'Jianli Yang' द्वारा किया गया है और फिर उनकी पहचान एक पूर्व चीनी सैन्य अधिकारी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में नेता के बेटे के रूप में की गई है. इस स्टोरी में आगे फिर यांग के नाम कि स्पेलिंग 'Gianli' लिखी गई है.
लेकिन असल में, Dr Jianli चीन से मतभेद रखते हैं और अमेरिका में रहते हैं. हमने Dr Jianli से संपर्क किया. हमने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने PLA के 100 सैनिकों की मौत को लेकर कोई बयान दिया है. उन्होंने क्विंट को ये भी बताया कि न ही वो PLA से जुड़े रहे और न ही उनके पिता कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना में नेता है.
“मैंने कभी कोई संख्या नहीं बताई. मुझे नहीं पता कि मेरे नाम से ये बयान कैसे शुरु हुआ.”Jianli Yang
उन्होंने हाल ही में द वॉशिंग्टन टाइम्स में एक ओपिनियन लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कैजुअल्टी की संख्या स्वीकारने से 'घरेलू अशांति' की स्थिति पैदा हो सकती है. अपने आर्टिकल में उन्होंने कहीं ये बात नहीं लिखी कि गलवान घाटी में चीन के 100 सैनिक शहीद हो गए.
2. करीब 7 साल पुरानी है स्टोरी में इस्तेमाल की गई फोटो
हमने स्टोरी में इस्तेमाल की गई फोटो पर रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके बाद हमें अमेरिकी केबल और सैटेलाइट टीवी नेटवर्क, C-SPAN का 2013 में अपलोड किया हुआ एक वीडियो मिला.
वीडियो के डिस्क्रिप्शन के मुताबिक: "चीन में मानव अधिकारों की स्थिति पर विशेषज्ञों ने वैश्विक मानव अधिकारों पर हाउस सबकमेटी के समक्ष गवाही दी. अपनी गवाही में, उन्होंने नए चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग के साथ अपनी आगामी बैठक में चीन में इस तरह के मुद्दे पर राष्ट्रपति ओबामा को आक्रामक होने को कहा."
Yang Jianli स्पीकर्स में से एक थे. इसी फोटो का ब्लॉग की स्टोरी में इस्तेमाल किया गया है.
3. रिपब्लिक टीवी में इस्तेमाल किया गया ट्वीट किसी वेरिफाइड सोर्स से नहीं
रिपब्लिक टीवी ने अपनी स्टोरी में जिस 'Tsai Ing-Wen' नाम से अकाउंट के ट्वीट का इस्तेमाल किया है, वो ताइवान की राष्ट्रपति का फेक अकाउंट है.
Tsai Ing-Wen का ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट '@iingwen' नाम से है और उन्होंने अपने प्रोफाइल पर इस तरह की कोई स्टोरी शेयर नहीं की है.
इससे साफ होता है कि गलवान घाटी में कितने चीनी सैनिक मारे गए, इसे लेकर गलत दावे किए जा रहे हैं. जिसे बाकी लोग भी सच समझकर लगातार शेयर कर रहे हैं.
(अपडेट: Dr Jianli Yang की सफाई शामिल करने के लिए इस खबर को अपडेट किया गया है.)
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