न्यूज एजेंसी IANS के हवाले से कई मेन स्ट्रीम न्यूज वेबसाइट्स पर 5 अक्टूबर 2022 को 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले (2G Scam) से जुड़ी एक खबर पब्लिश हुई. इस खबर में बताया गया कि CBI ने 2G घोटाले की पहली चार्जशीट अदालत में पेश कर दी है और DMK नेता ए राजा को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया है. जबकि सच्चाई ये है कि ये खबर 11 साल पुरानी है.
2011 की मीडिया रिपोर्ट्स से पुष्टि हुई कि CBI ने 2 अप्रैल 2011 को पूर्व दूरसंचार मंत्री और DMK नेता ए राजा ए राजा समेत कई टेलीकॉम कंपनियों और उनके मैनेजमेंट के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. मामले की दूसरी चार्जशीट उसी साल में 25 अप्रैल और तीसरी चार्जशीट 23 अक्टूबर को दायर की गई थी.
11 नवंबर 2011 को इस केस का ट्रायल शुरू हुआ था. 6 साल केस चलने के बाद 21 दिसंबर 2017 को ए राजा समेत सभी 18 आरोपियों को क्लीन चिट भी दी जा चुकी है.
इन मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने चलाई खबर
5 अक्टूबर 2022 को जी न्यूज, बिजनेस स्टैंडर्ड और DNA की वेबसाइट पर ये खबर पब्लिश हुई. इस दावे के साथ की CBI ने 2G स्पेक्ट्रम केस में पहली चार्जशीट फाइल की है. इस खबर को न्यूज एजेंसी IANS के हवाले से पब्लिश किया गया था. बिजनेस स्टैंडर्ड और जी न्यूज की वेबसाइट से अब इस रिपोर्ट को हटा लिया गया है, DNA पर ये अब भी है.
5 साल पहले खत्म हो चुका केस , 2011 में दायर हुई थी पहली चार्ज शीट
2017 में CBI की अदालत ने DMK नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा समेत 2G स्पेक्ट्रम घोटाले के सभी 18 आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी. और क्लीनचिट मिलने के 5 साल बाद कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने पहली चार्जशीट की खबर को हाल का समझकर पब्लिश कर दिया.
21 दिसंबर 2017 को कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने कहा कि CBI कोई भी आरोप साबित नहीं कर पाई. CBI ने इस घोटाले की वजह से सरकारी खजाने को 30,984 करोड़ रुपए के नुकसान का अंदाजा लगाया था और ए राजा पर आरोप लगाया कि उन्होंने साल 2001 में तय की गई दरों पर स्पेक्ट्रम बेचा. राजा पर रिश्वत लेकर अपनी पसंदीदा कंपनियों को तरजीह देने का आरोप लगा था.
द हिंदू की वेबसाइट पर 21 दिसंबर 2017 को छपी न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट में 2G SCAM केस से जुड़ी सभी जरूरी तारीखें बताई गई हैं. इसके मुताबिक मामले में CBI ने पहली चार्जशीट 2 अप्रैल 2011 को दायर की थी. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि इस केस में कब क्या मोड़ आया. इस रिपोर्ट के मुताबिक
मई 2007 : ए राजा दूरसंचार मंत्री बने
अगस्त 2007 : दूरसंचार विभाग ने 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन की प्रक्रिया शुरू की
2 नवंबर 2007 : पीएम मनमोहन सिंह ने ए राजा को पत्र लिखकर प्रक्रिया में पारदर्शिता अपनाने की बात कही.
22 नवंबर 2007 : वित्त मंत्रालय ने अपनाई गई प्रक्रिया पर आपत्ति जताई.
21 अक्टूबर 2009: CBI ने एफआईआर दर्ज की, पर इसमें किसी का नाम नहीं था.
31मार्च, 2010 : कंट्रोलर एंड ऑडियर जनरल ऑफ इंडिया (CAG) की रिपोर्ट में 2G स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया में परदर्शिता की कमी होने की बात कही गई.
14-15 नवंबर 2010 : ए राजा का दूरसंचार मंत्री के पद से इस्तीफा
2 अप्रैल 2011 : CBI ने मामले में पहली चार्जशीट दायर की. इसमें DMK नेता ए राजा और तीन टेलिकॉम कंपनियों के खिलाफ और कंपनियों के मैनेजमेंट के खिलाफ चार्जेस लगाए गए थे.
11 नवंबर 2011 : केस का ट्रायल शुरू हुआ.
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