अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के ट्वीट का बताया जा रहा एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. ये ट्वीट उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी जॉइन करने वाली अपर्णा यादव (Aparna Yadav) को लेकर किया गया है.
अपर्णा ने 19 जनवरी (बुधवार) को उत्तरप्रदेश बीजेपी के प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में पार्टी जॉइन की थी. हालांकि, वायरल हो रहा ये ट्वीट अखिलेश यादव के असली ट्विटर हैंडल से नहीं किया गया है. ये ट्वीट अखिलेश के नाम पर बने फर्जी हैंडल @akhileshyadav से हुआ है.
ट्वीट को सही साबित करने के लिए स्क्रीनशॉट में एडिटिंग के जरिए हैंडल के नाम के आगे ब्लू टिक जोड़ा गया है. असल में ये अकाउंट ट्विटर पर वेरिफाइड नहीं है. अखिलेश यादव का असली ट्विटर हैंडल @yadavakhilesh है.
दावा
वायरल हो रहे ट्वीट में लिखा है - अखिलेश यादव अपनी बहू को विभीषण बता रहे है, यानी वे भी मान रहे है कि ये सनातन धर्म को बचाने की ये लड़ाई भगवान राम (योगी जी) व रावण (अखिलेश यादव) के बीच है। जिसमे प्रदेश का हिन्दू योगी जी के साथ व मुसलमान अखिलेश यादव के साथ है। आखिर भैया, जीत तो धर्म की ही होगी।
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने अखिलेश यादव के ट्विटर हैंडल से 19 जनवरी को हुए सभी ट्वीट चेक किए. हमें ऐसा कोई ट्वीट नहीं मिला, जैसा कि वायरल स्क्रीनशॉट में दिखाया गया है. इस दिन अखिलेश के हैंडल से एक ही ट्वीट हुआ है, जो उन्होंने समाजवादी पेंशन को लेकर किया है.
वायरल स्क्रीनशॉट को ध्यान से देखने पर पता चला कि इसका हैंडल "@akhileshyadav" है, जबकि अखिलेश यादव का ओरिजनल ट्विटर हैंडल "@yadavakhilesh" है.
इस हैंडल की प्रोफाइल चेक करने पर पता चला कि ट्विटर ने इस अकाउंट को सस्पेंड कर दिया है. अब हमने वायरल स्क्रीनशॉट की तुलना अखिलेश यादव के असली ट्विटर हैंडल से हुए ट्वीट से की. हमें दोनों की फॉर्मेटिंग में कुछ अंतर दिखाई दिए.
हमने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स सर्च कीं, जिनसे पुष्टि हो सके कि अखिलेश यादव ने अपर्णा के बीजेपी जॉइन करने को लेकर क्या कहा था.
हमें बीबीसी की 3 मिनट की एक वीडियो रिपोर्ट मिली, रिपोर्ट में 1:07 मिनट बाद अपर्णा के जॉइन करने पर अखिलेश की प्रतिक्रिया सुनी जा सकती है. अखिलेश यादव ने कहा ''सबसे पहले तो उनको बधाई, हमें खुशी है कि समाजवादी विचारधारा का विस्तार हो रहा है''
अपर्णा के बीजेपी जॉइन करने के बाद अखिलेश का दिया ऐसा कोई बयान मीडिया में नहीं आया, जैसा कि वायरल ट्वीट के आधार पर दावा किया जा रहा है.
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