अमृतसर में 19 अक्टूबर को हुए रेल हादसे में दशहरा मेले में आए कम से कम 62 लोगों ने अपनी जिंदगी खो दी. इस बीच सोशल मीडिया में कई लोगों ने दावा किया है कि ट्रेन के ड्राइवर ने हादसे के लिए खुद को कसूरवार मानते हुए खुदकुशी कर ली है.
लोगों ने इस खबर को फोटो, वीडियो और एक सुसाइड नोट के साथ शेयर किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि ये ड्राइवर ने लिखा था. इस पोस्ट को अलग-अलग सोशल नेटवर्किंग साइटों पर कई लोगों ने शेयर किया है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये बात पूरी तरह फर्जी है?
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ट्रेन ड्राइवर की खुदकुशी का कथित वीडियो भी वायरल हो रहा है. हालांकि, किए गए दावों में कोई भी सच नहीं है.
आइए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं.
दावा: सही या गलत?
इस दावे के पीछे कोई सच्चाई नहीं है कि वीडियो / फोटो में दिख रहा आदमी ट्रेन चालक है, और उसने दशहरा हादसे के बाद खुद की जान ले ली.
पहली बात, क्विंट से बात करते हुए उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ ने पुष्टि की है कि ट्रेन का चालक सुरक्षित है. अमृतसर सिटी के पुलिस आयुक्त एसएस श्रीवास्तव ने इसी बात को दोहराया है.
दूसरी बात, जिस लेटर को ड्राइवर का सुसाइड नोट बताकर शेयर किया जा रहा है, वो दरअसल, ट्रेन ड्राइवर का बयान है, जो उसने रेलवे अधिकारियों को दिया. बयान में ड्राइवर ने कहा है कि उसने ट्रेन को रोकने की कोशिश में एमरजेंसी ब्रेक लगाए, लेकिन फिर लोगों ने ट्रेन पर पत्थर मारना शुरू कर दिया, तो वो ट्रेन को आगे ले गया.
ये है सच्चाई
फैलाये जा रहे वीडियो और फोटो का ताल्लुक एक दूसरी घटना से है, जो शनिवार, 20 अक्टूबर को अमृतसर के बोहरु में झावल रोड के पास हुआ था.
बोहरु पुलिस थाने के एक सूत्र ने क्विंट को बताया कि शेयर किए जा रहे वीडियो में दिख रहा शख्स हरपाल सिंह है. वो अमृतसर में एक दुकानदार था, जो काम से संबंधित वजहों को लेकर बहुत परेशान था. वह चार साल तक एक दुकानदार रहा था, लेकिन उसका कारोबार घट गया था.
सूत्र के मुताबिक सिंह डिप्रेशन में थे और पहले भी कई बार खुदकुशी करने की कोशिश की थी.
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