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Manipur Viral Video:ANI के भ्रामक ट्वीट के बाद मामले को दिया गया सांप्रदायिक रंग

ANI ने वायरल वीडियो मामले से जुड़ा एक भ्रामक ट्वीट किया कि इस मामले में अब्दुल हिलीम को गिरफ्तार किया गया है.

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(चेतावनी: स्टोरी में रेप और यौन उत्पीड़न का जिक्र है. कृपया पाठक अपने विवेक का इस्तेमाल करें.)

न्यूज एजेंसी एशयन न्यूज इंटरनेशनल (ANI) ने 20 जुलाई को मणिपुर (Manipur) वायरल वीडियो मामले में हुई गिरफ्तारियों से जुड़ा एक भ्रामक ट्वीट किया. इससे पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग दिया जाने लगा.

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मणिपुर पुलिस ने 20 जुलाई को बताया कि उन्होंने 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर एक शर्मनाक वीडियो वायरल होने के बाद कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इस वीडियो में कथित तौर पर मैतेई समुदाय के पुरुषों की भीड़ कुकी-जो समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाते दिख रहे हैं. इस मामले में गिरफ्तार किए गए पहले शख्स की पहचान हुइरेम हेरोदास मैतेई के तौर पर की गई है, वहीं बाकी 3 का नाम पुलिस ने नहीं बताया है.

मामले में क्या सांप्रदायिक एंगल जोड़ा गया?: मणिपुर पुलिस ने ट्वीट कर इंफाल पूर्व से पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (PREPAK) के एक कैडर अब्दुल हिलिम की गिरफ्तारी के बारे में बताया.

इसके बाद, न्यूज एजेंसी ANI ने दो अलग-अलग मामलों को जोड़ा और बताया कि हिलिम वायरल वीडियो मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक था.

हालांकि, न्यूज एजेंसी ने बाद में अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. लेकिन कई न्यूज ऑर्गनाइजेशन और सोशल मीडिया यूजर्स ने एजेंसी के इस ट्वीट से जानकारी लेकर झूठा दावा फैलाया.

सच क्या है?: इंफाल ईस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने हिलिम को बिल्कुल अलग मामले में 20 जुलाई को गिरफ्तार किया था.

किस-किस ने इस ट्वीट को मान लिया सच?: Outlook और NDTV जैसी कई न्यूज वेबसाइटों ने वायरल वीडियो मामले में मुख्य आरोपियों में से एक के तौर पर हिलिम का नाम पब्लिश किया.

ANI के भ्रामक पोस्ट की वजह से कई राइट विंग सोशल मीडिया यूजर्स ने भी यही दावा शेयर किया. इनमें से कुछ के आर्काइव आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं. इनमें से कुछ यूजर्स ने पहले भी कई बार झूठे दावे शेयर किए हैं.

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मणिपुर पुलिस ने असल में क्या कहा था?: हमें मणिपुर पुलिस का 20 जुलाई को किया गया एक ट्विटर मिला. इसमें बताया गया था कि इंफाल ईस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने अब्दुल हिलिम नाम के PREPAK Pro कैडर को गिरफ्तार किया है.

  • हमें मणिपुर पुलिस का उसी दिन का एक और ट्वीट मिली जिसमें वायरल वीडियो मामले में गिरफ्तारियों के बारे में बताया गया था. इसमें अलग पुलिस स्टेशन का जिक्र किया गया था.

  • ट्वीट में बताया गया था कि थौबल जिले के नोंगपोक सेकमई पुलिस स्टेशन की पुलिस ने वायरल वीडियो मामले में चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

  • इंफाल पश्चिम के एसपी मेघचंद्र सिंह ने भी 19 जुलाई को एक प्रेस नोट में कहा था कि नोंगपोक सेकमई पुलिस स्टेशन (थौबल जिला) में किडनैपिंग, गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

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  • प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के भी ट्वीट में इस मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी हुइरेम हेरोदास मैतेई के बारे में बताया गया था.

  • ट्वीट में आरोपी की तस्वीर का भी इस्तेमाल किया गया था.

  • पेची अवांग लीकाई का हेरोदास वायरल वीडियो में हरे रंग की शर्ट पहने नजर आ रहा है.

  • हेरोदास के बारे में ये जानकारी  The QuintHindustan TimesThe Hindu और The Indian Express.की रिपोर्ट्स में भी बताई गई है.

मणिपुर पुलिस का प्रेस नोट: मणिपुर के पुलिस कंट्रोल रूम की ओर से जारी किए गई प्रेस नोट में दोनों अलग-अलग मामलों के बारे में बताया गया है.

  • इसमें बताया गया है कि वायरल वीडियो में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन किसी के नाम की जानकारी नहीं दी गई.

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  • इसके अलावा, अब्दुल हिलिम नाम के शख्स की गिरफ्तारी के बारे में भी बताया गया है. हालांकि, उसके वायरल वीडियो मामले में शामिल होने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.

पुलिस सूत्रों से पुष्टि: हमने इंफाल के एक स्थानीय पत्रकार बोरुन थॉकचोम से संपर्क किया है. जिन्होंने पुलिस से बात करके पुष्टि की कि दो अलग-अलग मामलों के एक साथ जोड़ा जा रहा है.

  • उन्होंने कहा, ''अब्दुल हिलिम उग्रवादी संगठन PREPAK Pro से जुड़ा था. और उसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्ता किया गया है. वो वायरल वीडियो मामले में शामिल नहीं था.''

ANI ने मुस्लिम शख्स की गिरफ्तारी का दावा करने के लिए मांगी माफी: शुरुआती रिपोर्ट पेश करने के 12 घंटे बाद, ANI ने ट्वीट कर माफी मांगी. ट्वीट में कहा गया कि उनका भ्रामक ट्वीट ''अनजाने में'' मणिपुर पुलिस के ट्वीट्स को गलत तरीके से पढ़ने की वजह से पोस्ट किया गया.''

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  • ऐसा दूसरी बार है जब ANI की फर्जी खबर की वजह से भ्रामक दावा शेयर किया गया है. जुलाई की शुरुआत में, न्यूज एजेंसी ने एक फेक लेटर के आधार पर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें दावा किया गया था कि मणिपुर में कई आदिवासी समूहों के ग्रुप इंडिजिनस ट्राइबल लीडर फोरम (ITLF) ने मणिपुर में ‘गुमराह करने और मैतेई लोगों के खिलाफ भड़काने’ के लिए कुकी-जो समुदाय से माफी मांगी है.

  • ANI ने इस स्टोरी पर बाद में माफी जारी की, लेकिन तब तक कई दूसरे न्यूज पब्लिकेशन वही गलत स्टोरी पब्लिश कर चुके थे.

  • आप हमारी फैक्ट चेक स्टोरी यहां पढ़ सकते हैं.

निष्कर्ष: मणिपुर में कुकी महिलाओं के साथ शर्मनाक घटना के वीडियो मामले में ANI ने भ्रामक दावे से ट्वीट किया था.

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