वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
इलस्ट्रेशन: अरूप मिश्रा
क्या आपके मन में भी कभी ये सवाल आया है कि अगर कोई सोशल मीडिया पोस्ट हटा लिया जाए तो भी उसे कैसे एक्सेस किया जा सकता है. या आप ये कैसे साबित करेंगे कि कोई पोस्ट कभी मौजूद थी. भले ही उसे अब डिलीट किया जा चुका हो.
इस सवाल का सीधा सा जवाब है कि अगर ऐसी कोई पोस्ट आप फिर से ऐक्सेस करना चाहते हैं, तो चेक कीजिए कि कहीं उस पोस्ट का कोई अर्काइव तो नहीं किया गया था.
क्या होता है अर्काइव?
अर्काइविंग बिल्कुल वैसा ही है जैसे कि किसी वेबपेज या सोशल मीडिया पोस्ट की ऐसी ''फोटोकॉपी'' करना जिसे एडिट न किया जा सके. ताकि अगर इसे हटा भी लिया जाए, तो भी ऐक्सेस किया जा सके.
क्या आप इसे उदाहरण देकर समझा सकते हैं?
2022 कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान पूर्व इंडियन क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने हिमा दास को गोल्ड मेडल जीतने की बधाई दे दी. हालांकि, तब तक हिमा दास का वो इवेंट शुरू भी नहीं हुआ था, जिसमें उन्होंने हिस्सा लिया था.
हालांकि, सहवाग ने बाद में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया. पोस्ट तो मौजूद नहीं रहा लेकिन उसके स्क्रीनशॉट उपलब्ध थे. इस मामले में, अगर आपके पास अभी भी ओरिजिनल ट्वीट लिंक है है तो आप इसका इस्तेमाल करके देख सकते हैं कि कोई अर्काइव उपलब्ध हैं या नहीं. इसके लिए आप ऑनलाइन टूल जैसे कि Wayback Machine और Archive.is का इस्तेमाल कर सकते हैं.
क्या इन टूल्स का इस्तेमाल सिर्फ अर्काइव देखने के लिए किया जाता है?
नहीं, इन टूल्स का इस्तेमाल आप किसी भी ऐसी पोस्ट को अर्काइव करने के लिए भी कर सकते हैं, जिसे अभी तक हटाया नहीं गया है.
अर्काइविंग कैसे मददगार है?
ये जो अर्काइव होते हैं, ये फैक्ट चेकर्स के लिए एक सुबूत का काम भी करते हैं. और ये ऐसी स्थिति में भी मददगार होते हैं, जब आप अफवाहें फैलाने वाली वेबसाइट्स के लिंक का इस्तेमाल नहीं करना चाहते.
इसके जरिए उन लोगों की प्रोफाइल भी तैयार की जा सकती है जो नियमित रूप से गलत/भ्रामक सूचनाएं फैलाते हैं. साथ ही, ऐसे लोगों के फॉलोवर्स को भी जानकारी देने में मदद मिलती है कि जिसे वो फॉलो कर रहे हैं उसकी ओर से शेयर की गई सामग्री संदिग्ध है.
क्या सोशल मीडिया पोस्ट की ही अर्काइविंग की जाती है?
नहीं, आप वेबसाइटों, सोशल मीडिया पोस्ट और आर्टिकल के लिंक्स वगैरह को भी अर्काइव कर सकते हैं.
अर्काइव करने के लिए कौन-कौन से टूल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है?
ऐसी कई फ्री वेबसाइट्स हैं, जिनसे वेबपेज और सोशल मीडिया पोस्ट्स को अर्काइव किया जा सकता है जैसे:
Wayback Machine
Archive.is
Archive.st
इसके अलावा, Perma.cc और Stillio जैसे कई पेड टूल्स भी हैं, जिनमें कई और भी सुविधाएं मिलती हैं जैसे कि अर्काइव को बनाकर रखना.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
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