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महिलाओं को जागरूक करने के लिए बनाया गया वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल

महिला के साथ बदसलूकी करते टेलर का ये वीडियो स्क्रिप्टेड है. नहीं है कोई सांप्रदायिक एंगल

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला के कपड़ों का नाप लेते एक टेलर को देखा जा सकता है. वीडियो में टेलर महिला के साथ छेड़खानी करता नजर आ रहा है. महिला के जाने के बाद एक बुर्का पहनकर आई महिला पुलिसकर्मी के साथ भी टेलर छेड़खानी करता दिख रहा है, जिसे बाद में महिला गिरफ्तार कर लेती है.

वीडियो को सांप्रदायिक (Communal) दावे से शेयर कर टेलर को मुस्लिम बताया जा रहा है और हिंदू महिलाओं को ऐसे मुस्लिमों (Muslim) टेलरों की दुकान न जाने की सलाह भी दी जा रही है.

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हालांकि, जब हमने वीडियो की पड़ताल की तो पाया कि ये वीडियो किसी सच्ची घटना का नहीं, बल्कि जागरूकता के लिए बनाया गया एक स्क्रिप्टेड वीडियो है. वीडियो को गलत सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया गया है.

दावा

वीडियो शेयर कर दावे में लिखा गया, ''हिंदू घर की बहु,बहन, बेटियां कभी भी मुस्लिम टेलर की दुकान या मेंहदी लगाने वाले के यहां बिल्कुल ना जाए। देखिये इस वीडियो को और समझिये इनकी धुर्तता को। अपना टेलर भी हिंदू ही चुनें''

ये वीडियो ऐसे ही मिलते-जुलते दावों से न सिर्फ फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है, बल्कि यूट्यूब (आर्काइव यहां देखें) पर भी शेयर किया गया है. इनके आर्काइव आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने वीडियो को ध्यान से देखा. वीडियो के आखिर में लिखा था, 'BE A BRAVE GIRL AND TAKE A STAND AGAINST THESE THINGS''. इसे देखकर हमें अंदाजा मिला कि ऐसा हो सकता है कि ये वीडियो जागरूकता के लिए बनाया गया हो.

यहां से क्लू लेकर हमने यूट्यूब पर 'tailor misbehave awareness video' कीवर्ड की मदद से सर्च किया. हमें 3RD EYE नाम के एक यूट्यूब हैंडल पर 12 मार्च को अपलोड किया गया यही वीडियो मिला

वीडियो का टाइटल था, ''Fitting Master Social Awareness Video By 3rd Eye | Ideas Factory''. वीडियो के डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, ये वीडियो सोशल अवेयरनेस (समाज में जागरूकता फैलाने) के लिए बनाया गया है.

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वीडियो के इंग्लिश डिस्क्रिप्शन का अनुवाद इस प्रकार है, ''देखने के लिए धन्यवाद! कृपया ध्यान रखें कि ये चैनल स्क्रिप्टेड ड्रामा और पैरोडी पेश करता है, ताकि लोगों को अलग-अलग तरह की स्थितियों से निपटने के लिए जागरूक किया जा सके. ये शॉर्ट फिल्म्स सिर्फ मनोरंजन के उद्देश्य से बनाई गई हैं.''

हमने चैनल में अपलोड किए गए दूसरे वीडियो भी देखे. हमें वायरल वीडियो जैसे पैटर्न वाले कई वीडियो मिले जिनमें जागरूकता फैलाने वाला कंटेंट देखा जा सकता है.

मतलब साफ है कि लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से बनाया गया वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से सच्ची घटना की तरह शेयर किया जा रहा है. ये वीडियो स्क्रिप्टेड है.

क्विंट की वेबकूफ टीम ने ऐसे कई स्क्रिप्टेड वीडियो की पड़ताल की है, जिन्हें सिर्फ मनोरंजन या प्रमोशन के उद्देश्य से बनाया गया था, लेकिन उन्हें भ्रामक और झूठे सांप्रदायिक एंगल के साथ शेयर किया गया है. इनमें से कुछ खबरें आप नीचे देख सकते हैं जैसे कि,

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  • एक वायरल वीडियो इस झूठे दावे के साथ शेयर किया गया था मुस्लिम लड़के, हिंदू लड़कियों को बेहोश कर उनका आपत्तिजनक वीडियो बना रहे हैं. क्विंट ने तब इस वीडियो की पड़ताल कर सच का पता लगाया था कि ये वीडियो स्क्रिप्टेड था.

  • क्विंट की वेबकूफ टीम ने ने एक और ऐसे ही स्क्रिप्टेड वीडियो की पड़ताल की थी, जिसे शिक्षा के उद्देश्य से बनाया गया था और लूट की घटना दिखाई गई थी. इसे शेयर कर ये झूठा दावा किया गया था कि वीडियो में दिखने वाले लुटेरे मुस्लिम थे.

  • ऐसा ही एक वीडियो झूठे लव जिहाद के एंगल से भी शेयर किया गया था, जिसकी पड़ताल आप यहां पढ़ सकते हैं.

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(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )

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