सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की जा रही है, जिसमें एक दिव्यांग 8 बच्चों के साथ दिख रहा है. ये फोटो ऐसे समय में शेयर की जा रही है जब यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने 11 जुलाई को राज्य की जनसंख्या नीति 2021-30 जारी की और कहा कि जनसंख्या में नियंत्रण की जरूरत है.
हालांकि, हमने पाया कि ये फोटो 2017 में बांग्लादेश में ली गई थी. और इसे उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 से गलत तरीके से जोड़ा जा रहा है.
दावा
सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल उमराव, जो इससे पहले भी भ्रामक जानकारी शेयर कर चुके हैं, ने ये फोटो शेयर करते हुए लिखा कि फोटो में दिख रहे दिव्यांग के 8 बच्चे हैं. साथ ही, उन्होंने सवाल भी किया कि क्या उन्हें खाना और रोजगार मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है.
एक दूसरे यूजर ने इसी तरह के दावे के साथ फोटो को शेयर करते हुए लिखा कि ये जरूरी है कि भारत में 'जनसंख्या नियंत्रण विधेयक' लागू हो.
पड़ताल में हमने क्या पाया
रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें वायरल फोटो Alamy पर मिली. ये फोटो 6 मार्च 2017 की है. इसके कैप्शन में लिखा है कि ये बांग्लादेश के चटगांव के कॉक्स बाजार में खींची गई थी.
इस फोटो के साथ लिखा है, ''मोहम्मद आलमगीर (40) की फैमिली फोटो, जो पोलियो की वजह से दिव्यांग हो गया. म्यांमार में मुस्लिमों के साथ हुई हाल की हिंसा की वजह से वो अपने परिवार को लेकर भाग आया और बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में नए बने रिफ्यूजी कैंप में शरण ली.''
हमें ये फोटो इंटरनेशनल फोटोग्राफी मैगजीन 'Dodho' में भी मिली. प्रोबल राशिद की 'Rohingya Refugees in Bangladesh' (बांग्लादेश में रोहिंग्या रिफ्यूजी) हेडलाइन वाली एक फोटो स्टोरी में इस फोटो का इस्तेमाल किया गया था. राशिद बांग्लादेश में कार्यरत एक डॉक्युमेंट्री फोटोग्राफर और फोटो जर्नलिस्ट हैं.
मतलब साफ है कि बांग्लादेश की एक फोटो उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण) विधेयक, 2021 के हाल ही में जारी किए गए मसौदे से गलत तरीके से जोड़कर शेयर की जा रही है.
क्या कहता है जनसख्या नियंत्रण विधेयक का मसौदा?
विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर 11 जुलाई को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य की जनसंख्या नीति 2021-2030 जारी की और इसे लागू करने की घोषणा की.
उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण) विधेयक, 2021 के मसौदे में उन परिवारों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रमोशन किया गया है जो अपने बच्चे दो तक ही सीमित करना चुनेंगे. इसमें दो या दो से कम बच्चों वाले परिवारों को टैक्स में छूट का सुझाव भी दिया गया है.
जहां दो या दो से कम बच्चों वाले लोगों के लिए कई सुविधाओं के प्रस्ताव हैं तो वहीं ज्यादा बच्चे वालों को कई सुविधाओं से वंचित करने का भी प्रस्ताव है. अगर दो से ज्यादा बच्चे हैं तो सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, सब्सिडी पाने या स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से वंचित किया जा सकता है. और अगर कोई पहले से ही सरकारी कर्मचारी है, तो इस नीति के लागू होने का मतलब ये होगा कि उसकी पदोन्नति रोक दी जाएगी.
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