छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के जशपुर में 15 अक्टूबर (शुक्रवार) को दुर्गा विसर्जन के लिए जा रहे जुलूस को तेज रफ्तार कार द्वारा कुचले जाने की घटना को अब सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. इस घटना को हिंदुओं पर अत्याचार की तरह पेश किया जा रहा है.और ऐसा करने वालों में बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय (Amit Malviya) भी शामिल हैं.
जबकि इस मामले में असल में कोई सांप्रदायिक एंगल सामने नहीं आया. मामले में गिरफ्तार आरोपियों के नाम बबलू विश्वकर्मा और शिशुपाल साहू हैं. यहां बता दें कि जशपुर में 15 अक्टूबर को एक तेज रफ्तार कार ने दुर्गा विसर्जन के लिए जा रहे एक धार्मिक जूलूस को कुचल दिया था. पत्थलगांव इलाके में हुई इस घटना में करीब 15 लोग घायल हुए और एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई थी.
दावा
अमित मालवीय ने जशपुर की घटना का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा- तेज रफ्तार गाड़ी ने छत्तीसगढ़ के जशपुर में हिंदू धार्मिक जुलूस को कुचल दिया. ये हिंदुओं पर सांप्रदायिक हमले का दूसरा उदाहरण है,जबकि मुख्यमंत्री गांधी भाई-बहनों के लिए यूपी में राजनीतिक जमीन तलाशने में लगे हैं (अमित मालवीय के अंग्रेजी में किए ट्वीट का हिंदी अनुवाद)
अमित मालवीय के बाद ट्विटर पर कई यूजर्स ने घटना का पूरा सच जाने बिना. अमित के ट्वीट को कॉपी-पेस्ट करना शुरू कर दिया. अर्काइव यहां और यहां देख सकते हैं.
फेसबुक पर भी बड़े पैमाने पर वीडियो को इसी दावे से शेयर किया जा रहा है. Crime Today नाम के फेसबुक पेज से इसी दावे से शेयर किए गए वीडियो को 13 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है.
पड़ताल में हमने क्या पाय
छत्तीसगढ़ के जशपुर में हुई इस घटना से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स हमने चेक कीं. किसी भी रिपोर्ट में इस घटना के पीछे हिंदू-मुस्लिम एंगल होने की पुष्टि नहीं होती. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में 2 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं बबलू विश्वकर्मा और शिशुपाल साहू. दोनों ही आरोपी मध्यप्रदेश के सिंगरौली के रहने वाले हैं.
हमने जशपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) विजय अग्रवाल से संपर्क किया. उन्होंने क्विंट की वेबकूफ टीम से हुई बातचीत में ये पुष्टि की कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं हैं. गिरफ्तार हुए दोनों आरोपी हिंदू समुदाय से हैं.
जशपुर के स्थानीय पत्रकार अजय सूर्यवंशी से हमने संपर्क किया. उन्होंने क्विंट को घटना की पूरी जानकारी देते हुए बताया
''मामले में 2 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, बबलू विश्वकर्मा और शिशुपाल साहू. घटना के बाद दोनों को भीड़ ने पकड़कर पीटना शुरू कर दिया था, लेकिन कुछ देर बाद पुलिस ने पहुंचकर दोनों को गिरफ्तार किया. एक्सीडेंट के कुछ देर बाद ही राजनीतिक पार्टी से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाना शुरू कर दिया था कि ये बंगाल की गाड़ी है और इसमें बैठे लोग मुस्लिम हैं. लेकिन, पुलिस ने पुष्टि की कि आरोपियों के नाम बबलू विश्वकर्मा और शिशूपाल साहू है. मामले में कोई हिंदू - मुस्लिम एंगल नहीं है''
जशपुर के पत्थलगांव थाने में दर्ज की गई एफआईआर में भी दो आरोपियों के नाम हैं, बबलू विश्वकर्मा और शिशूपाल साहू.
साफ है - अमित मालवीय समेत कई सोशल मीडिया यूजर्स का ये दावा झूठा है कि जशपुर में हुई दुर्घटना का वीडियो ''हिंदुओं पर हुए अत्याचार'' का उदाहरण है. पुलिस अधिकारी और मौके पर मौजूद पत्रकारों ने पुष्टि की है कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
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