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नागालैंड में नागरिकों की मौत से जोड़ कोलंबिया का पुराना वीडियो वायरल

वायरल हो रहा वीडियो न तो हाल का है और न ही नागालैंड का है. ये वीडियो कोलंबिया का है और 2018 का है.

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ स्थानीय लोग सैन्य अधिकारियों से टकराव करते नजर आ रहे हैं. इसे नागालैंड (Nagaland) में हाल में हुई नागरिकों की मौत से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. शनिवार, 4 दिसंबर को उग्रवाद विरोधी ऑपरेशन में अर्द्धसैनिक बल के जवानों की गोलीबारी में 14 नागरिक मारे गए हैं.

हालांकि, वायरल हो रहा वीडियो न तो हाल का है और न ही नागालैंड का है. ये वीडियो कोलंबिया का है और 2018 का है.

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दावा

वीडियो शेयर कर दावे में लिखा जा रहा है, "Soldiers don't fire unless attacked upon, even then they warn first. See this video, you will know #NagalandFiring." (अनुवाद- सैनिक तब तक फायर नहीं करते जब तक हमला न हो, इसके बावजूद वो पहले चेतावनी देते हैं. ये वीडियो देखें, आपको नागालैंड फायरिंग के बारे में पता चल जाएगा.)

रिटायर्ट ग्रुप कैप्टन और फाइटर पायलट एमजे ऑगस्टीन विनोद ने इस वायरल वीडियो को ट्वीट किया था, जिसे 15,000 से भी ज्यादा बार देखा जा चुका था. उन्होंने वीडियो को ओरिजिनली इंग्लिश में इस कैप्शन (अनुवादित) के साथ ट्वीट किया था, ''याद रखें भारत के सैनिक तब तक गोली नहीं चलाते जब तक हमला नहीं किया जाता, तब भी वो पहले चेतावनी देते हैं. इस वीडियो को देखें, आपको नागालैंड फायरिंग के बारे में पता चल जाएगा.''

ट्विटर यूजर ने बाद में ट्वीट का जवाब भी दिया: ''दुनिया की सभी पेशेवर सेनाओं के लिए लागू, साल में किसी भी समय.'' हालांकि, बाद में इसे हटा लिया गया.

कई फेसबुक और ट्विटर यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर किया है, जिनके आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने वायरल ट्वीट पर आए जवाब देखे. हमें EastMojo के एडिटर इन चीफ कर्मा पलजोर का जवाब मिला, जिसके मुताबिक ये वीडियो नागालैंड नहीं, कोलंबिया का है.

ये वीडियो कोलंबिया का है और पुराना है

यहां से संकेत लेकर, हमने यूट्यूब पर स्पैनिश में जरूरी कीवर्ड की मदद से सर्च किया, जिससे हमें कोलंबिया के एक न्यूज पोर्टल Cablenoticias पर 5 जनवरी 2018 को अपलोड किया गया एक बुलेटिन मिला. इसमें वायरल विजुअल का इस्तेमाल किया गया था.

वीडियो के कैप्शन में लिखा था, ''कोरिंटो, काउका में मूल निवासियों और सेना के बीच टकराव."

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इसके अलावा, El Tiempo नाम के एक नैशनल न्यूजपेपर में जुलाई 2018 को पब्लिश एक आर्टिकल में कोरिंटो, कोलंबिया में जनवरी 2018 में हुई वायरल वीडियो वाली घटना के बारे में लिखा गया था.

आर्टिकल के मुताबिक, सैनिकों ने स्थानीय लोगों के उस ग्रुप को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी, जिन्होंने अधिकारियों के मुताबिक अवैध रूप से एक संपत्ति पर कब्जा कर लिया था. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि सैनिकों से झगड़े में शामिल ग्रुप के लोगों में से एक ने एक सैनिक की गर्दन में चाकू रख दिया था. इस वजह से सैनिकों ने फायरिंग की.

आर्टिकल के मुताबिक बाद में जुलाई में, काउका की एक अदालत ने कथित हमलावर को जेल भेज दिया था.

कोलंबिया के कई दूसरी मीडिया आउटलेट जैसे Semana और W Radio ने भी 2018 की इस घटना पर रिपोर्ट दी थी. ये आर्टिकल यहां और यहां पढ़े जा सकते हैं.

मतलब साफ है, सैनिकों से झगड़ा करते स्थानीय लोगों का ये वीडियो नागालैंड का नहीं है और न ही हाल का है. ये वीडियो 2018 का है और कोलंबिया का है जिसे नागालैंड में हाल में हुई नागरिकों की हत्या से जोड़कर झूठे दावे से वायरल किया जा रहा है.

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