ADVERTISEMENTREMOVE AD

राशिद अल्वी के 'जय श्रीराम' वाले भाषण का अधूरा हिस्सा भ्रामक दावे से शेयर

राशिद अल्वी ने रामायण का एक उदाहरण देते हुए कहा कि 'जय श्रीराम' के नारे लगाने वाला हर कोई मुनि नहीं है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी (Rashid Alvi) की 10 सेकंड की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों के साथ-साथ कई दूसरे यूजर्स ने भी शेयर किया है. इस क्लिप में अल्वी को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि 'जय श्रीराम' के नारे लगाने वाले मुनि नहीं, निशाचर हैं.

हालांकि, हमने पाया कि वायरल वीडियो ओरजिनल वीडियो का आधा-अधूरा वर्जन है. अल्वी, उत्तर प्रदेश में कल्कि महोत्सव में बोल रहे थे, जहां उन्होंने रामायण के एक उदाहरण देते हुए कहा था कि 'जय श्री राम' के नारे लगाने वाला हर कोई निशाचर नहीं है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दावा

वीडियो शेयर कर दावा किया गया है कि: "सलमान ख़ुर्शीद के बाद अब कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी जय श्री राम कहने वालों को निशाचर (राक्षस) बता रहे हैं। राम भक्तों के प्रति कांग्रेस के विचारों में कितना ज़हर घुला हुआ है।"

राशिद अल्वी ने रामायण का एक उदाहरण देते हुए कहा कि 'जय श्रीराम' के नारे लगाने वाला हर कोई मुनि नहीं है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

BJP के आईटीसेल प्रमुख अमित मालवीय, बीजेपी हरियाणा नेता अरण यादव और पत्रकार अमीश देवगन के साथ-साथ कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर किया है. इनके आर्काइव यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

फेसबुक पर भी कई यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर कर ऐसे ही दावे किए हैं. इनके आर्काइव यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

0

पड़ताल में हमने क्या पाया

InVID टूल का इस्तेमाल कर वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटकर, हमने उन पर रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे, हमें ABP News का 12 नवंबर को यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसमें उत्तर प्रदेश के संभल में हुए कल्कि महोत्सव में अल्वी लोगों को संबोधित करते हुए देखे जा सकते हैं.

05:26 मिनट के इस वीडियो के 45 सेकंड पर, उन्होंने रामायण के एक विशेष उदाहरण के बारे में बात की और कहा कि जब भगवान लक्ष्मण अस्वस्थ थे, तो भगवान हनुमान को सूर्योदय से पहले 'संजीवनी बूटी' लाने के लिए कहा गया था.

अल्वी ने आगे कहा, ''उधर रावण एक राक्षस को संत बनाके भेज देता है, क्योंकि वो समय बर्बाद करना चाह रहा था ताकि सूर्योदय से पहले संजीवनी बूटी न पहुंचे. भगवान हनुमान ऊपर जा रहे थे, वो राक्षस नीचे बैठकर जय श्रीराम के नारे लगा रहा था. चूंकि भगवान हनुमान एक भक्त थे, वह नीचे आते हैं और राक्षस के पास बैठते हैं. राक्षस भगवान हनुमान से कहता है कि जाओ मानसरोवर में स्नान करो, क्योंकि बना नहाए 'जय श्री राम' नहीं बोला जाता."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फिर आगे वो बताते हैं कि कैसे एक मगरमच्छ जो एक शापित अप्सरा थी, ने भगवान हनुमान के पैर पकड़ लिए और वापस अप्सरा बन गई.

''अप्सरा भगवान हनुमान से कहती हैं कि वो समय कि बर्बाद कर रहे हैं और आपको तो सूरज निकलने से पहले जाना है संजीवनी बूटी लेकर और जो आपके सामने बैठा है और 'जय श्रीराम' के नारे लगा रहा है, वो कोई मुनि नहीं बल्कि राक्षस है.''
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी
ADVERTISEMENTREMOVE AD

ओरिजिनल वीडियो का सिर्फ एक हिस्सा है वायरल वीडियो

वीडियो में 2 मिनट 48 सेकंड के बाद से, वायरल वीडियो वाला हिस्सा सुना जा सकता है.

उन्होंने कहा, ''आज भी बहुत से लोग 'जय श्रीराम' के नारे लगाते हैं, वो सब मुनि नहीं निशाचर लोग हैं. हमें होशियार रहना होगा.''

हमें 11 नवंबर को लाइव स्ट्रीम किया गया एक और यूट्यूब वीडियो भी मिला, जिसमें उन्हें 08:52 मिनट से रामायण के उदाहरण का हवाला देते हुए सुना जा सकता है.

8वें मिनट में वो कहते हुए सुने जा सकते हैं कि वो चाहते हैं भारत में 'राम राज्य' हो और इसमें नफरत के लिए कोई जगह न हो.

उन्हे ये कहते हुए सुना जा सकता है, ''आज देश को लोगों को 'जय श्रीराम' का नारा लगाने वाले कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं. हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना होगा.''

इसके अलावा, 'Jan Ki Baat' के शेयर किए गए एक ट्वीट में राशिद अल्वी ने स्पष्टीकरण में कहा है, ''मैंने ये नहीं कहा कि 'जय श्रीराम' का नारा लगाने वाला हर कोई राक्षस है. मैंने कहा कि हर आदमी जो राम नाम लेता है, वो मुनि नहीं होता.''

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मतलब साफ है, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी के एक वीडियो का थोड़ा सा हिस्सा शेयर कर इस गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि उन्होंने कहा कि 'जय श्रीराम' का नारा लगाने वाला हर कोई राक्षस होता है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×