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दैनिक भास्कर ने IT रेड के बाद नहीं लगवाया ये होर्डिंग, एडिटेड है फोटो

वेबकूफ की पड़ताल में वायरल हो रही ये फोटो एडिटेड निकली

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सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि हिंदी अखबार दैनिक भास्कर ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधने के लिए ये होर्डिंग लगाया. ये फोटो Dainik Bhaskar के देशभर के दफ्तरों पर पड़ी Income Tax Raid के 2 दिन बाद शेयर की जा रही है.

दैनिक भास्कर ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स और स्टोरी में कहा है कि ये छापामारी कोरोना की दूसरी लहर में उनकी उस कवरेज की वजह से की जा रही है जिसमें केंद्र सरकार और यूपी सरकार पर सवाल खड़े हुए थे.

हालांकि, हमारी पड़ताल में सामने आया कि वायरल हो रही फोटो दैनिक भास्कर ने शेयर नहीं की. फोटो असल में यूपी सीएम Yogi Adityanath का मजाक उड़ाने के लिए सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने शेयर की थी. इसके बाद यूजर्स ने इसे दैनिक भास्कर का असली होर्डिंग मानकर शेयर करना शुरू कर दिया. ये फोटो असल में एडिटेड है.

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दावा

वायरल फोटो में दिख रहे होर्डिंग पर लिखा टेक्स्ट है मठ का महंत ना फेंकू संत

इसके आगे लिखा है - अब चलेगा केवल सच यूपी में खबरें न दबेंगी, न रुकेगी

सोशल मीडिया पर फोटो के साथ शेयर किया जा रहा कैप्शन है - दमनकारी सरकार' ने 'दैनिक भास्कर' की आवाज दबाने की कोशिश की, फिर जो दैनिक भास्कर ने किया वह आपके सामने है"

SP विधायक अम्बृष सिंह पुष्कर समेत कई फेसबुक यूजर्स ने ये फोटो शेयर की. यही दावा करते अन्य पोस्ट्स का अर्काइव यहां, यहां और यहां देखें

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पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने दैनिक भास्कर की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल्स चेक किए. भास्कर द्वारा शेयर की गई होर्डिंग की ऐसी कोई तस्वीर हमें नहीं मिली. ऐसी कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट भी हमें नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि दैनिक भास्कर की तरफ से ऐसा होर्डिग लगाया गया है.

फोटो को ध्यान से देखने पर हमें टेक्स्ट "@YogiJhoothaHai" दिखा. इसके साथ ही फोटो में नीचे इसी टेक्स्ट के साथ लोगो भी है. साथ में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की एक एनिमेटेड फोटो भी है.

हमें इसी नाम वाला एक फेसबुक पेज मिला, वायरल हो रही फोटो इस पेज से 22 जुलाई को शेयर की गई थी.

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पोस्ट का कैप्शन है - 'दमनकारी सरकार' ने 'दैनिक भाष्कर' की आवाज़ दबाने की कोशिश की, फिर जो दैनिक भाष्कर करना चाहेगा वह आपके सामने है

कैप्शन से साफ हो रहा है कि होर्डिंग की ये तस्वीर एक मजाक के तौर पर शेयर की गई, जिसे बाद में सच मान लिया गया. बाद में फोटो इस दावे से शेयर होने लगी कि दैनिक भास्कर ने सच में ऐसा होर्डिंग लगावाया है.

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वायरल हो रही होर्डिंग की फोटो को क्रॉप कर हमने गूगल पर रिवर्स सर्च किया. हमें न्यूज नेशन और द प्रिंट की जनवरी 2020 की कुछ रिपोर्ट्स मिलीं.

न्यूज नेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, ये पोस्टर बीजेपी नेता दीपक मदान ने लगवाया था. असली पोस्टर का टेक्स्ट है "देश मांगे नरेंद्र मोदी, दिल्ली मांगे केजरीवाल"

दोनों तस्वीरों को मिलाने पर साफ हो रहा है कि एडिटिंग के जरिए पोस्टर के टेक्स्ट को बदला गया.

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होर्डिंग की फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स मिले, जिनमें बताया गया है कि दैनिक भास्कर ने साल साल 2017 में ऐसे होर्डिंग लगवाए थे. जिनमें साल 2017 का यूपी विधानसभा चुनाव लड़ रही पार्टियों का जिक्र था. सबरंग इंडिया की 2017 की एक पोस्ट में दैनिक भास्कर समूह द्वारा लगाए गए होर्डिंग्स की एक तस्वीर भी है.

मतलब साफ है कि पुराने होर्डिंग की फोटो को एडिट कर ये झूठा दावा किया जा रहा है कि दैनिक भास्कर ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधने के लिए होर्डिंग लगवाए.

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