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Fact Check: Kanpur Violence का बता इटावा का पुराना वीडियो वायरल

दावा किया गया कि BJP वाले बम लेकर आए थे और कानपुर हिंसा के लिए वही जिम्मेदार हैं, जबकि वीडियो जुलाई 2021 का है.

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कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) का बताकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में एक पुलिसकर्मी फोन पर बात करता नजर आ रहा है और विधायक और जिलाध्यक्ष का जिक्र करते हुए बोल रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) वाले बम लेकर भी आए थे. फोन में पुलिसकर्मी पत्थरबाजी के बारे में बात करता नजर आ रहा है.

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) ने पैंगबर मोहम्मद पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके विरोध में कानपुर में मुस्लिम संगठनों ने बंद का आह्वान किया था और इसी दौरान हिंसा भड़की थी.

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हालांकि, हमने पाया कि वायरल वीडियो कानपुर का नहीं है. ये वीडियो 2021 का है और यूपी के इटावा का है. तब इटावा में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान हिंसा हुई थी और एसपी सिटी प्रशांत कुमार प्रसाद का ये वीडियो वायरल हुआ था. तब इटावा एसपी रहे प्रशांत कुमार ने भी क्विंट को बताया कि ये वीडियो कानपुर का नहीं है.

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दावा

वीडियो शेयर कर कैप्शन में लिखा गया कि कानपुर में एक पुलिसकर्मी खुद अपने अधिकारियों को बता रहा है कि बीजेपी वाले दंगा करा रहे हैं और बम साथ लेकर आए हैं. आगे ये भी लिखा गया कि इतना सब होने के बावजूद दंगें का जिम्मेदार बीजेपी वालों को नहीं मुस्लिमों को समझा जा रहा है.

दावा किया गया कि BJP वाले बम लेकर आए थे और कानपुर हिंसा के लिए वही जिम्मेदार हैं, जबकि वीडियो जुलाई 2021 का है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

वीडियो फेसबुक और ट्विटर दोनों जगह ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. इनमें से कुछ का आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया?

हमने वायरल वीडियो के साथ शेयर किए गए एक पोस्ट पर किए गए कमेंट देखे, जहां कई यूजर्स ने बताया था कि ये वीडियो कानपुर का नहीं है. पुराना है और वो इसे पहले भी देख चुके हैं. एक यूजर ने ये भी बताया कि ये इलेक्शन टाइम का है, वहीं एक और यूजर ने बताया कि ये वीडियो इटावा का है.

दावा किया गया कि BJP वाले बम लेकर आए थे और कानपुर हिंसा के लिए वही जिम्मेदार हैं, जबकि वीडियो जुलाई 2021 का है.

वायरल पोस्ट पर कमेंट में बताया गया कि ये वीडियो पुराना है और कानपुर का नहीं है

(फोटो: Altered by The Quint)

इन सभी संकेंतों के आधार पर हमने गूगल पर जरूरी कीवर्ड की मदद से सर्च किया. हमें Jansatta की 10 जुलाई 2021 की एक रिपोर्ट मिली.

'ब्लॉक प्रमुख चुनाव: इटावा में फायरिंग, SP को थप्पड़ जड़ने का आरोप; सीतापुर में BJP कैंडिडेट की गाड़ी से मिला असलहा-लाठी, डंडा' हेडलाइन वाली इस रिपोर्ट में यूपी में 2021 के ब्लॉक प्रमुख चुनाव में हुई हिंसा के बारे में बताया गया था.

दावा किया गया कि BJP वाले बम लेकर आए थे और कानपुर हिंसा के लिए वही जिम्मेदार हैं, जबकि वीडियो जुलाई 2021 का है.

ये स्टोरी 10 जुलाई 2021 को पब्लिश हुई थी

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/जनसत्ता)

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रिपोर्ट के मुताबिक, इटावा में फायरिंग और एसपी प्रशांत कुमार के साथ मारपीट के बारे में भी बताया गया है. इस स्टोरी में जर्नलिस्ट रोहिणी सिंह का 10 जुलाई को किया गया एक ट्वीट भी इस्तेमाल किया गया था, जिसमें यही वायरल वीडियो था.

ट्वीट में इस्तेमाल किया गया वीडियो क्लीयर होने की वजह से पीछे रखी बैरिकेड में 'जिला-इटावा' लिखा देखा जा सकता है.

दावा किया गया कि BJP वाले बम लेकर आए थे और कानपुर हिंसा के लिए वही जिम्मेदार हैं, जबकि वीडियो जुलाई 2021 का है.

बैरिकेड में लिखा है जिला इटावा

(फोटो: स्क्रीनशॉट/ट्विटर/Altered by The Quint)

इसके अलावा, स्टोरी में एक और जर्नलिस्ट गोविंद प्रताप सिंह का ट्वीट भी इस्तेमाल किया गया था, जिसके मुताबिक ये घटना इटावा के बढ़पुरा ब्लॉक के उदी चौराहे की हैं. दोनों ही वीडियो में एक बड़ा गेट देखा जा सकता है, जिसमें 'Shakuntlam International School लिखा हुआ है.

दावा किया गया कि BJP वाले बम लेकर आए थे और कानपुर हिंसा के लिए वही जिम्मेदार हैं, जबकि वीडियो जुलाई 2021 का है.

शकुंतलम इंटरनेशनल स्कूल लिखा देखा जा सकता है

(फोटो: Altered by The Quint)

हमें इस स्कूल के बारे में गूगल मैप्स पर भी जानकारी मिली कि ये स्कूल इटावा में बढ़पुरा के उदी चौराहे में मौजूद है.

दावा किया गया कि BJP वाले बम लेकर आए थे और कानपुर हिंसा के लिए वही जिम्मेदार हैं, जबकि वीडियो जुलाई 2021 का है.

गूगल मैप्स पर भी शाकुंतलम स्कूल की जानकारी मिली.

(फोटो: Google Maps/Altered by The Quint)

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इसके अलावा, हमें NDTV और क्विंट हिंदी के यूट्यूब हैंडल पर भी इस घटना से जुड़ा एक वीडियो मिला. इसमें वायरल वीडियो का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें इटावा के एसपी सिटी प्रशांत कुमार अपने सीनियर को बताते नजर आ रहे हैं कि उनको थप्पड़ मारा गया

क्विंट ने प्रशांत कुमार प्रसाद भी संपर्क किया, जो अब मुजफ्फरनगर में एसपी क्राइम हैं. उन्होंने दावे को गलत बताया और कहा कि ये वीडियो कानपुर का नहीं, बल्कि पिछले साल का है और इटावा का है.

हमें इस मामले से जुड़ी 10 जुलाई 2021 को क्विंट पर पब्लिश एक रिपोर्ट भी मिली. इसके अलावा, ANI का भी 11 जुलाई का एक ट्वीट मिला, जिसके मुताबिक, इटावा में एसपी सिटी प्रशांत कुमार प्रसाद पर हमला करने के लिए बीजेपी लीडर विमल भदौरिया सहित कुछ अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की गई थी.

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क्या हुआ था कानपुर में?

3 जून 2022 को कानपुर में मुस्लिम संगठनों ने BJP प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में बंद का आह्वान किया था. विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी और पथराव हो गया था. इस मामले में पुलिस ने 6 जून तक 29 लोगों को गिरफ्तार किया है.

मतलब साफ है कि ये वीडियो इटावा का है और जुलाई 2021 का है, जिसे कानपुर में जून 2022 में हुई हिंसा से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )

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