ADVERTISEMENTREMOVE AD

पूर्व EC ने नहीं लगाया BJP पर EVM हैकिंग का आरोप,फर्जी है दावा

कृष्णमूर्ति ने कहा कि ईवीएम सबसे ज्यादा विश्वसनीय माध्यम है और मुझे इसके प्रभावी होने से जुड़ा कोई संदेह नहीं है

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सोशल मीडिया पर न्यूजपेपर की एक क्लिपिंग वायरल हो रही है. जिसके मुताबिक, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) टीएस कृष्णमूर्ति ने कथित रूप से ऐसा कहा है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव बीजेपी ने ईवीएम हैकिंग से जीता है और इसमें उसकी मदद चुनाव आयोग ने की है.

हालांकि, क्विंट को The Daily Graph नाम की एक बंद हो चुकी वेबसाइट पर साल 2017 में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट मिली. इसके अलावा, टीएस कृष्णमूर्ति ने भी उनके नाम पर वायरल हो रहे इस दावे को गलत बताया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दावा

न्यूजपेपर की ये क्लिपिंग फेसबुक और ट्विटर पर वायरल हो रही है. इसमें दावा किया जा रहा है कि: “पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने यह कह कर सनसनी फैला दी है कि उत्तर प्रदेश उत्तराखंड गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव सिर्फ और सिर्फ बीजेपी नें ईवीएम हेकिंग की वजह से जीता है।

इस दावे को शेयर करने वालों में हिमाचल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष निगम भंडारी और आम आदमी पार्टी (आप) के पदाधिकारी विकास योगी शामिल हैं.

कृष्णमूर्ति ने कहा कि ईवीएम सबसे ज्यादा विश्वसनीय माध्यम है और मुझे इसके प्रभावी होने  से जुड़ा कोई संदेह नहीं है
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

इस दावे को कई और सोशल मीडिया यूजर्स ने शेयर किया है. (इनका आर्काइव आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने देखा कि वायरल क्लिपिंग में किसी की बाइलाइन नहीं हैं और न ही किसी पब्लिकेशन का नाम है. इसके अलावा, हमने गूगल पर “TS Krishnamurthy + EVM Hacking” सर्च करके देखा और हमें ऐसी कोई भी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिससे ये वायरल दावा पुख्ता होता हो.

हिंदी न्यूज वेबसाइट Lallantop की साल 2018 की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि टीएस कृष्णमूर्ति के नाम पर लिखा गया कथित आर्टिकल पहली बार The Daily Graph नाम की एक वेबसाइट पर पब्लिश किया गया था. ये वेबसाइट अब बंद हो चुकी है.

इसके बाद, हमने वेबसाइट का वेब आर्काइव सर्च किया और पाया कि इस आर्टिकल को 21 दिसंबर 2017 में पहली बार पब्लिश किया गया था.

कृष्णमूर्ति ने कहा कि ईवीएम सबसे ज्यादा विश्वसनीय माध्यम है और मुझे इसके प्रभावी होने  से जुड़ा कोई संदेह नहीं है
ये आर्टिकल 21 दिसंबर 2017 को पब्लिश किया गया था
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Wayback Machine/The Daily Graph)

न्यूजपेपर की वायरल क्लिपिंग बिल्कुल वैसी ही है जैसे कि The Daily Graph की पब्लिश की गई रिपोर्ट थी.

वेबसाइट ने इस आर्टिकल में न तो किसी भी सोर्स के बारे में लिखा गया है और न ही किसी के हवाले से इसे लिखा गया है. वेबसाइट के कंटेंट पर सरसरी नज़र (इंटरनेट आर्काइव पर उपलब्ध) डालने पर पता चला कि इसकी ज्यादातर रिपोर्ट्स में न तो सूचना के सोर्स के बारे में बताया जाता था और न ही किसी राइटर की बाइलाइन होती थी.

हमें चुनाव आयोग का जारी किया गया 11 मार्च का एक प्रेस नोट भी मिला. इसमें बताया गया था कि पोल पैनल ने टीएस कृष्णमूर्ति के नाम से वायरल इस फेक न्यूज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें गलत दावा किया गया है कि टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा था कि ईवीएम हैकिंग हुई है.

इस प्रेस नोट में कृष्णमूर्ति का बयान भी है जिसमें उन्होंने इस तरह की किसी भी टिप्पणी से इनकार किया है.

‘’मेरे संज्ञान में आया है कि कुछ समय पहले एक हिंदी न्यूजपेपर में छपी एक फर्जी खबर को फिर से सर्कुलेट किया जा रहा है. इस खबर के मुताबिक, मैंने भारत में चुनाव कराने में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त किया था. यह पूरी तरह से गलत और शरारती है. इससे आगामी चुनावों को लेकर गलत धारणा फैलेगी.’’
ADVERTISEMENTREMOVE AD

उन्होंने कहा, ''मैं फिर से कहना चाहूंगा कि ईवीएम सबसे ज्यादा विश्वसनीय माध्यम है और मुझे इसके प्रभावी होने और विश्वसनीय होने से जुड़ा कोई संदेह नहीं है. ईवीएम मशीन वास्तव में हमारे देश का गौरव है और इसकी विश्वसनीयता के बारे में कोई संदेह नहीं किया जा सकता है”.

मतलब साफ है कि टीएस कृष्णमूर्ति का हवाला देकर गलत दावा किया जा रहा है. एक बंद हो चुकी वेबसाइट पर पब्लिश रिपोर्ट की क्लिपिंग शेयर कर गलत दावा किया जा रहा है कि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि उसने ईवीएम हैक कर कई राज्यों में चुनाव जीता है. ये दावा ऐसे समय में किया जा रहा है जब कथित तौर पर पथरकंडी से बीजेपी के उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की कार में ईवीएम दिखाने वाला एक वीडियो ऑनलाइन वायरल हुआ था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×