ADVERTISEMENTREMOVE AD

Hindi Diwas : क्या हिंदी है हमारी राष्ट्रभाषा? लोगों ने दिए अजब-गजब जवाब

भारत के संविधान में राष्ट्रभाषा जैसे किसी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा

क्या हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा (National Language) है ? या फिर राजभाषा है ? या फिर अंग्रेजी हमारी राष्ट्रीय भाषा, अरे अंग्रेजी तो ऑफिशियल लैंग्वेज है न ? हिंदी को लेकर ऐसे कई सवाल हैं जो लोगों को कन्फ्यूज करते हैं. वक्त-वक्त पर ऐसे दावे भी किए जाते रहे हैं कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है.

ऐसे में क्विंट की वेबकूफ टीम ने इस बार न्यूज स्टूडियो में बैठकर फैक्ट चेक रिपोर्ट बनाने की बजाए ग्राउंड पर पहुंचकर ये समझने की कोशिश की कि हिंदी को लेकर लोगों में किस तरह की भ्रांतियां हैं. हमने न सिर्फ लोगों से हिंदी से जुडे़ सवाल पूछे बल्कि उन्हें सही जवाब भी बताए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

देश की भाषा को लेकर क्या कहता है संविधान ?

भारत के संविधान में हिंदी या किसी भी भाषा के लिए राष्ट्रीय भाषा या मातृ भाषा शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है. संविधान के आर्टिकल 343 में एक तरफ जहां हिंदी और अंग्रेजी को राज्य की आधिकारिक भाषा यानी ऑफिशियल लैंग्वेज बताया गया है. वहीं आर्टिकल 346 कहता है कि केंद्र की आधिकारिक भाषा के जरिए ही दो राज्यों के बीच में कम्यूनिकेशन होगा. 
अब सवाल उठता है कि क्या संविधान में अंग्रेजी के अलावा सिर्फ हिंदी को ही मान्यता मिली हुई है? नहीं. 

हिंदी - इंग्लिश के अलावा इन भाषाओं को भी संविधान में मान्यता

भारत के संविधान में सिर्फ हिंदी और इंग्लिश को मान्यता नहीं मिली है. संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भारतीय भाषाओं को मान्यता दी गई है. ये भाषाएं हैं हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, असमी, बंगाली, गुजराती, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली. उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, बोडो, सथली, मैथिली और डोगरी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×