सिंगापुर के चीफ जस्टिस सुंदरेश मेनन का बताया जा रहा एक वीडियो शेयर हो रहा है. दावा है कि चीफ जस्टिस वीडियो में बता रहे हैं कि किस तरह भारत को हिंदू राष्ट्र (Hindu Rashtra) बनाने के लिए संविधान (Indian Constitution) को हाईजेक किया जा सकता है.
क्या ये दावे सच हैं ? : नहीं, वीडियो में दिख रहे शख्स मशहूर कानूनविद और नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी के पूर्व डायरेक्टर डॉ. जी मोहन गोपाल हैं. वीडियो में डॉ. जी मोहन गोपाल नई दिल्ली में आयोजित एक सेमिनार में बोलते दिख रहे हैं, सेमिनार का टॉपिक था "न्यायिक नियुक्तियों में कार्यकारी हस्तक्षेप"
ये सेमिनार 18 फरवरी को न्यायिक जवाबदेही और सुधार को लेकर चलाए गए कैंपेन के तहत आयोजित हुआ था.
अपने भाषण में गोपाल ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदुत्व पर आधारित सत्ता को स्थापित करने के लिए न्यायपालिका को हाईजैक किया जा सकता है.
हम सच तक कैसे पहुंचे ? : वीडियो में ऊपर दाई तरफ "Live Law" का लोगो देखा जा सकता है. यहां से अंदाजा लेकर हमने वीडियो का ओरिजनल वर्जन ढूंढना शुरू किया, हमें वायरल हो रही क्लिप का बड़ा वर्जन मिला.
वीडियो Live Law के ऑफिशयल यूट्यूब चैनल पर 21 फरवरी को अपलोड किया गया था.
हेडलाइन में बताया गया है कि डॉ. मोहन गोपाल ने उन जजों की बात की जो कानून का सोर्स संविधान की बजाए धर्म में ढूंढते हैं.
मोहन गोपाल के भाषण का जो हिस्सा लाइव लॉ की रिपोर्ट में है उसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा. ''देश में हिंदू धर्म से जुड़ी सत्ता स्थापित करने का पहला चरण ये है कि ऐसे जज नियुक्त किए जाएं, जो अपने फैसले के लिए संविधान के अलावा बाहरी सोर्स देखें. दूसरा चरण होगा कि ऐसे जज नियुक्त किए जाएं, जिन्हें पता हो कि वो सोर्स क्या हैं''
यहीं से भी मोहन गोपाल वो बयान देते हुए सुने जा सकते हैं, जो वायरल क्लिप में है. वीडियो में इसे 14:50 मिनट पर सुना जा सकता है.
आखिर क्यों शेयर हो रहा है ये बयान ? : 3 फरवरी को सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस मेनन ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई देखी थी.
जस्टिस मेनन सुप्रीम कोर्ट के 73वें स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया था.
4 फरवरी को सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मेनन ने बदलते विश्व में न्यायपालिका की भूमिका पर व्याख्यान भी दिया था.
क्या सिंगापुर के चीफ जस्टिस ने भारतीय न्यायपालिका पर कोई टिप्पणी की ? : नहीं, इसके उलट उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा था कि ''भारत का सुप्रीम कोर्ट दुनिया की सबसे व्यस्त अदालतों में से एक है''
आगे वो भारत के जजों की तारीफ करते हुए कहते हैं ''ये सबसे ज्यादा मेहनत से काम करने वाले जजों में से एक हैं, क्योंकि मुकदमों का भार ही इतना ज्यादा है''.
पूरा भाषण आप यहां पढ़ सकते हैं.
जस्टिस मेनन और वायरल क्लिप में दिख ऱहे शख्स की तुलना करने पर साफ हो रहा है कि ये दोनों एक नहीं हैं.
पड़ताल का निष्कर्ष : ये टिप्पणी डॉ. जी मोहन गोपाल ने की थी कि हिंदुत्व की सत्ता को स्थापित करने के लिए न्यायपालिका को हाइजेक किया जा सकता है, उनके भाषण का हिस्सा सोशल मीडिया पर सिंगापुर के चीफ जस्टिस का बताकर गलत दावे से वायरल है.
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