ADVERTISEMENTREMOVE AD

Fact-Check: गाजा की नहीं हैं यह तस्वीरें, इजरायल ने राहत सामग्री को लेकर फैलाया झूठ

Fact Check: खुले मैदान पर तंबू दिखाने वाली क्लिप असल में मोल्दोवा में यूक्रेनी शरणार्थियों के राहत शिविरों में से एक की है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

इजरायल से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट्स ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें शेल्टर हाउस के रूप में राहत सामग्री और अन्य सहायता दिख रही है. इसमें दावा किया गया कि इजरायल ने इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) के बीच गाजा पहुंचने वाली राहत-सामग्री पर कोई रोक नहीं लगाई है.

दावा: अलग-अलग तरह की सहायता (Aid) के बारे में बताते हुए, वीडियो को यह कहते हुए शेयर किया गया है कि इजरायल ने "गाजा में जान बचाने वाली मानवीय सहायता के आने की सुविधा जारी रखी है, "हमारी जंग हमास के साथ है, गाजा के लोगों के साथ नहीं."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो को इसी कैप्शन के साथ Israel at UN के X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट, Embassy of Israel to the USA, Israel's Consulate General in the US' midwest. के X अकाउंट से शेयर किया गया था.

  • Israel at UN X ACCOUNT

    (X/altered by The Quint)

(इस दावे को शेयर करने वाले अन्य पोस्ट के आर्काइव यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.)

लेकिन...?: वीडियो का वह हिस्सा जिसमें खुले मैदान पर कई टेंट हॉउस दिखाई दे रहे हैं, उसका इजरायल या फिलिस्तीन से कोई संबंध नहीं है.

  • यह हिस्सा मार्च 2022 का है और मोल्दोवा में रूस-यूक्रेन युद्ध में हिस्सा ले रहे यूक्रेनी शरणार्थियों को शेल्टर देने के लिए लगाए गए तंबू है.

0

हमनें सच का पता कैसे लगाया?: हमने वीडियो को कई कीफ्रेमों में बांट दिया और वीडियो के अलग अलग हिस्सों को दिखाने वाले स्क्रीनशॉट पर गूगल के जरिए रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल किया.

  • सर्च के दौरान वीडियो के अंतिम हिस्से में जिसमें खुले मैदान पर तंबू लगे हुए हैं, हमें स्टॉक इमेज वेबसाइट iStockphoto पर वही तस्वीर मिली.

  • इस वीडियो के टाइटल और कैप्शन में लिखा गया है कि इसमें मोल्दोवा में यूक्रेनी शरणार्थियों के लिए बनाए गए कैम्प दिखाए गए हैं.

Fact Check: खुले मैदान पर तंबू दिखाने वाली क्लिप असल में मोल्दोवा में यूक्रेनी शरणार्थियों के राहत शिविरों में से एक की है.

हमें यही क्लिप istockphoto पर मिली.

(सोर्स: आईस्टॉकफोटो/स्क्रीनशॉट)

  • तस्वीर के डिस्क्रिब्शन में कहा गया है कि वीडियो मोल्दोवा में शूट किया गया था और 21 मार्च 2022 को वेबसाइट पर अपलोड किया गया था.

Fact Check: खुले मैदान पर तंबू दिखाने वाली क्लिप असल में मोल्दोवा में यूक्रेनी शरणार्थियों के राहत शिविरों में से एक की है.

वीडियो मोल्दोवा में शूट किया गया था और 2022 में अपलोड किया गया था.

(सोर्स: istockphoto/altered by The Quint)

  • हमें स्टॉक इमेज वेबसाइट शटरस्टॉक पर भी ऊपर से शूट किया गया ऐसा ही फुटेज मिला.

Fact Check: खुले मैदान पर तंबू दिखाने वाली क्लिप असल में मोल्दोवा में यूक्रेनी शरणार्थियों के राहत शिविरों में से एक की है.

शटरस्टॉक ने मोल्दोवा में शरणार्थी शिविर के यही समान दृश्य दिखाए.

(सोर्स: शटरस्टॉक/स्क्रीनशॉट)

ऐसी ही एक तस्वीर संयुक्त राष्ट्र विकास कोष (UNDP) की मोल्दोवन वेबसाइट पर शेयर की गई थी.

निष्कर्ष: इजरायल से जुड़े एकाउंट्स के साथ-साथ कई सोशल मीडिया यूजर्स ने, गाजा में रिलीफ शेल्टर को गलत तरीके से दिखाने के लिए पुराने और इससे असंबंधित तस्वीरों को शेयर किया है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 , या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×