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जोधपुर: परिवार के लोगों में हुई मारपीट का वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल

दावा किया जा रहा है कि आरोपी मुस्लिम समुदाय से हैं इसलिए गहलोत सरकार ने एक्शन नहीं लिया

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें कुछ लोग एक शख्स की बेरहमी से पिटाई करते दिख रहे हैं. वीडियो शेयर कर सोशल मीडिया पर राजस्थान (Rajasthan) की गहलोत सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि पिटाई करने वाले लोग मुस्लिम समुदाय से हैं इसलिए उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.

पहले भी सोशल मीडिया पर ये दावे किए जाते रहे हैं कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति के चलते अल्पसंख्यक समुदाय के आरोपियों पर एक्शन नहीं लेती.

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हालांकि, जोधपुर की जिस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, वह एक निजी विवाद था. इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. स्थानीय थाने के एसएचओ लेखराज और स्थानीय पत्रकारों ने हमें बताया कि इस मामले में आरोपी और पीड़ित दोनों ही हिंदू समुदाय से हैं.

दावा

वीडियो के साथ शेयर किए जा रहा कैप्शन है - मुल्लों को कोई डर नहीं क्योंकि राजस्थान में इनकी कांग्रेस सरकार है, जय हो गहलोत अभी तक 5 दिन हो गए एक भी गिरफ़्तारी नहीं क्योंकि मारने वाले मुस्लिम हैं

(चेतावनी : कुछ दृश्य आपको विचलित कर सकते हैं)

वीडियो श्री बजरंग सेना नाम के फेसबुक पेज से शेयर किया गया. रिपोर्ट लिखे जाने तक इसे 15000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है.

इसी दावे के साथ वीडियो शेयर करने वाले अन्य सोशल मीडिया पोस्ट्स के अर्काइव यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

क्विंट की वॉट्सएप टिपलाइन पर भी कई यूजर्स ने ये वीडियो पड़ताल के लिए भेजा.

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पड़ताल में हमने क्या पाया?

हमें राजस्थान पुलिस की हेल्प डेस्क का एक ट्वीट मिला. हेल्प डेस्क ने ये ट्वीट वायरल वीडियो शेयर करने वाले एक यूजर के ट्वीट के जवाब में किया और जोधपुर पुलिस से मामले का अपडेट देने को कहा.

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21 सितंबर को जोधपुर पूर्व के डीएसपी ने जवाब देते हुए बताया कि महामंदिर पुलिस थाने में 10 लोगों पर IPC की धारा 107 और 151 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

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यहां से क्लू लेकर हमने गूगल पर मामले से जुड़े अलग-अलग कीवर्ड सर्च किए. हमें नवभारत टाइम्स और पत्रिका की रिपोर्ट्स मिलीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों पक्ष एक ही परिवार के हैं आसपास रहते हैं. ये आपसी रंजिश का मामला था.

पुलिस का इस मामले में क्या कहना है ?

महामंदिर पुलिस थाने के एसएचओ लेखराज ने क्विंट से बातचीत में सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे को फेक बताते हुए कहा कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

दोनों पक्ष हिंदू समुदाय के खटीक समाज से हैं, एक ही परिवार से हैं. दरअसल एक पक्ष ने दूसरे पक्ष को 'जागरण' में आमंत्रित नहीं किया. इस कारण विवाद हुआ.
लेखराज, एसएचओ, महामंदिर पुलिस थाना जोधपुर
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एसएचओ ने हमें आरोपियों के नाम भी बताए. आरोपी हैं - सुरेश, देवीलाल, विकास, रविंदर, सुनील कुमार आका सोनू, संतोष मनोहर लाल, भारत, विशाल, घनश्याम ,पुखराज और भवानी.

हमने इलाके के दो स्थानीय पत्रकारों से संपर्क किया. पत्रकारों ने पुष्टि की कि इस लड़ाई में दोनों पक्ष एक ही समुदाय से थे. और ये घटना 19 सितंबर को हुई थी.

मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर एक ही परिवार के बीच हुए विवाद का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से शेयर किया जा रहा है.

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