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Afghanistan Blast की 2 साल पुरानी तस्वीरों को मीडिया ने हाल का बताकर चलाया

Kabul Blast में हुए हालिया ब्लास्ट का बताकर मीडिया प्लेटफॉर्म्स प र 2 साल पुरानी तस्वीर चलाई गई

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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) में 17 अगस्त की शाम को एक धमाका हुआ, जिसमें तकरीबन 20 लोगों की जान चली गई. भारतीय मीडिया में ये खबर प्रमुखता से चली और इसी बीच कई न्यूज प्लेटफॉर्म्स ने काबुल के इस ब्लास्ट की बताकर एक फोटो चलाई. हालांकि, क्विंट की वेबकूफ टीम ने जब इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि ये फोटो तो काबुल में हुए एक ब्लास्ट की ही है, लेकिन यह तस्वीर साल 2019 में हुए ब्लास्ट की है. तब तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी पर हमला किया था.

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दावा

Times of India, India Today, न्यूज एजेंसी ANI, The Guardian समेत कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने इस फोटो को काबुल में हुए हालिया ब्लास्ट का बताकर शेयर किया. क्विंट के आर्टिकल में भी इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.

Kabul Blast में हुए हालिया ब्लास्ट का बताकर मीडिया प्लेटफॉर्म्स प र 2 साल पुरानी तस्वीर चलाई गई

अर्काइव यहां देखें

सोर्स : स्क्रीनशॉट/TOI

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पड़ताल में हमने क्या पाया ? 

वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें 1 जुलाई 2019 की मीडिया रिपोर्ट में भी यही फोटो मिली. The Vox की इस रिपोर्ट से पता चला अफगानिस्तान के काबुल में 1 जुलाई 2019 को हुए तालिबान के हमले से लगभग 40 लोगों की मौत हो गई जिसमें बच्चे भी शामिल थे. वहीं 100 से ज्यादा लोग इस हमले में घायल हो गए. तालिबान ने ही इस बमबारी की जिम्मेदारी ली थी.

VOX की रिपोर्ट में फोटो का क्रेडिट गेटी इमेजेस को दिया गया था. गेटी इमेजेस की वेबसाइट पर सर्च करने पर भी हमें ये फोटो मिल गई.

Embed from Getty Images
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गेटी इमेजेस की वेबसाइट पर दिए गए कैप्शन से स्पष्ट हो रहा है कि ये 1 जुलाई 2019 को काबुल में हुए ब्लास्ट की फोटो है.

Kabul Blast में हुए हालिया ब्लास्ट का बताकर मीडिया प्लेटफॉर्म्स प र 2 साल पुरानी तस्वीर चलाई गई

गेटी इमेजेस की वेबसाइट पर फोटो का कैप्शन

सोर्स : स्क्रीनशॉट/गेटी इमेजेस

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अलग-अलग कीवर्ड्स के जरिए इस हादसे से जुड़ी अन्य रिपोर्ट्स सर्च करनी शुरू कीं. हमें CNN पर भी इस हादसे की रिपोर्ट मिली. CNN की रिपोर्ट में बताया गया कि 1 जुलाई की सुबह 8:55 बजे काबुल में हुए इस हादसे में 5 स्कूलों के बच्चे जख्मी हुए. हालांकि, CNN की रिपोर्ट में मौत के आंकड़े The VOX की रिपोर्ट से अलग हैं. लेकिन, इस रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि 1 जुलाई को काबुल में ब्लास्ट हुआ था.

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साफ है कि काबुल में 2 साल पहले हुए ब्लास्ट की फोटो को मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने 18 जुलाई 2022 का बताकर गलत दावे के साथ प्रसारित किया.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

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