हिमाचल प्रदेश की बल्ह घाटी में अपने भाषण की एक क्लिप शेयर करते हुए, बॉलीवुड एक्ट्रेस और मंडी से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की लोकसभा उम्मीदवार कंगना रनौत ने दावा किया कि वह महिला आरक्षण विधेयक के कारण 2024 का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) लड़ने में सक्षम हुई हैं.
"मैं मंडी की बेटी हूं, मुझे यह मुकाम महिला आरक्षण बिल की वजह से मिला है, जो महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देता है."कंगना रनौत बल्ह घाटी, मंडी, हिमाचल प्रदेश में।
उन्होंने यही क्लिप अपने फेसबुक पेज पर भी शेयर की, जिसका अर्काइव यहां देखा जा सकता है.
लेकिन…?: कंगना रनौत का दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि महिला आरक्षण विधेयक, जिसे सितंबर 2023 में संसद से पारित किया गया था, वह अभी तक लागू नहीं किया गया है.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ?: हमने ऐसी रिपोर्ट्स सर्ट कीं जिनमें बताया गया हो कि महिला आरक्षण बिल लागू कर दिया गया है, जिसके तहत लोकसभा और विधान सभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण दिया जाना था. हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें महिला आरक्षण के लागू होने का जिक्र हो.
The Wire पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक ये बिल राज्य सभा में 20 सितंबर 2023 को सर्व सम्मति से पास किया गया था. हालांकि, ये आरक्षण कब से लागू होगा, इसकी कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है.
यहां केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और अमित शाह के बयान भी हैं, जिनमें बताया गया है कि बिल को लागू करने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है.
बिल में क्या कहा गया है ? : द क्विंट को संसद में पेश किए गए बिल का दस्तावेज मिला.
इसमें बताया गया है कि लोकसभा, विधान सभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिला आरक्षण से जुड़े प्रावथान तभी लागू हो सकते हैं जब इससे जुड़े पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध होने के बाद परिसीमन शुरू हो जाए. परिसीमन का मतलब होता है लोकसभा और विधानसभाओं के लिये हर राज्य में सीटों की संख्या और निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएं तय करने की प्रक्रिया.
यह परिसीमन महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद जो पहली जनगणना होगी, उसके बाद शुरू किया जाएगा. यहां बता दें कि साल 2021 में कोरोना महामारी के चलते जनगणना नहीं हो पाई थी, जिसका होना अभी बाकी है.
महिला आरक्षण लागू होने के 15 साल बाद तक वैध होगा.
मानवाधिकार याचिकाकर्ता रोहिन भट्ट ने एक रिपोर्ट में बिल पारित होने पर टिप्पणी करते हुए द क्विंट को बताया था, "इस नई जनगणना के आधार पर परिसीमन होगा और इस परिसीमन के आधार पर महिलाओं के लिए निर्वाचन क्षेत्रों का चयन किया जाएगा."
2026 या 2029? गृह मंत्री ने क्या कहा था: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिए भाषण में इन सवालों पर जवाब दिया था कि ये बिल केवल परिसीमन के बाद ही क्यों और 2026 के बाद ही लागू क्यों लागू होगा.
संसद के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए इस वीडियो में अमित शाह के स्पष्टीकरण को 31:18 मिनट से सुना जा सकता है.
अमित शाह ने कहा था, "लोगों ने सवाल उठाए... हम इसे तुरंत लागू क्यों नहीं करते? परिसीमन आयोग क्यों बनाया जाए? 2026 क्यों? मैं इनमें से प्रत्येक प्रश्न का एक-एक करके उत्तर देना चाहता हूं.''
उन्होंने एक परिसीमन आयोग के गठन के बारे में बताया, और यह भी बताया की यह कैसे सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज, चुनाव आयोग के प्रतिनिधियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों को शामिल करके बना था. अमित शाह ने कहा कि आयोग का गठन "नियुक्ति द्वारा किया जाता है, लेकिन यह एक अर्ध-न्यायिक (quasi-judicial) कार्यवाही है."
अमित शाह ने बताया कि आरक्षण के लिए परिसीमन आयोग का निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान करना जरुरी था, जिससे कि पारदर्शिता और गैर-पक्षपातपूर्णता सुनिश्चित की जा सके.
अमित शाह ने केरल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्र का जिक्र करते हुए पूछा, “अब, अगर हमें एक तिहाई सीटें आरक्षित करनी होंगी, तो उन सीटों पर फैसला कौन करेगा? जब लोग सवाल करते हैं कि हम इसे तुरंत लागू क्यों नहीं करते, तो क्या हमें ऐसा करना चाहिए? फिर अगर वायनाड आरक्षित हो गया तो आप क्या करेंगे? आप हम पर राजनीतिक होने का आरोप लगायेंगे. अगर ओवैसी साहब का हैदराबाद आरक्षित हो जाता है, तो आप कहेंगे कि यह एक राजनीतिक आरक्षण है.''
उन्होंने पूछा कि लोगों ने विधेयक के खिलाफ नैरेटिव क्यों सेट किया, उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर इसका समर्थन न करने के लिए कहा.
“मैं पूछना चाहता हूं कि अगर आप इसके लिए समर्थन नहीं दिखाएंगे तो क्या आरक्षण जल्दी हो जाएगा? यह '29 के बाद आएगा, चाहे कुछ भी हो. यदि आप इसका समर्थन करते हैं तो इसकी गारंटी हो जाती है और तब (2029) सत्ता में आने वाली सरकार इसमें बदलाव भी कर सकती है. कम से कम इसे शुरू करने के लिए पहला कदम तो उठाएं.”Union Home Minister Amit Shah
अमित शाह के इस बयान से साबित होता है कि विधेयक अभी तक लागू नहीं किया गया है, और इसके 2029 से पहले लागू होने की संभावना नहीं है.
निष्कर्ष: कंगना रनौत ने ये भ्रामक दावा किया कि वह मंडी से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए BJP का टिकट पाने में इसलिए सक्षम हुईं, क्योंकि महिला आरक्षण विधेयक लागू हो गया और इस वजह से उन्हें यह टिकट मिल गया है.
(अगर आपक पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)