सोशल मीडिया पर हाल के बताए जा रहे एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के देवबंद (Deoband) में एक मुस्लिम शख्स ने कावड़ियों के ट्रक के आगे आत्महत्या कर ली. दावा है कि घटना के बाद पुलिस ने कावड़ियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है.
हमारी पड़ताल में सामने आया कि वायरल हो रहा ये वीडियो 5 साल पुराना है.
2017 की कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस वीडियो से मिलते हुए विजुअल्स हैं. इन रिपोर्ट्स से ये भी पता चलता है कि कांवड़ियों की गाड़ी के सामने आत्महत्या करने वाले मुस्लिम युवक के परिवार ने आत्महत्या का वीडियो देखने के बाद किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया था.
सहारनपुर (रूरल) के एसपी सूरज राय ने क्विंट से पुष्टि की है कि ये मामला 2017 का है और इसमें कावड़ियों पर कोई केस दर्ज नहीं हुआ था.
दावा
वीडियो के साथ शेयर हो रहा कैप्शन है - आखिर मरने वाले "मुस्लिम" शख्स ने सुसाइड करने के लिए "कावड़ियों" का ही ट्रक को क्यो चुना? कही ये कोई सोची समझी साजिश तो नही थी?!
आज सुबह "देवबन्द" जो कि (अतिसंवेदनशील जगह हैं) में "कावड़ियों" के "ट्रक" के नीचे एक "मुस्लिम" शख्स की मौत हो जाती हैं
पड़ताल में हमने क्या पाया ?
साहरनपुर (रूरल) के एसपी सूरज राय ने भी क्विंट को बताया कि वायरल वीडियो 2017 का है और इसमें कावड़ियों पर कोई केस दर्ज नहीं हुआ था.
वीडियो साल 2017 का है और इसमें साफ देखा जा सकता है कि शख्स ने सुसाइड किया था. पुलिस जांच में भी यही सामने आया था कि मामला सुसाइड का है. शव का पोस्टमार्टम कराया गया था, लेकिन कोई केस दर्ज नहीं हुआ था.सूरज राय, एसपी सहारनपुर (रूरल)
वायरल वीडियो के की फ्रेम्स को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें 2017 के एक फेसबुक पोस्ट में यही वीडियो मिला. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि 11 सेकंड के बाद एक शख्स ट्रक के पहियों के बीच में कूदकर लेट जाता है. चूंकि 2017 के पोस्ट में यही वीडियो है तो इससे ये साबित होता है कि वीडियो कम से कम 5 साल पुराना है. अब हमने अलग-अलग कीवर्ड्स के जरिए ये सर्च करना शुरू किया कि वीडियो को लेकर जो दावा किया जा रहा है वो सच है या नहीं.
हमें लाइव हिंदुस्तान की 18 जुलाई 2017 की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक, देवबंद में कांवड़ियों की गाड़ी के नीचे कूदकर वाहिद नाम के एक शख्स ने आत्महत्या कर ली थी. घटना का वीडियो सामने आने के बाद पता चला था कि वाहिद खुद ही ट्रक के पिछले पहिए के नीचे लेट गया. इसके बाद वाहिद के परिजनों ने कोई कानूनी कार्यवाही कराए बिना ही अंतिम संस्कार कराने की बात कही और मौके पर जमा हुए लोग भी वहां से चले गए. इस वीडियो के सामने आने से इलाके का माहौल बिगड़ने से बच गया.
2017 की कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस घटना के विजुअल्स हैं. और सभी रिपोर्ट्स में यही बताया गया है कि ये आत्महत्या का ही मामला था. साफ है कि वायरल हो रहे वीडियो का 2022 में देश के कई हिस्सों में निकाली जा रही कांवड़ यात्रा से कोई संबंध नहीं है. वीडियो साल 2017 का है. मामले में कावड़ियों पर पुलिस केस दर्ज होने का दावा भी सच नहीं है.
देवबंद डीएसपी रामकरण ने क्विंट से पुष्टि की है कि वायरल हो रहा वीडियो साल 2017 का है और हाल में ऐसी कोई घटना देवबंद में नहीं हुई.
वायरल वीडियो साल 2017 का है. हाल में ऐसी कोई घटना देवबंद में नहीं हुई है. इलाके से कांवड़ यात्राएं गुजर रही हैं, स्थिति बिल्कुल शांतिपूर्ण है.रामकरण, डीएसपी देवबंद
उत्तरप्रदेश पुलिस ने ट्वीट कर स्पष्ट किया है कि वायरल हो रहा ये वीडियो साल 2017 का है. और इसको लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है.
(21 जुलाई को पब्लिश हुई इस फैक्ट चेक स्टोरी में त्रुटिवश पुलिस अधिकाररी रामकरण का पद 'डीएसपी देवबंद' के स्थान पर 'डीसीपी देवबंद' लिख दिया गया था. इसे ठीक करने के लिए हमने स्टोरी को अपडेट किया है)
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