यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) की कई तस्वीरों का एक सेट सोशल मीडिया पर इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि तमिलनाडु (Tamilnadu) की मदुरई कोर्ट ने मनीष को क्लीन चिट दे दी है.
क्या है दावा?: कैप्शन में लिखा जा रहा है, ''मदुरै कोर्ट ने नहीं मानी Manish Kasyap की कोई गलती । पुलिस को लगाई फटकार, विरोधियों और बिहार सरकार को करारा झटका .. जल्दी रिहा होंगे मनीष कश्यप । सत्यमेव जयते''
सच क्या है?: मनीष को पहली बार 30 मार्च को 3 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. इसके बाद उसे 2 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया.
क्विंट ने मनीष के वकील निरंजन एस कुमार से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि इस मामले में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: कीवर्ड सर्च करने पर हमें ETV Bharat पर 3 अप्रैल को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली.
रिपोर्ट के मुताबिक, 30 मार्च को मनीष कश्यप की 3 दिनों की रिमांड में भेजा गया था.
रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
इस रिपोर्ट में वायरल दावे के समान कुछ भी नहीं मिला. इसमें कोर्ट के किसी भी बयान के बारे में नहीं बताया गया.
दूसरी न्यूज रिपोर्ट्स: Indian Express पर 31 मार्च को पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूबर मनीष कश्यप को तीन दिनों के लिए पुलिस रिमांड में भेजा गया था.
रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस ने तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर हमले से जुड़े फर्जी वीडियो के सिलसिले में मनीष से पूछताछ की मांग की.
इसमें आगे ये भी बताया गया है कि बिहार पुलिस की आर्थिक इकाई (EOU) ने 18 मार्च को कश्यप के सरेंडर के बाद उसे गिरफ्तार किया था.
इसके बाद तमिलनाडु पुलिस की एक विशेष टीम उसे ट्रांजिट रिमांड पर तमिलनाडु ले आई.
मनीष कश्यप के वकील का क्या है कहना?: द क्विंट से बातचीत में निरंजन एस कुमार ने कहा कि मामले में कोई निर्णय नहीं हुआ है. मामले से जुड़ी बारीकियों पर कोई बहस नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि पुलिस हिरासत दो दिनों के लिए बढ़ा दी गई है.
उन्होंने कहा कि कश्यप को 5 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया जाएगा.
मनीष कश्यप से जुड़ा मामला क्या है?: यूट्यूबर मनीष कश्यप पर आरोप है कि उसने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले से जुड़ी अफवाह फैलाई.
इसके बाद दोनों राज्यों की पुलिस ने सोशल मीडिया पर फर्जी और गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी.
क्विंट हिंदी पर मनीष कश्यप का वीडियो भी है, जिसमें मनीष को ले जाते पुलिसकर्मियों को देखा जा सकता है. वीडियो में मनीष को उसके खिलाफ दर्ज मामलों पर बोलते हुए भी देखा जा सकता है.
निष्कर्ष: ये दावा गलत है कि मदुरई कोर्ट ने यूट्यूबर मनीष कश्यप को क्लीन चिट दे दी है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)