सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर हो रही है, जिसमें भगवा कपड़ों में एक शख्स के चारों ओर मुस्लिम (Muslim) शख्स खड़े दिख रहे हैं. फोटो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के नक्शेकदम पर चलते हुए 34 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म अपना लिया.
6 दिसंबर को रिजवी ने हिंदू धर्म अपनाया था और लोगों को बताया था कि, उन्हें जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के नाम से जाना जाएगा.
हालांकि, हमने पाया कि ये फोटो 2016 की है. तब उरी में भारतीय सैनिकों पर हमलों के बाद आतंकवाद का विरोध करने के लिए मथुरा की शाही जामा मस्जिद में एक विरोध प्रदर्शन किया गया था.
दावा
वायरल फोटोग्राफ को इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, "वसीम रिजवी जी के सनातन धर्म में घर वापसी के बाद मुस्लिमों का डर खुल रहा है,और वो स्वेच्छा से घर वापसी कर रहे हैं. यूपी में 34 मुस्लिम परिवारों ने कि सनातन हिन्दू धर्म में वापसी".
पड़ताल में हमने क्या पाया
वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Amar Ujala का एक आर्टिकल मिला जिसमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.
इस न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के जवानों पर हमले के बाद, पाकिस्तान और आतंकवाद के विरोध में मुस्लिम समुदाय के लोग मथुरा की शाही जामा मस्जिद में जमा हुए थे.
18 सितंबर 2016 को उरी में आतंकियों के हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इमाम मोहम्मद कादरी और महामंडलेश्वर नवल गिरि विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, ताकि ये संदेश दिया जा सके कि दोनों धर्मों के लोग आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं. Amar Ujala की वेबसाइट पर उपलब्ध एक वीडियो में इस विरोध की एक छोटी क्लिप देखी जा सकती है, जिसमें लोगों को आतंकवाद की निंदा करते देखा जा सकता है.
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व प्रमुख रिजवी ने 6 दिसंबर को हिंदू धर्म अपना लिया था.
मतलब साफ है कि एक पुरानी फोटो को सोशल मीडिया इस भ्रामक दावे से शेयर की जा रही है कि रिजवी के हिंदू बनने के बाद यूपी में 34 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म अपना लिया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)