सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश की वैज्ञानिक खुशबू मिर्जा को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में प्रमोट करके निदेशक (डायरेक्टर) बनाया गया है.
इस दावे में आगे ये भी कहा गया है कि खुशबू मिर्जा, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बाद इस पद को संभालने वाली दूसरी भारतीय मुस्लिम हैं.
क्विंट ने खुशबू मिर्जा से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि ये दावा झूठा है और संगठन में ऐसा कोई प्रमोशन नहीं मिला है.
दावा
मिर्जा की फोटो के साथ वायरल हो रहे इस दावे में लिखा है: '35 साल की वैज्ञानिक मिस खुशबू मिर्जा को ISRO के डायरेक्टर पद पर प्रमोट किया गया है. वो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा हैं और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बाद ISRO में इस रैंक पर पहुंचने वाली दूसरी मुस्लिम वैज्ञानिक हैं.'
जगदीश चावला नाम के यूजर ने इस दावे को फेसबुक पर शेयर किया था, जिसे आर्टिकल लिखते समय तक 1200 से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने गूगल पर ‘Khushboo Mirza ISRO’ कीवर्ड से सर्च करके देखा और हमें The Federal पर पब्लिश उनकी प्रोफाइल मिली. प्रोफाइल के मुताबिक मिर्जा यूपी के अमरोहा जिले की रहने वाली हैं, जो ISRO में साइंटिस्ट हैं. इसमें आगे बताया गया है कि वो भारत के दो चंद्र मिशन- चंद्रयान 1 और चंद्रयान 2 पर काम करने वाली टीम का हिस्सा थीं.
हमें इंडियन यूथ कांग्रेस के यूपी राज्य महासचिव खुश्तार मिर्जा का एक ट्वीट भी मिला, जिसमें उन्होंने बताया था कि खुशबू मिर्जा उनकी बहन हैं.
खुश्तार मिर्जा ने हमें बताया कि वायरल दावा सही नहीं है. उन्होंने बताया कि ये एक पुरानी पोस्ट है जो घूम-घूमकर वायरल होती रहती है. खुश्तार ने बताया कि ''ये मैसेज पहली बार हमारी नजर में 2018 में आया था. ये दावा सच नहीं है.''
इसके बाद हमने खुशबू मिर्जा से भी संपर्क किया जिन्होंने इस दावे को खारिज कर दिया.
‘’ये दावा कि मुझे ISRO में डायरेक्टर के पद पर प्रमोट की गई हूं, बिल्कुल गलत है. पहले भी इस तरह के दावे किए जा चुके हैं. मैं इस दावे को अपने संगठन के संज्ञान में भी लाई हूं.’’खुशबू मिर्जा, ISRO साइंटिस्ट
इसके अलावा, ये दावा कि एपीजे अब्दुल कलाम ISRO के डायरेक्टर रह चुके हैं, भी गलत है, क्योंकि डॉ. कलाम कभी ISRO के डायरेक्टर नहीं रहे. हालांकि, उन्होंने इस संगठन के साथ कई अलग-अलग पदों पर काम जरूर किया है, जैसे कि 1980 के दशक में पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के डेवलपमेंट में वो प्रोजेक्ट डायरेक्टर रह चुके हैं. उन्होंने ISRO में कभी भी टॉप पोजीशन में काम नहीं किया.
मतलब साफ है कि ये दावा गलत है कि खुशबू मिर्जा को ISRO में डायरेक्टर पद के लिए प्रमोट किया गया है.
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