ओडिशा (Odisha) के बालासोर (Balasore) में हुए रेल हादसे को लेकर सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावा किया जा रहा है.
क्या है दावा?: दावे में लिखा जा रहा है कि जहां ये हादसा हुआ वहां का स्टेशन मास्टर एक मुस्लिम है और उसका नाम 'शरीफ' है. साथ ही, ये भी लिखा जा रहा है कि घटना में रोहिंग्या बांग्लादेशी और आईएसआई का एंगल भी सामने आ रहा है.
साथ ही, ये दावा किया जा रहा है कि जहां पर ये दुर्घटना हुई वहां पर एक मस्जिद भी है.
सच क्या है?: हमारी बालासोर के डिप्टी कलेक्टर, साउथ ईस्टर्न रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी और वहां मौजूद लोकल रिपोर्टर से बात हुई. सभी ने इस दावे को झूठा बताया है कि जहां ये घटना हुई वहां का स्टेशन मास्टर मुस्लिम था.
इसके अलावा, घटना में किसी भी तरह की आतंकी साजिश से भी इनकार किया गया है.
दूसरी बात ये कि जहां ये घटना हुई वहां कोई मस्जिद मौजूद नहीं है. फोटो में दिख रही सफेद बिल्डिंग कोई मस्जिद नहीं, बल्कि बहनागा में मौजूद इस्कॉन मंदिर है. इसका फैक्ट चेक आप यहां पढ़ सकते हैं.
हमने सच का पता कैसे लगाया?:
ये घटना बालासोर में हुई है, इसलिए हमने कीवर्ड सर्च की मदद से बालासोर के स्टेशन मास्टर से जुड़ी जानकारी सर्च की.
इससे हमें भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर बालासोर के स्टेशन मास्टर से जुड़ी लिस्ट में वहां के स्टेशन मास्टर का नाम मिला. लिस्ट के मुताबिक, यहां के स्टेशन मास्टर का नाम निभाष सिंह है.
अब चूंकि ये दुर्घटना बहनागा के पास हुई. इसलिए, हमने बहनागा के स्टेशन मास्टर से जुड़ी खबरें भी तलाशीं.
कीवर्ड सर्च करने पर हमें India Today के वेरिफाइड यूट्यूब हैंडल पर एक वीडियो मिला, जिसमें स्टेशन मास्टर का नाम एसबी मोहंती बताया गया था.
स्टोरी के मुताबिक, दुर्घटना के समय ड्यूटी पर रहे स्टेशन मास्टर को वहां से हटा दिया गया है. साथ ही, उन पर इंक्वायरी बिठाई गई है.
वीडियो में वर्तमान नियुक्त किए गए स्टेशन मास्टर को ये बताते हुए भी देखा जा सकता है कि एसबी मोहंती की कोई गलती नहीं है.
क्या कहना है लोकल रिपोर्टर और दूसरे अधिकारियों का?:
हमने वहां मौजूद लोकल रिपोर्टर दीपक से बात की. उन्होंने वायरल दावे को फेक बताया और कहा कि मामले के सांप्रदायिक होने से जुड़ी कोई रिपोर्ट नहीं है.
इसके अलावा, हमने बालासोर के डिप्टी कलेक्टर से बात की. उन्होंने भी दावे को गलत बताया.
इसके बाद, हमने साउथ ईस्टर्न रेलवे के चीफ पीआरओ आदित्य कुमार चौधरी से भी संपर्क किया. उन्होंने कहा कि इस दर्दनाक हादसे से जुड़े एक नहीं कई झूठे सांप्रदायिक दावे वायरल हुए हैं.
ये बात बिल्कुल गलत है कि बहनागा के स्टेशन मास्टर का नाम शरीफ है. उनका नाम एसबी मोहंती है. और ये दावा भी गलत है कि वो फरार चल रहे हैं. सारे लोग को-आपरेट कर रहे हैं. इसके अलावा, ये दावा भी गलत है कि बहनागा में जहां दुर्घटना हुई वहां मस्जिद है. असल में वो मस्जिद नहीं, इस्कॉन टेंपल है.आदित्य कुमार चौधरी, साउथ ईस्टर्न रेलवे चीफ पीआरओ
एसबी मोहंती पर हुई है एफआईआर: चौधरी ने बताया कि स्टेशन मास्टर कई होते हैं, लेकिन दुर्घटना के समय एसबी मोहंती ही मौजूद थे. मामले को लेकर FIR दर्ज हुई थी, पर ये FIR नामजद नहीं है.
इन धाराओं में दर्ज हुआ है मामला: आईपीसी की धारा 337 (लापरवाही से किसी काम को करके मानवीय जीवन की सुरक्षा को खतरे में डालना) ,338 (लापरवाही से किसी काम को करके मानवीय जीवन की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डालना) और 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
रेलवे एक्ट की धारा 153 (जानबूझकर या चूक से, रेलवे पर यात्रा कर रहे व्यक्ति की सुरक्षा को खतरे में डालना), 154 (मानव रहित रेल फाटकों पर जल्दबाजी, लापरवाही करने वाले यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालना), 175 (उतावलेपन या उपेक्षापूर्ण कार्य या चूक से सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज हुआ है.
दुर्घटना पर क्या कहना है रेल मंत्री का?: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि इस ट्रेन दुर्घटना की "असली वजह" की पहचान कर ली गई है. उन्होंने हादसे की वजह 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव' को बताया है. अश्विनी वैष्णव ने ये भी कहा कि जांच से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट जल्द ही सामने आएगी.
निष्कर्ष: साफ है कि बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना से जुड़ा सांप्रदायिक दावा गलत है.
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