हॉस्टल में फीस बढ़ोतरी और अन्य मांगों के खिलाफ दिल्ली में जेएनयू के छात्रों का विरोध जारी है. ऐसे में फेक न्यूज की फैक्ट्रियां यूनिवर्सिटी और उसके छात्रों को लेकर फर्जी सूचना फैलाने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं.
दावा
विरोध प्रदर्शनों के बीच, एक उम्रदराज महिला की तस्वीर को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस दावे के साथ फैलाया जा रहा है, कि वह "फाइनल ईयर की छात्रा" है, जो मौजूदा वक्त में यूनिवर्सिटी में पढ़ रही हैं. दावे के साथ तस्वीर में दिखने वाली महिला की उम्र को लेकर मजाक भी उड़ाया जा रहा है. साथ ही ये भी दावा किया जा रहा है कि उस महिला को "गिरफ्तार" किया गया है.
दावा सही या गलत
द क्विंट इस बात की पुष्टि कर सकता है कि इस तस्वीर को पूरी तरह से भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. तस्वीर में दिखाई गई महिला जेएनयू की मौजूदा छात्रा नहीं है, बल्कि सीपीआई नेता और एक्टिविस्ट एनी राजा हैं.
असल में, ये तस्वीर जेएनयू की है ही नहीं. ये तस्वीर भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप के निपटारे के लिए अपनाई गई प्रक्रिया के खिलाफ मई 2019 में आयोजित सुप्रीम कोर्ट के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन से है. मेनस्ट्रीम मीडिया में इस मामले की प्रमुखता से रिपोर्टिंग की गई थी.
द क्विंट ने भी एनी राजा के संपर्क किया, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की, कि यह तस्वीर CJI यौन उत्पीड़न मामले से निपटने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान ली गई थी.
झूठे दावे के साथ शेयर की जा रही उनकी तस्वीर के बारे में पूछे जाने पर, एक्टिविस्ट और नेता ने चुटकी लेते हुए कहा, "यह बात अजीब है, लेकिन अच्छा भी लगता है, क्योंकि मुझे कभी भी जेएनयू जाने का मौका नहीं मिला."
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