ADVERTISEMENTREMOVE AD

हाल का बताकर शेयर हो रहा अमरावती का 1 साल पुराना वीडियो, दावा झूठा

महाराष्ट्र के अमरावती में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर लाठीचार्ज का ये वीडियो मार्च 2020 का है. 

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

महाराष्ट्र में कोविड-19 मामलों में आए उछाल की वजह से राज्य सरकार को कई प्रतिबंध लगाने पड़े. महाराष्ट्र के अमरावती में 22 फरवरी को एक सप्ताह का लॉकडाउन लागू किया गया था. जिसे 8 मार्च तक बढ़ा दिया गया है. ऐसे में सोशल मीडिया पर अमरावती का ही एक पुराना वीडियो शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस लाठी चार्ज कर रही है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दावा

इस वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया गया था, ''महाराष्ट्र के अमरावती से नए लॉक डाउन के साथ नए रुझान आना शुरू हो गए हैं, महाप्रसाद लंगर शुरू हो गया है''.

मुजाहिद सिद्दीकी नाम के एक यूजर ने इस वीडियो को आधी-अधूरी जानकारी के साथ शेयर किया था. खबर लिखते समय वीडियो 3000 से भी ज्यादा बार देखा जा चुका था.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने वीडियो को कई कीफ्रेम्स में बांटा. इनमें से एक कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 25 और 26 मार्च 2020 की कई सोशल मीडिया पोस्ट देखने को मिलीं. उन पोस्ट में इसी वीडियो का इस्तेमाल किया गया था.

मतलब साफ है कि ये वीडियो अमरावती में हाल में ही लगाए गए लॉकडाउन का नहीं हो सकता.

हमें 'Nation Next' और 'Mahasanvad Media' नाम के दो यूट्यूब चैनल भी मिले जिनमें इस वीडियो को करीब एक साल पहले अपलोड किया गया था. डिस्क्रिप्शन में ये जानकारी दी गई थी कि ये वीडियो महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के अमरावती का है.

वीडियो को अगर ध्यान से देखेंगे तो आपको पुलिस बैरियर पर “अमरावती ट्रैफिक पुलिस” लिखा दिख जाएगा.

वीडियो में एक बिल्डिंग दिख रही है जिसमें 'आसाम टी सेंटर' लिखा हुआ है. ये बिल्डिंग महानगर पालिका कॉम्प्लेक्स, राजकमल चौक में है. हमने वीडियो में दिख रहे विजुअल का मिलान गूगल मैप्स पर 360-डिग्री स्ट्रीट व्यू पर मौजूद विजुअल से करके देखा और पाया कि ये लोकेशन मैच करती है.

इसके अलावा, आप वायरल वीडियो और Just Dial पर इस बिल्डिंग की फोटो की तुलना भी नीचे देख सकते हैं.

मतलब साफ है कि अमरावती का एक पुराना वीडियो हाल का बताकर गलत दावे से शेयर हो रहा है. ये वीडियो हाल का नहीं बल्कि एक साल पुराना, मार्च 2020 का है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×