ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोरोना काल में रमजान के दौरान भीड़ की ये 3 तस्वीरें भारत की नहीं

ये तस्वीरें ‘#BanRamzanGatherings’ हैशटैग के साथ ट्विटर पर शेयर की गईं थीं, चार में से 1 भारत की, लेकिन 3 साल पुरानी

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच कई लोगों ने शनिवार 17 अप्रैल को ट्विटर पर कुछ तस्वीरें शेयर कीं. इन तस्वीरों को शेयर कर ये बताने की कोशिश की गई कि ये तस्वीरें भारत की हैं और कुछ ही दिन पहले की हैं.

ये तस्वीरें ‘#BanRamzanGatherings’ हैशटैग के साथ शेयर की गई थीं, जो स्टोरी लिखते समय तक 25,000 से ज्यादा ट्वीट के साथ टॉप ट्रेंड पर था.

हालांकि, हमने पाया कि ये फोटो पुरानी हैं और भारत की हाल की स्थिति से इनका कोई संबंध नहीं है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दावा

लोगों ने फेसबुक और ट्विटर पर ऊपर बताए गए हैशटैग के साथ इन फोटो को शेयर किया था.

एक यूजर ने इन तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा है कि अगर पीएम कुंभ मेले को बंद करने की अपील कर रहे हैं तो रमजान की वजह से हो रहे जमावड़े के लिए भी ऐसा ही करना चाहिए.

हाल ही में, पीएम मोदी ने अपील की थी कि कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए. इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी.

ऐसे ही और भी पोस्ट का आर्काइव आप यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

  • शेयर हो रही चारों तस्वीरों में से तीन का भारत में हो रहे रमजान से कोई संबंध नहीं है.
  • इन चार तस्वीरों में से जो एक तस्वीर भारत की है वो भी साल 2018 की है.

फोटो- 1

हमने गूगल पर इस फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करके देखा. हमें Arab News का एक आर्टिकल मिला जिसमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. ये आर्टिकल 7 अप्रैल 2020 को पब्लिश हुआ था, जिसमें बताया गया था कि इस तस्वीर में ओल्ड काहिरा के ऐतिहासिक अमर इब्न अल-आस मस्जिद में मिस्र के मुस्लिमों का जमावड़ा दिख रहा है. इस तस्वीर के लिए न्यूज एजेंसी AFP को क्रेडिट दिया गया है.

हमने जरूरी कीवर्ड डालकर सर्च किया. हमें Getty Images पर भी यही फोटो मिली. फोटो की जानकारी में लिखा है कि ये फोटो 5 जून 2019 में ली गई है. और इसे AFP के फोटोग्राफर मोहम्मद अल-शहीद ने लिया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फोटो- 2

इस फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ‘NPR.ORG’ का एक आर्टिकल मिला, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. इस तस्वीर के लिए AP के फोटोग्राफर जिक मौलाना को क्रेडिट दिया गया है. इसके कैप्शन में लिखा है कि कोरोनावायरस के प्रकोप के बावजूद ये फोटो साल 2020 में इंडोनेशिया में ली गई थी.

हमें ये फोटो AP Images में भी मिली. ये फोटो 24 अप्रैल 2020 को ली गई थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फोटो- 3

फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यूके-बेस्ड न्यूजपेपर Metro की साल 2018 में पब्लिश एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में इस फोटो का इस्तेमाल किया गया था. इसमें बताया गया था कि ये फोटो बर्मिंघम के स्माल हीथ पार्क में आयोजित रमजान सेलीब्रेशन की है. फोटो के लिए यूके-बेस्ड इमेज प्रोवाइडर PA Images को क्रेडिट दिया गया था.

हमें ये फोटो PA images पर भी मिली. जिसमें बताया गया था कि ये यूके में साल 2018 में ली गई थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फोटो- 4

फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें The Print का 19 अप्रैल 2020 का एक आर्टिकल मिला, जिसमें इस फोटो का इस्तेमाल किया गया था. इस फोटो के लिए न्यूज एजेंसी PTI को क्रेडिट दिया गया था. साथ ही, ये भी बताया गया था कि इस फोटो का इस्तेमाल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है.

हमें ये फोटो PTI के फोटो आर्काइव में मिली. इसके कैप्शन में बताया गया था कि ये फोटो श्रीनगर में 17 मई 2018 को ली गई थी.

मतलब साफ है कि भारत में हाल में चल रहे रमजान की बताकर शेयर हो रही तस्वीरें पुरानी हैं. वायरल हो रही चार तस्वीरों में से सिर्फ एक भारत की है, वो भी 3 साल पुरानी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×