भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के महासचिव सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि देते हुए लोगों की एक तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि दिवंगत नेता असल में ईसाई थे.
यूजर्स ने क्या कहा?: एक X (पूर्व में ट्विटर) यूजर ने इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा था, "नाम: सीताराम येचुरी. धर्म: ईसाई. सोचिए कि उन्होंने अपने हिंदू नाम से कितने लोगों को बेवकूफ बनाया होगा." इसके साथ ही पोस्ट में येचुरी को 'राइस बैग' बताया गया है, जो कि ईसाई लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक अपमानजनक शब्द है.
सच क्या है?: येचुरी का जन्म तेलुगु बोलने वाले ब्राह्मण परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने कई मौकों पर स्पष्ट किया था कि वो नास्तिक हैं.
येचुरी के परिवार ने उनके शरीर को मेडिकल रिसर्च के लिए दिल्ली के AIIMS अस्पताल को दान कर दिया है, जिसके कारण उनके शव को संरक्षित किया गया था.
हमने सच का पता कैसे लगाया ?: यूट्यूब पर सर्च करने को, हमें सीताराम येचुरी का राज्यसभा में साल 2017 में दिया गया भाषण मिला, जिसे द प्रिंट के आधिकारिक चैनल पर अपलोड किया गया था.
वीडियो में 16:01 मिनट पर, येचुरी कहते हैं, "मेरा जन्म मद्रास जनरल अस्पताल में हुआ था, जो अब चेन्नई के नाम से पहचाना जाता है, मद्रास के जनरल अस्पताल में, तेलुगु बोलने वाले ब्राह्मण परिवार में ."
उन्होंने कहा कि उनकी स्कूली शिक्षा इस्लामी संस्कृति में हुई, जो स्वतंत्रता के बाद निजाम शासन के तहत हैदराबाद में प्रचलित था.
येचुरी ने कहा कि उन्होंने एक ऐसे शख्स से शादी की है "जिनके पिता इस्लामी संप्रदाय के सूफी हैं, जिनका सरनेम चिश्ती है."
फिर उन्होंने सवाल किया कि उनके बेटे को किस नाम से जाना जाएगा. येचुरी ने कहा, "क्या वो ब्राह्मण है, क्या वो मुस्लिम है, क्या वो हिंदू है, क्या है वो? मेरे बेटे को भारतीय होने के अलावा और कुछ नहीं कहा जा सकता."
नास्तिक थे येचुरी: साल 2017 में अपने आधिकारिक X अकाउंट पर, येचुरी ने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के एक बयान की आलोचना की थी और इसी में उन्होंने बताया था कि वो नास्तिक हैं.
22 अप्रैल 2017 को अपलोड हुए इस पोस्ट में उन्होंने कहा था, "भारतीय, जो हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख या (मेरी तरह) नास्तिक हैं, सभी भारतीय नागरिक हैं. #दाननहीं #संविधान."
कहां की है ये तस्वीर?: वायरल तस्वीर और दूसरे विजुअल्स को JNUSU (जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन) के X हैंडल पर पब्लिश किया गया था. तस्वीरों में JNU के छात्र दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देते नजर आ रहे हैं.
ध्यान देने वाली बात ये है कि येचुरी ने इसी यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री हासिल की थी, जिससे उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई थी.
हाल ही में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, येचुरी को श्रद्धांजलि देने के लिए कई राष्ट्रीय और राजनीतिक नेता एकेजी भवन में इकट्ठा हुए थे.
इसमें कहा गया है कि येचुरी के शव को JNU और बाद में वसंत कुंज ले जाया गया. उसके बाद उनके शव को मेडिकल रिसर्च के लिए एम्स दिल्ली को सौंप दिया गया.
CPI (M) ने भी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि येचुरी का शव AIIMS दिल्ली को सौंपा जा रहा है.
ईसाई धर्म की परंपराओं का पालन किए जाने का कोई सबूत नहीं: द हिंदू में पब्लिश एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, येचुरी के परिवार ने उनकी इच्छा के अनुसार उनके शरीर को मेडिकल रिसर्च के लिए एम्स को दान किया है.
रिपोर्ट में ईसाई परंपराओं के मुताबिक अंतिम संस्कार की रस्मों के बारे में कुछ भी नहीं लिखा है.
निष्कर्ष: ये साफ है कि येचुरी के ईसाई होने का वायरल दावा झूठा है.
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