सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि टाटा ग्रुप (Tata Group) ने सरकार को सिर्फ 1 रुपये की लागत से 17 महीने में नया संसद भवन बनाने का फैसला किया है.
दावे में ये भी कहा जा रहा है कि टाटा ग्रुप की ओर से ये 'राष्ट्र को उपहार' है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 30 मार्च को नए संसद भवन का दौरा किया है. ऐसे में ये दावा किया जा रहा है.
दावे से जुड़ी क्वेरी हमारी WhatsApp टिपलाइन पर भी आई है.
सच क्या है?: ये दावे सच नहीं हैं.
टाटा ग्रुप ने सरकार से सिर्फ 1 रुपया नहीं लिया, बल्कि संशोधित अनुमानित बजट 1250 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
सरकार ने घोषणा की थी कि नई इमारत का निर्माण 2022 में पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि, प्रोजेक्ट के कुछ हिस्से अभी निर्माणाधीन हैं.
चलिए प्रोजेक्ट के बजट के बारे में पहले मिथक पर नजर डालते हैं:
हमें सितंबर 2020 की कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. इनके मुताबिक, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 861.9 करोड़ रुपये की लागत से नए संसद भवन को बनाने का ठेका हासिल किया था.
Mint की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) नए भवन के निर्माण के लिए वित्तीय बोली लगवाई थी.
2021 में संशोधित बजट: इसके अलावा, हमें 4 अगस्त 2021 को Hindustan Times पर पब्लिश एक रिपोर्ट मिली. इसके मुताबिक, बजट नए संसद प्रोजेक्ट पर पहले ही खर्च किया जा चुका है.
केंद्र सरकार के मुताबिक, 2021 में सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास से जुड़े प्रोजेक्ट पर 301 करोड़ रुपये और नए संसद भवन पर 238 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
इसमें ये भी बताया गया है कि नए संसद भवन की संशोधित अनुमानित लागत 971 करोड़ रुपये थी.
2022 में संशोधित बजट: इसके बाद, हमें NDTV की 20 जनवरी 2022 की एक रिपोर्ट भी मिली, जिसमें नए संसद भवन के संशोधित बजट के बारे में बताया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, नए संसद भवन की लागत में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे अनुमानित बजट 1250 करोड़ से ज्यादा हो गया है.
सरकारी वेबसाइट पर आधिकारिक बयान: सेंट्रल विस्टा परियाोजना की वेबसाइट में कहा गया है कि नए संसद भवन की निविदा लागत 862 करोड़ रुपये है.
इसमें ये भी कहा गया है कि संसद भवन और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू पर मार्च 2021 तक 195 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
प्रोजेक्ट निर्माण से जुड़े दूसरे मिथ पर नजर डालते हैं:
Indian Express पर 23 जनवरी की रिपोर्ट के मुताबिक, निर्माण जनवरी 2021 में शुरू हुआ था और सरकार ने घोषणा की थी कि नवंबर 2022 तक निर्माण पूरा हो जाएगा.
हालांकि, रिपोर्ट में बताया गया है कि संसद भवन के कुछ हिस्से अभी निर्माणाधीन हैं.
सेंट्रल विस्टा की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, पीएम मोदी ने दिसंबर 2020 में परियोजना का शिलान्यास किया था और एक महीने बाद निर्माण शुरू हुआ.
निर्माण अभी भी जारी है. और ये समय दावे में बताई गई 17 महीने की समय सीमा को पार कर गया है.
नए प्रोजेक्ट्स पर लोकसभा का बयान: हमें दिसंबर 2021 से लोकसभा की ओर से दिया गया एक लिखित जवाब भी मिला.
डॉक्युमेंट में बताया गया है कि नए संसद भवन की अनुमानित लागत 971 करोड़ रुपये है जिसे अक्टूबर 2022 तक पूरा करने का अनुमान था.
निष्कर्ष: ये दावा झूठा है कि टाटा ग्रुप की ओर से 1 रुपये में और सिर्फ 17 महीनों में नया संसद भवन बनाने का फैसला लिया गया है.
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