सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में भगवा कपड़े पहने एक शख्स को कुछ पुलिसकर्मी धक्का देते दिख रहे हैं.
क्या है दावा?: यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditynath) का है, जिन्हें मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम मंदिर से भगाया गया.
सच क्या है?:
असल में ये वीडियो मध्य प्रदेश के ओरछा का है जहां केंद्रीय सड़क परिवहन एव राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी के हमशक्ल को पुलिस से बहस करते हुए देखा जा सकता है.
न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक इस शख्स का नाम दिलीप जैन है, जो एक स्थानीय बिजनेसमैन है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट लिए और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया.
इससे हमें एक फेसबुक पोस्ट मिला जिसमें वायरल वीडियो का ज्यादा साफ वर्जन मिला.
वीडियो कैप्शन के मुताबिक, वीडियो में सीएम योगी के हमशक्ल और पुलिस के बीच बहस दिख रही है.
यहां से क्लू लेकर, हमने जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल कर गूगल पर सर्च किया.
सीएम योगी का हमशक्ल: कीवर्ड सर्च करने पर हमें न्यूज ऑर्गनाइजेशन Aaj Tak के यूट्यूब चैनल पर 23 जनवरी को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला.
वीडियो के डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, वीडियो में दिख रहा शख्स सीएम योगी का हमशक्ल है. जिसने खुद की पहचना बिजनेसमैन दिलीप जैन के तौर पर बताई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरी के मध्य प्रदेश में आयोजित एक कार्यक्रम का है, जहां उन्होंने कई ट्र्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था.
Live Hindustan में भी हमें एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट इस्तेमाल किया गया था. रिपोर्ट में शख्स की पहचान दिलीप जैन के रूप में की गई थी. इसमें बताया गया है कि शख्स को सीट से उठने के लिए कहा गया था, जिसके बाद उसकी पुलिस से बहस हो गई.
हमने दिलीप जैन से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि वायरल वीडियो में वही दिख रहे हैं.
जैन ने कहा, "हां, वीडियो में मैं ही हूं. बैठने को लेकर मामूली बहस हो गई थी और किसी ने वीडियो बना लिया. मैं कभी बागेश्वर धाम नहीं गया."
निष्कर्ष: ये दावा गलत है कि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को बागेश्वर धाम से निकाल दिया गया. वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम दिलीप जैन है और ये वीडियो बागेश्वर धाम मंदिर का नहीं है.
(स्टोरी में विष्णुकांत तिवारी से मिले इनपुट का इस्तेमाल किया गया है.)
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