वीडियो एडिटर : सुब्रोतो दास
सीनियर एडिटर : संतोष कुमार
''वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीके से, मैं ऐतबार न करता तो और क्या करता''
ये शेर शायर वसीम बरेलवी का है, जो चुनाव के बीच फैल रही फेक न्यूज को सच मान लेने वालों पर बिल्कुल सटीक बैठता है. झूठ वाकई इतने सलीके से बोला जा रहा है कि लोग सच या झूठ के बीच का फर्क नहीं कर पा रहे. वीडियो में हम आपको बताने जा रहे हैं उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) चुनाव से जुड़ी वो फेक खबरें जिन्हें लाखों लोगों ने सच मानकर शेयर किया. हो सकता है आपने भी किया हो तो अब गलती सुधार लीजिए.
अखिलेश यादव को हिंदू विरोधी बताता वायरल मैसेज
सबसे पहले बात एक लंबे वॉट्सऐप फॉरवर्ड की, जिसमें एसपी प्रमुख अखिलेश यादव को हिंदू विरोधी बताते कुछ आंकड़े शामिल थे. हमारी पड़ताल में इस मैसेज के सारे आंकड़े गलत निकले. इसमें कहा गया था कि 2013 मुजफ्परनगर दंगों में 64 हिंदुओं को मरवाया गया. जबकि सरकारी आंकड़े खंगालने पर पता चला कि उत्तरप्रदेश में 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों में 62 लोगों की मौत हुई, जिनमें से 42 मुस्लिम और 20 हिंदू थे. देखिए कितना सफेद झूठ बोला गया, सलीके से.
मैसेज में आगे ये भी कहा गया कि अखिलेश यादव की सरकार में यूपी में 70 हजार करोड़ की लागत से हज हाउस बनवाया. ये भी सरासर झूठ था. असल में मेरठ में कोई हज हाउस है ही नहीं. अखिलेश सरकार के कार्यकाल में गाजियाबाद में एक हज हाउस जरूर बना था, जिसकी लागत 51 करोड़ रुपए थी.
इस दावे की पूरी पड़ताल पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें.
पीएम मोदी के नाम पर चलाया गया जाटों को लेकर फेक बयान
न्यूज चैनल के बुलेटिन जैसे दिख रहे इस स्क्रीनशॉट को शेयर कर दावा किया गया कि पीएम मोदी ने जाटलैंड के वोटरों को संबोधित करते हुए कहा ''मैं जाटों के घर से लस्सी मांगकर पीता था''. ये स्क्रीनशॉट फेक था. जो NCC कैटेड को संबोधित कर रहे पीएम मोदी के भाषण से जुड़े एक बुलेटिन को एडिट कर बनाया गया था. असल में PM ने ऐसा कोई बयान दिया ही नहीं.
इस बुलेटिन से जुड़ी पूरी पड़ताल पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
योगी आदित्यनाथ का दावा - सिर्फ उनकी सरकार में बढ़ी अर्थव्यवस्था
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा कर दिया कि पिछले 70 सालों में यूपी की अर्थव्यवस्था देश में 6वें या 7वें नंबर पर थी. 2017 के बाद ही बीजेपी सरकार इसे दूसरे नंबर पर लाई.
वीडियो में 11 मिनट बाद योगी आदित्यनाथ को ये दावा करते हुए सुना जा सकता है.
वेबकूफ टीम ने जब जांच की तो ये दावा भी गलत निकला. भारतीय रिजर्व बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़े ही ये बता रहे हैं कि वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2016-17 तक अर्थव्यवस्था के मामले में उत्तरप्रदेश महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद तीसरे स्थान पर ही था. 2017-18 से 2019-20 के बीच उत्तरप्रदेश एक स्थान नीचे आ गया, हालांकि 2019-20 तक महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात के बाद चौथे स्थान पर बना रहा.
योगी आदित्यनाथ के इस दावे की पूरी पड़ताल पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें.
अखिलेश ने नहीं कहा - ''योगी सरकार में ही खुशहाल होगा यूपी''
अखिलेश यादव के भाषण का ये अधूरा वीडियो आपके पास भी आया होगा, इस दावे के साथ कि उन्होंने कहा योगी आदित्यनाथ की सरकार बनेगी तभी राज्य प्रगति कर सकता है.
लेकिन, असल में इस वीडियो में अखिलेश ये कह रहे हैं कि राज्य तभी प्रगति कर सकता है जब एक "योग्य" यानी काबिल सरकार बने.
अखिलेश के इस वीडियो से जुड़ी पूरी पड़ताल देखने के लिए यहां क्लिक करें.
अखिलेश यादव की इस एक और फोटो को सच मानकर अगर आप भी समझ रहे हैं कि वो जूते पहनकर परशुराम मंदिर का उद्घाटन करने पहुंचे थे तो अब जान लीजिए कि ये दावा भी गलत था. इस कार्यक्रम के पूरे वीडियो में अखिलेश को मंदिर में घुसने से पहले जूते उतारते हुए देखा जा सकता है.
यूपी चुनाव में पाकिस्तान का नारा?
हमारे यहां चुनाव हो और पाकिस्तान न आए भला ऐसा भी कभी हो सकता है? तो ये दस्तूर भी जारी है. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मुनींद्र शुक्ला के समर्थन में निकली चुनावी रैली का वीडियो शेयर कर कई बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि रैली में 'पाकिस्तान बनाना है' का नारा लगा.
वीडियो को स्लो मोशन में चेक करने पर साफ हुआ कि लोग ''माटी चोर भगाना है'' का नारा लगा रहे थे. प्रशासन की जांच में भी पाकिस्तान वाला एंगल फेक निकला. मुनींद्र शुक्ला ने क्विंट से बातचीत में बताया कि उनके समर्थक बीजेपी विधायक पर अवैध खनन का आरोप लगाते हुए उन्हें 'माटी चोर' कह रहे थे.
इस वीडियो की पूरी पड़ताल के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें
योगी आदित्यनाथ ने नहीं कहा ''कर लेंगे समाजवादी पार्टी जॉइन''
इस फोटो को कैसे भूला जा सकता है, जिसमें ये दावा कर दिया गया कि योगी आदित्यनाथ ने गृह मंत्री अमित शाह को धमकी दे दी है कि वो CM नहीं बने तो समाजवादी पार्टी जॉइन कर लेंगे.
हमारी पड़ताल में सामने आया कि न्यूज चैनल के बुलेटिन का स्क्रीनशॉट एडिट कर ये फेक न्यूज फैलाई गई थी.
आप किसी का भी समर्थन करें या विरोध. लेकिन झूठ के जाल में फंसकर किसी का समर्थन या विरोध करना तो आप भी नहीं चाहेंगे. इसलिए वॉट्सऐप पर आने वाले फॉरवर्ड, किसी ट्वीट या किसी भी फेसबुक पोस्ट को बिना क्रॉस चेक किए सच न मानें.
(हम उत्तरप्रदेश चुनाव से जुड़े तमाम भ्रामक दावों की पड़ताल कर रहे हैं. अगर आपके पास ऐसी कोई जानकारी आती है जिसके सच होने पर आपको शक है. तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या मेल आइडी WEBQOOF@THEQUINT.COM पर हमें भेजिए. तब तक हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरी पढ़ने के लिए फेसबुक और ट्विटर पर क्विंट हिंदी को फॉलो करें और वेबकूफ न बनें.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)