बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि देश का सबसे बड़ा और सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तरप्रदेश, 1947 से 2017 तक राज्यों की अर्थव्यवस्था के मामले में छठवें और सातवें नंबर पर आता था.
सीएम योगी ने आगे कहा कि पिछले पांच सालों में उनकी सरकार ने उत्तरप्रदेश को देश में दूसरे स्थान पर लाने में सफलता हासिल की है.
वीडियो में 11 मिनट बाद योगी आदित्यनाथ को ये दावा करते हुए सुना जा सकता है.
1947 से 2017 तक उत्तरप्रदेश की अर्थव्यवस्था छठवें और सातवें नंबर पर चल रही थी. 70 सालों में जो काम नहीं हो पाया, 5 सालों में ही हमें उत्तरप्रदेश की अर्थव्यवस्था को नंबर 2 पर लाने में सफलता प्राप्त हुई है.प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी
हालांकि, मुख्यमंत्री का ये दावा तथ्यों की कसौटी पर खरा नहीं उतरता. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 'केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय' से प्राप्त जो डेटा पब्लिश किया, उसके मुताबिक उत्तरप्रदेश 2012 के बाद से ही अर्थव्यवस्था के मामले में टॉप 5 राज्यों में शामिल रहा है. यानी योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने से भी पहले.
क्या कहता है ऑफिशियल डेटा?
हमने रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर 24 नवंबर, 2021 को छपी 'Handbook of Statistics on Indian States' में उपलब्ध डेटा चेक किया. यहां केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय से आए डेटा को एकत्रित करके छापा जाता है. यहां साल 2011-12 से 2020-21 तक के सभी राज्यों की जीडीपी (GSDP) के आंकड़े भी दिए गए हैं.
इस डेटा के मुताबिक, 2011-12 से 2016-17 तक उत्तरप्रदेश महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद तीसरे स्थान पर बना रहा.
2017-18 से 2019-20 के बीच उत्तरप्रदेश एक स्थान नीचे आ गया, हालांकि 2019-20 तक महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात के बाद चौथे स्थान पर बना रहा.
योगी आदित्यनाथ ने मार्च 2017 में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
उपलब्ध डेटा के मुताबिक, साल 2020-21 में उत्तरप्रदेश तीसरे स्थान पर रहा. हालांकि, इस साल की पूरी रिपोर्ट अभी प्रकाशित नहीं हुई है. क्योंकि महाराष्ट्र और गुजरात समेत 12 राज्यों की जीडीपी के आंकड़े इसमें नहीं हैं.
हमने 2011-12 के पहले का डेटा भी देखा. वित्तीय वर्ष 2004-05, से लेकर 2009-10 तक उत्तरप्रदेश महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर था. 2010-11 के बाद यूपी तीसरे स्थान पर पहुंच गया. 2010-11 में महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने उत्तरप्रदेश की जगह ले ली थी.
यही डेटा केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है.
हमने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क किया है. जवाब आते ही इस स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.
योगी सरकार में उत्तर प्रदेश ने किया कितना विकास?
देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में हो रहे चुनावों को देखते हुए, क्विंट की वेबकूफ टीम ने राज्य की अर्थव्यवस्था, प्रति व्यक्ति आय का विश्लेषण किया है, जिससे पिछली समाजवादी सरकार और वर्तमान सरकार के काम का आकलन किया जा सके. ये पूरा विश्लेषण आप यहां पढ़ सकते हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि योगी आदित्यनाथ के दावे से इतर उत्तरप्रदेश ने उनके सीएम रहते आर्थिक रूप से कितना विकास किया है. असल में उनकी सरकार (2017-2021) में उत्तरप्रदेश की अर्थव्यवस्था में 2% की वृद्धि हुई.
हालांकि, गौर करने वाली बात ये है कि इसमें कोरोना महामारी वाला साल 2020-21 भी शामिल है, जिसका देश भर की अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ा था.
ये आंकड़े 2012-17 तक रही समाजवादी पार्टी की सरकार की तुलना में 6 प्रतिशत कम थे.
वहीं, वित्तीय वर्ष 2018-20 के बीच राज्य में प्रति व्यक्ति आय लगभग 3% बढ़ी. ये देश भर में प्रति व्यक्ति आय का औसत 4.6% से तो कम है ही, बल्कि उत्तरप्रदेश में पिछली सरकार के दौरान 2012-17 के बीच की प्रति व्यक्ति आय 5% से भी कम है.
मतलब साफ है, योगी आदित्यनाथ का ये दावा सही नहीं है कि 1947 से लेकर 2017 तक उत्तरप्रदेश अर्थव्यवस्था के मामले में छठवें या सातवें नंबर पर रहता था. असल में उत्तरप्रदेश साल 2004-05 में दूसरे और 2009-10 में तीसरे स्थान पर रहा.
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